रसोई घर को चौका कहा जाता है । जहाँ चार बातों का विचार किया जाता है वह है चौका । चार बातें हैं -
1 . कब
2 . कितना
3 . कैसे
4 . क्या ।
मतलब कब खाना ?
कितना खाना ?
कैसे खाना ?
और क्या खाना ?
कल तक चौके को रसोई घर कहा जाता था ,
आज वह किचन हो गया है ।
रसोई घर और किचन में अन्तर है ।
जहाँ रस बरसे वह रसोई है तथा जहाँ किच - किच हो वह किचन है ।
दबा - दबा कर खाएगा तो फिर दवाखाना भी जाएगा ।