Wednesday 27 March 2019



नेहरू खानदान की हिमाकत की दाद देनी पड़ेगी..//
पूरा परिवार भ्रष्टाचार में जमानत पर है...ओर भाषण ईमानदारी पर दे रहे हैं...
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अंतरिक्ष में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक .//
3 मिनट में मार गिराया जासूसी सैटेलाइट..मोदी है तो मुमकिन है
भारत अन्तरिक्ष में जो सुपरपावर बना है भारत ने एक अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की है। भारत में आज अपना नाम ‘स्पेस पावर’ के रूप में दर्ज करा दिया है। अब तक रूस, अमेरिका और चीन को ये दर्जा प्राप्त था, आज हिंदुस्तान दुनिया की चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बना । "भारत" 3 मिनट में पूरे पाक में अंधेरा, टीवी, इंटनरेट, विमान और परमाणु बम सहित सारी सेवाओं को ठप्प कर सकता है।
ये मोदी का भारत है
इस तरह के सेटेलाईट का उपयोग पड़ोसी देश सेना के मूवमेंट को कैप्चर करके आतंकियो को जीपीएस के माध्यम से लोकेशन की सटीक जानकारी पहुंचाया जाती थी
उसका प्रभाव
किसी भी युद्ध में सेटेलाईट युद्ध के संचालन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आज के दौर में सेटेलाईट के बिना कोई भी देश हर तरह के हथियार रखने के बावजूद कागजी शेर से जादा कुछ नही ओता .सेना के लगभग सभी हथियार और उपकरण सेटेलाईट संचार से जुड़े होते है.ऐसे हालात में दुश्मन के कम्युनिकेशन सिस्टम और जासूसी उपकरणों को नष्ट करने की छमता हासिल कर भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है
== आज की कामयाबी का श्रेय कांग्रेस ने DRDO को दिया है ....और डीआरडीओ के पूर्व मुखिया डॉ वी के सारस्वत ने इसका श्रेय नरेंद्र मोदी जी को देते हुए कहा है कि DRDO भारत का संस्थान है जिसका मुखिया भारत का प्रधानमंत्री ही होता है किसी का बाप दादा नही

== डीआरडीओ के तत्कालीन प्रमुख वी के सारस्वत का बयान आया है कि भारत पहले ही एंटी सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम बना सकता था परंतु अप्रेल 2012 में यूपीए सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसकी अनुमति नहीं दी थीं।
== 2007 में भी कर सकते थे ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल लॉन्च, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी।
पूर्व इसरो चीफ माधवन नायर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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Monday 25 March 2019

== मोदी जी अगर 2024 तक प्रधानमंत्री बने रहे
तो ये तय है कि..
भारतीय सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली
सेना होगी ..//:- जनरल बिपित रावत
==  भारत की जल्द 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के दरवाजे पर दस्तक।जिसकी हमने 200 साल गुलामी की उससे ही छीनेंगे पांचवां स्थान..//
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== जो कल तक JNU में भारत तेरे टुकड़े होंगे नारे लगा रहे थे वो आज कोंग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं?
== क्या राहुल गांधी हार्दिक पटेल, चंद्रशेखर रावण ,कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवानी जैसे के हाथों में देश सुरक्षित रह सकता है जवाब दीजिये ..?
== आतंकवाद का पालन पोषण:- पाकिस्तान करता है।देखभाल :- चीन करता है।
वकालत :- कांग्रेस करती है
== प्रियंका वाड्रा तुम गंगा की बेटी नहीबल्कि,
सैकडो संतो की कातिल इंदिरा की पोती ओर ..
10 हजार सिखो के कातिल राजीव गांधी की बेटी हो
==  8 राज्यों में हिंदुओं को मिल सकता है अल्पसंख्यक का दर्जा! अल्पसंख्यक आयोग जल्द करेगा फैसला!
ये है कोंग्रेस के 60 सालों
==  पाकिस्तान एक ऐसा राक्षस है जिसकी जान कांग्रेस नामक तोते में बंद है, कांग्रेस की गर्दन मरोड़ दी जाये तो राक्षस खुद ही मर जायेगा - राजन सिंह‎‎
== मुझे अगर प्रधानमंत्री बनाया गया तों मैं देश के हर नागरिक को हर रोज़ 1 लाख़ रूपये दे सकता हूँ।बोलने में क्या जाता हैं!
पाकिस्तान एक ऐसा राक्षस है जिसकी जान कांग्रेस नामक तोते में बंद है, कांग्रेस की गर्दन मरोड़ दी जाये तो राक्षस खुद ही मर जायेगा
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good news -70 साल का इंतजार खत्म,
पहली बार *मिजोरम* पहुँची ट्रेन!...मोदी है तो मुमकिन है...

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मुफ्तखोरी भारत को  धीरे धीरे बर्बाद कर रही है ..//

जो कांग्रेस सब्सिडी के सिलेंडर साल में 7-9 करने में उलझी रहती थी, 72 हजार देगी ?भारत में कुछ लोग ऐसे हैं ..500, 1000 रुपए मिल जाए तो ये लोग लादेन को भी वोट दे देंगे 
== राहुल ने MP के युवाओं को ₹4000,राजस्थान के युवाओं को ₹10000 अभी तक नही दिया है,अब पुरे देश को ₹72000 पर ठगने की तैयारी
== 72000 क्या एक चवन्नी नहीं मिलेगी, उल्टा लालच में एक ईमानदार और त्यागी प्रधानमंत्री मोदी से हाथ धो बैठोगे
== हमारे टैक्स के पैसों को जेहादियों घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों को गरीब बता कर बांटेगी कांग्रेस
हिन्दूओ को कुछ नहीं मिलने वाला है
== फ्री बिजली-पानी, फ्री बेरोजगारी भत्ता चुनाव में वही मुद्दा बनाते हैं जिनके पास देश कि समस्या का समाधान नहीं होता
वोट बैंक के लिए मुफ्तखोरी भारत को भारत को किस कद्र धीरे धीरे बर्बाद कर रही है उस पर मद्रास हाईकोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेहद चिंता भी जता चुके है और कहा मुफ्त का चावल तमिलनाडु के लोगो को निक्कमा बना दिया ..ये बन्द हो और सिर्फ बीपीएल लोगो को मिले
ये निक्कमापन  कर्नाटक में 2017 में देखा ...कर्नाटक यात्रा के दौरान मैं उडुपी से 200 किलोमीटर दूर अपने मित्र के विशाल रिजॉर्ट में रुका था । मित्र का करीब 20 एकड़ में सुपारी प्लांटेशन था .. मित्र के पिता जी ने बताया कि पहले मजदूर बहुत काम करते थे लेकिन अब कर्नाटक  की कांग्रेस रकार  की नीति मजदूर काम करने नहीं आते बल्कि सारा दिन घर में पड़े रहते हैं
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हर महीने राशन कार्ड होल्डर को 30 किलो चावल एक किलो दाल और नमक तथा तेल का एक पैकेट मुफ्त में देती है
अब इससे फायदा नही हुआ ..उल्टे कर्नाटक में खेतो और बागानों में काम करने के लिए अब मजदूर नही मिलते .. मछली व्यापारियों को मछुयारे नही मिलते क्योकि सब निठ्ठले हो गये .. सबको मुफ्त में राशन तेल नमक मिल रहा है तो कोई काम क्यों करे ..
नतीजा . अब कर्नाटक की खेती किसानी, बागवानी, फिशिंग आदि उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो चुके है ..

ठीक यही तमिलनाडु में हो रहा है ...तमिलनाडु के उद्योग और खेती बुरी तरह प्रभावित हो रहे है ..लोगो को सरकार मुफ्त में चावल, तेल नमक मसाला आदि दे रही है इसलिये अब कोई काम नही करना चाहता ...

मद्रास हाईकोर्ट ने इस परंपरा पर चिंता जताते हुए कहा कि राजनीतिक दल वोट के लिए देश को बर्बाद कर रहे हैअब कल्पना करिए कि राहुल गांधी ने जो ₹12000 देने का वायदा किया है वह इस देश की जीडीपी को इस देश के उद्योग धंधे को किस तरह बर्बाद कर देगा और लोगों को किस कदर काम चोर बना देगा
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गरीबी हटाओ प्रपंच का नया प्रपंच....//
चिदंबरम पप्पू जालसाजी वोट कमाओ कांग्रेसी योजना..//
ये योजना सिर्फ 20% ऐसे अति गरीब परिवारों के लिए हैं जिनकी मासिक आय 12000/- रूपए से कम हैं। उसमें लाभ देने का तरीका यह होगा कि अगर मान लो कि आपके परिवार की आय 10000/- रूपए मासिक हैं तो आपको 2000/- रूपए मिलेगा और अगर मेरे परिवार की मासिक आय 11500/- रूपए हैं तो मुझे 500/- रुपए महीना मिलेगा। और पप्पू डायलॉग ऐसे मार रहा जैसे कि बहुत बड़ी योजना लेकर आया हो मने 20% लोगों के नाम पर 100% लोगों को बरगलाने के नाम पर वोट हथियाने का मंदबुद्धि पप्पू छाप दिमाग।
Sanjeev Tripathi
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इतनी धनराशि की व्यवस्था वह कँहा से करेगा?
राहुल गांधी ने आज कहा है कि यदि सत्ता में आ गए तो 25 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष ₹72000/ के हिसाब से ₹18,000,000,000,000 करोड़ सीधे उनके खाते में डाल दूंगा.
यानी देश के बजट का 75% . क्या राहुल गांधी बताएंगे इतनी धनराशि की व्यवस्था वह कँहा से करेगा?
Uma Shanker Singh
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राहुल गांधी जी के वादे के इस झुनझुने को सही भी मानें और 5 करोड़ परिवार को मिनिमम 6000₹/महीने की भी मदद देनी हो तो 30 हज़ार करोड़ रुपए चाहिए होंगे हर महीने। यानी साल का साढ़े तीन लाख करोड़ से ज़्यादा। पैसे उगाने का कोई पेड़ लगाने का इरादा है या कोई और स्कीम है?
मजे की बात ये की भारत की कुल जीडीपी 121 लाख करोड़ रुपये है ...फिर कृषि और रक्षा तथा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कहाँ से पैसे आएंगे ?
 सोच विचार कर फैसला लेना क्योंकि मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने युवाओं को ₹4000 महीना देने का वायदा किया था और आज तक ₹1 नहीं दिया
Jitendra Pratap Singh

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राहुल गाँधी क-के-बाद-एक  10 झूठ 
राहुल गाँधी की चुनावी रणनीति साफ है- मीडिया के समुदाय विशेष की मदद से फर्जी ख़बरें फैलाते रहना, और जनता को बेहोश रखने के लिए ‘₹12,000 महीना’ जैसी हवा-हवाई स्कीमों का चूरन हवा में उड़ाते रहना। पर उनकी इस नीति को कितनी सफलता मिलेगी, यह वक्त ही तय करेगा

1.
राहुल गाँधी दावा करते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव ‘विचारधारा’ की लड़ाई हैं, और इस लड़ाई में वह और कॉन्ग्रेस ही भारत के एकलौते तारक-उद्धारक हैं। वह भाजपा (जो कि 1980 में बनी ही थी) पर 1947 में विभाजन के समय भारत के विभाजन का समर्थन करने का आरोप लगाते हैं, और अपनी पार्टी को एकता, प्रेम, और भाईचारे का समर्थक बताते हैं।

पर सच्चाई इसके उलट है। कॉन्ग्रेस वही पार्टी है जिसने ‘हिन्दू आतंकवाद’ का शिगूफा छेड़ा और भारत की छवि बर्बाद की। राहुल गाँधी खुद अमेरिकी राजदूत से एक शाखा लगा कर व्यायाम-देशभक्ति सिखाने और बाढ़ में स्वयंसेवक भेजने वाले आरएसएस को आतंकी अल-कायदा से खतरनाक संगठन बता आए थे। साधुओं को जेल भेजने और मोदी को सत्ताच्युत करने की अपील पाकिस्तान में करने वाली भी यही पार्टी है।

हिन्दुओं को जाति से लेकर भाषा तक हर तरीके से बाँटना और मुसलमानों को एकजुट कर, तुष्टीकरण कर, वोटबैंक बनाना ही कॉन्ग्रेस की नीति है।

2.
राहुल गाँधी के अनुसार मोदी ने मनरेगा और अन्य जनकल्याण योजनाओं को राजनीतिक विद्वेष के चलते बर्बाद कर दिया। यह दावा भी यथार्थ के विपरीत है। राजग सरकार ने न केवल मनरेगा में न केवल आमूलचूल सुधार किए, ताकि लाभार्थियों तक इसके लाभ सीधे पहुँचें, बल्कि इसके लिए बजट आवंटन भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर ₹60,000 करोड़ मोदी सरकार के इस वर्ष के अंतरिम बजट में हुआ है।

3.
राफेल का मुद्दा नाहक उठाने में राहुल गाँधी को सरकारी विमान-निर्माण कम्पनी HAL से अत्याधिक प्रेम हो गया है। रैली में उन्होंने दावा किया कि HAL के बनाए मिग-21 विमानों से ही बालाकोट पर हमला हुआ था। जबकि बालाकोट पर बमबारी मिराज-2000 लड़ाकू जेटों से की गई थी। इसे बनाने वाली वही दसाँ है जिससे कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राफेल बनाने को लेकर खफा हैं। वहीं HAL के काम-काज पर संसद की वह समिति सवाल खड़े कर चुकी है जिसके मुखिया कॉन्ग्रेस के लोकसभा दल के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे हैं।

4. ‘
राफेल का भूत राहुल गाँधी के फिर से चिपट गया। बीच में ऐसा लगा था कि जब ऑपइंडिया ने राफेल की डील असफल होने में उनका निजी आर्थिक हित दिखा दिया तो राफेल वाला भूत शायद उतर गया हो, पर इस रैली में वह फिर इसी भूत से पीड़ित नज़र आए।

राफेल की संप्रग सरकार के समय कीमत और शर्तों से लेकर दसाँ द्वारा अनिल अम्बानी के चयन की प्रक्रिया तक वह हर पहलू पर झूठ बोलते पकड़े गए हैं। यहाँ तक कि वह कभी यह दावा करते थे कि पूर्व रक्षा मंत्री पार्रिकर ने उनके कान में घोटाले की बात कबूली, तो कभी पत्रकार एन राम के फोटोशॉप किए गए रक्षा मंत्रालय के नोट से दोबारा उन्हीं पार्रिकर को उनके अंतिम दिनों में घेरने की कोशिश करते।

5.

राहुल गाँधी कभी यह साफ-साफ नहीं बता पाए कि आखिर मोदी ने अम्बानी को कितने का ‘गलत फायदा’ पहुँचाया। वह कभी ₹1 लाख करोड़ कहते हैं, कभी ₹1 लाख 30 हजार करोड़, कभी 1 लाख उड़ा कर केवल ₹30 हजार करोड़।

जबकि सच्चाई यह है कि ऑफसेट का पूरा कॉन्ट्रैक्ट ही ₹29,000 करोड़ का है जिसमें दसाँ के अलावा MBDA, Thales और Safran नामक तीन और कम्पनियों की भी देनदारी बनती है।

6.
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष यह भी अक्सर कहते हैं कि मोदी ने अमीरों का कर्जा कर दिया। पर कितने का किया, यह संख्या भी चुनाव पास आने के साथ बढ़ती रहती है। 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान यह आँकड़ा ₹20,000 करोड़ था, जो आज ₹3.5 लाख करोड़ हो गया।

एक बार फिर अगर हम सच्चाई के आईने को देखें तो अमीरों का कर्जा माफ करना तो दूर, मोदी सरकार ने ₹9,000 करोड़ न चुकाने पर विजय माल्या की ₹13,000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली, और Insolvency and Bankruptcy Code के जरिए 2 साल में ₹3 लाख करोड़ की वसूली कर्ज लेकर न चुकाने वाले बड़े लेनदारों से की।

7.
जिन राज्यों में कॉन्ग्रेस हालिया समय में राज्य सरकार में आई है, वहाँ कर्ज माफी का आलम यह है कि किसान सर पीट रहे हैं। किसी ने कर्ज-माफी स्कीम में खुद के अपात्र होने पर आत्महत्या कर ली, तो ₹24,000 की कर्ज माफी की उम्मीद में किसी को ₹13 से ही संतोष करना पड़ा। किसान सामूहिक आत्महत्या की भी धमकी दे रहे हैं।

राजस्थान में ही, जहाँ राहुल गाँधी बोल रहे थे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्ज माफी न कर पाने का ठीकरा भाजपा के सर फोड़ दिया। वहीं कर्नाटक में कर्ज-माफी के बाद भी किसानों को कर्ज चुकाने का नोटिस थमाया जाना जारी है। ₹44,000 करोड़ की कर्ज माफी का दावा करने वाली कर्नाटक की संप्रग सरकार केवल 800 लाभार्थी प्रस्तुत कर पाई।

8.
राहुल गाँधी वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाते हैं कि शराब व विमान कारोबारी ने विदेश फरार होने के पूर्व जेटली से ‘मुलाकात’ की थी। जेटली यह साफ कर चुके हैं कि माल्या ने राज्यसभा सदस्यता का दुरुपयोग कर उनसे बात करने का प्रयास भर किया था, पर उन्होंने बात करने से साफ मना कर दिया था।

फिर राहुल गाँधी एक कॉन्ग्रेस नेता को ‘चश्मदीद’ बना के ले आए कि जेटली-माल्या में 20 मिनट बात हुई थी। पर अरुण जेटली के उस दिन के शिड्यूल में ऐसी बातचीत ही नामुमकिन निकली।

इसके अलावा यह भी सवाल लाजमी है कि मोदी या जेटली की अगर माल्या से कोई साठ-गाँठ होती तो क्या आज माल्या को प्रत्यर्पण और कर्ज की लगभग डेढ़गुणा संपत्ति का जब्त होना झेलना पड़ता?

9.
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट से अपनी नियुक्ति जीत कर आए सीबीआई प्रमुख अलोक वर्मा को मोदी ने गलत तरीके से हटा दिया। यहाँ भी सच्चाई कुछ और है। आलोक वर्मा की अदालती जीत प्रक्रियागत मुद्दा थी– सुप्रीम कोर्ट ने उनके हटाए जाने के फैसले पर टिप्पणी न करते हुए केवल यह पाया था कि उन्हें हटाने के लिए न्यायोचित प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक उन्हें हटाने का अधिकार केवल उन्हें नियुक्त करने वाली उस समिति का था जिसके सदस्य मुख्य न्यायाधीश, पीएम, और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता थे।

आलोक वर्मा को अंत में इसी समिति के बहुमत के निर्णय से पदमुक्त किया गया।

10.
राहुल गाँधी ने मृतप्राय ‘जय शाह मुद्दे’ को फिर उछाल यह जताने की कोशिश की कि मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह को गलत तरीके से पैसा दे कर उनके ₹50,000 के व्यापार को ₹80 करोड़ महीने का बना दिया था। इस आरोप का ऑपइंडिया विस्तृत रूप से खण्डन अपने पोर्टल पर छाप चुका है।

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केसरी
मैं केसरी फ़िल्म देखने गया था,,,जब से सिनेमा हॉल के बाहर निकला हुन मन मे कुछ सवाल क्रोन्ध रहे है ,,,कुछ तस्वीरें साफ हो रही है,,,कुछ चालें समझ भी आ रही है.
वामपंथी इतिहासकारों और कांग्रेसी सरकारों ने इतिहास के नाम पर हमें सिर्फ मुग़लों और गांधी-नेहरू परिवार की हफीम चटाई है,,ताकि ये क़ौम जाग न पाए,,इसे वोटर (गुलाम) बनाये रखा जा सके.हमें पाठ्यक्रम यूं पढ़ाया गया है मानो भारत का इतिहास मुग़लों से आरंभ हो कर गांधी-नेहरू पर खत्म हो जाता है...हमारे वीरों की अजय अमर गाथाओं को सुनियोजित तरीके से दफन कर दिया गया..मैंने कभी सारागढ़ी का नाम तक न सुना था न पढ़ा था,,या यूं कहिए मुझ तक सारागढ़ी का नाम आने ही नहीं दिया गया.वो तो भला हो सोशल मीडिया का जिसने हमें इस कैद से मुक्ति दिलाई... मैंने सारागढ़ी की जंग के विषय मे सर्वप्रथम सोशल मीडिया के जरिये जाना ,,सोचिए,,,कितने ही गुमनाम सपूत होंगे जिनके बलिदान व पहचान को गांधी-नेहरू के काले साये ने ढक लिया...
आखिर क्यों हमारे हीरो हमसे व हमारी पीढ़ियों से छुपा कर रखे गए??क्यों सारागढ़ी ,गुरु गोबिंदसिंह,गुरु तेग बहादुर,नेताजी,भगत सिंह जैसे बेशुमार घरतीपुत्रों के नामों से दूर रख कर एक ही खानदान व एक ही परिवार को हम पर थोपा गया??हमें हमारे इतिहास से इसलिए अनभिज्ञ रखा गया ताकि हमारी पीढियां मानसिक 'गुलाम' रहें??? या कोई एक वर्ग विशेष नाराज न हो जाए?...
याद रहे जो इतिहास को मसलते है,,इतिहास उन्हें मसल देता है
-मनोज कुरील
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गरीबों को लालच देने वाले Rahul gandhi पहले ये बतायें की ये खैरात बाँटने को ₹3000अरब कहाँ से लाओगे,,?

Thursday 21 March 2019

पाकिस्तान चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा है कि अगर मोदी दोबारा पीएम बना तो हम बर्बाद हो जाएंगे.. सुनकर "अच्छा लगता है"== प्रियंका ने बाबा विश्वनाथ की पूजा की और नीरव मोदी गिरफ्तार..
वाड्रा बोला,"डार्लिंग ज्यादा पूजा मत करो..मुझे अभी जेल नहीं जाना"
== वाह: क्या जमाना आया है
भारत की तरफ से चीन को अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस धमका रहें हैं। मोदी है तो मुमकिन है= आज 27 देशों के साथ
डॉलर की जगह रुपये में व्यापार होने लगा है और
visa को लात मारकर RuPay अपनाकर अरबो बच रहे हैं
गर्व है,भारत उदय पर
== पिताजी और दादी के हत्‍यारों के प्रति मनमें कोई नफरत नहीं: राहुलगांधी मोदीसे इतनी नफरत क्यों है भाई तुम्हारा धंधा बंद कर दिया क्या?
== अगर रोजगार का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी है तोअंबानी को भी बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिये
== गोधरा कांड के मुख्य आरोपी कांग्रेसी MLC याकूब को उम्र कैद ..//याद रखना इसीने ट्रेन में आग लगाई थी और ये अहमद पटेल का खास है
== जो लन्दन में बैठे चोर को नहीं छोड़ रहा, वो देश में बैठे चोरों को कैसे छोड़ेगा,कांग्रेस में चिंता की लहर...
== न दूसरी झाँसी की रानी आयेगी,न आज़ाद,न ही पटेल और न ही दूसरा मोदी आयेगा अभी भी वक्त हे सम्भल जाओ वर्ना इतिहास माफ़ नही करेगा ..//
== 6रुपये की दमदार मजबूती..बाजार ने दिए मजबूत सरकार आने के संकेत.RUPYA .74.50 से 68.50 आ गया.../
==  जब देश में एक संविधान था और सभी को समान अधिकार मिले हुए थेतो फिर कांग्रेस ने
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को मंजूरी क्यों दी .?/
== बीजेपी आयी तो पाकिस्तान के टुकड़े
कोग्रेस आयी तो ,भारत के टुकड़े ...
निर्णय लेना है ...वोट किसको देना है
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अनिल अम्बानी" का "राहुल गाँधी" पर जबरदस्त प्रहार..
" एक दो कोड़ी का आदमी, जिन के खानदान ने हमेशा देश को लूटा है वह हर चुनावी सभा में मुझे बदनाम करता है, मैं आज उस से कुछ सवाल करता हूँ, उम्मीद है मीडिया उस से पुछेगी ।
1. मैं ओर मेरा परिवार भारत देश को हर साल करीब 50000/- करोड़ का टेक्स देते हैं । लाखों लोगों को रोजगार, लाखों परिवार को गुजारा करने के लिये तनख्वाह देते हैं । गांधी परिवार इस देश को कितने रुपये का योगदान देता है ???? मैंने सुना है पुरा परिवार टेक्स चोरी करने के केस में कोर्ट से जमानत पर छूटा हुआ है और देश के अरबों रुपये लूट कर आपकी माँ दुनिया का चौथी सबसे अमीर महिला बन गयी है, क्या बिजनेस है आपके परिवार का, ज़रा देश की जनता को बता दीजिये, कहाँ से आया इतना पैसा आपकी माँ के पास, ज़रा ये बताइये ???
2. हम बैंको से लोन पिछले 40 वर्षों से लेते आये हैं और करोड़ों रुपये का ब्याज भी देते हैं, और हमारे जैसे हर उद्योगपति, व्यापारी और बिजनेसमेन लोन लेते हैं और गारंटी भी देते हैं । तभी बैंक गरीबों को FD पर ब्याज देते हैं । तुम बताओ तुम्हारे जैसे नेताओं और तुम्हारे जीजा जी ने बैंको से मुफ्त (बिना ब्याज) लोन क्यूँ ले रखा है ??? क्या बिजनेस है ??? किस देश में बिजनेस चलता है ?? कितनी मलकियत किस किस देश में ले रखी है ?
3. तुम्हारे जीजा जी ने 15 साल पहले 1 लाख रुपये से कौन सा बिजनेस शुरू किया था, वो कैसे 10 साल में 10,000 करोड़ की सम्पत्ति का मालिक बन गया, कहाँ से आया उसके पास इतना पैसा और इतनी ज़मीनें ? लन्दन में 2 बंगले और 6 फ्लैट लेने का पैसा आपके जीजा जी के पास कहाँ से आया ???
4. मेरे प्यारे देशवासियों, मुझे जब से पता चला ये परिवार विदेशी एजेंट है ये पार्टी देशद्रोहीयों का समर्थन करती है मैंने काँग्रेस को जबर्दस्ती का चंदा देना बंद कर दिया है, तब से ये मेरे पीछे पड़े हैं, मुझे बदनाम कर रहे हैं । वर्ना आप बताइये मुझे 5000 करोड़ की दिल्ली की एयरपोर्ट मेट्रो और मुझे मुम्बई मेट्रो का 3900 करोड़ का ठेका मनमोहन सरकार में मिला तब सरकारी कंपनी को क्यूँ नहीं दिया था ???
5. दिल्ली में (पहले DESU) DVB का बिजली सप्लाई का ठेका जो 1200 करोड़ का था वो NTPC (सरकारी कंपनी ) की जगह मुझे सोनिया गांधी के कहने पर शीला दीक्षित ने दिया था ।
6. 2004 से 2014 के बीच UP के 3, ओडिसा, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब के कुल 8 नेशनल हाईवे और प्रोजेक्ट (25350 करोड़) मेरी कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को काँग्रेस सरकार ने क्यूँ दिया ?? जबकि कई सरकारी कम्पनियाँ है जो ये काम कर सकती थीं ??? "
धन्यवाद
अनिल अंबानी
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नीरव मोदी के बिजनेस पार्टनर है, अनिता सिंघवी,अविष्कार सिंघवी ,दोनों कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी के पत्नी और बेटे हैं..//
== राजीव गांधी के दोस्त और राहुल गांधी के अंतरराष्ट्रीय गुरु सैम पित्रोदा का कहना है ...की कुछ लोगो की गलती की सजा पूरे पाकिस्तान को देना गलत है ..
काँग्रेज़ का हाथ आतंकियो के साथ
== ओर अंत मे सारा कीचड़ ओर देशद्रोही काँग्रेज़ में ही गिरता है 
फिर 2014 का केजरीवाल गैंग हो या 2019 का ये टुकड़े टुकड़े गैंग
== जब तक अदालत दोषी करार ना दे तब तक वाड्रा को अपराधी नही कह सकते:-कांग्रेस,
तो फिर चौकीदार को चोर  कैसे बोलते हो ख़ानदानी हरामखोरों .?



Saturday 16 March 2019

patr-vishesh

जूते की दास्तां : 
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जयपुर की कंपनी सेना के लिए जूते बनाती है, फिर वह जूते इस्राइल को बेचते थे, फिर इजराइल वहीँ जूते भारत को बेचते थे, और फिर वे जूते भारतीय सैनिकों को नसीब होते थे ! भारत एक नंग जूते के Rs. 25,000/- देते थे और यह सिलसिला कोंग्रेस द्वारा कई सालो से चल रहा था ।
.जैसे ही मनोहर पर्रिकर को यह पता चला, आग बबूला हो गए .. जयपुर कंपनी के CEO को मिले, कारण पूछा, तो जवाब मिला : "भारत को डायरेक्ट जूते बेचने पर, भारत का सरकारी तंत्र सालो तक पेमेंट नहीं देती थी, इसलिए हम दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करने लगे"
.मनोहर पर्रिकर ने कहा : "एक दिन, सिर्फ एक दिन भी पेमेंट लेट होता है तो आप मुझे तुरंत कॉल कीजिए, बस, आपको हमे डायरेक्ट जूते बेचना है, आप प्राइस बताएं" और इस तरह आखिर पर्रिकर ने वहीँ जूते सिर्फ 2200/- में फाइनल किया !! सोचिए ... जूते के 25,000/- देकर कोंग्रेस ने सालों तक कितनी लूंट मचा रखी थी !!-- Dr Hardik Savani
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अब इन्हें पता चला है थे कि आतंकवाद क्या होता है
मुस्लिम किसी भी देश के मूल डेमोग्राफिक को और वहां की स्थानीय संस्कृति को किस तरह से बर्बाद कर देते हैं यदि वह आपको देखना है तो आप स्वीडन के गुटेनबर्ग शहर में जाइए या इस शहर के बारे में आप गूगल में सर्च करें
1930 तक स्वीडन में एक भी मुस्लिम नहीं था फिर धीरे धीरे कुछ मुस्लिम मिडिल ईस्ट की देशों से स्वीडन की तरफ गए.. फिर 70 के दशक में इराक सीरिया लेबनान से पलायन होते होते 80 के दशक तक स्वीडन में मुस्लिम इतने हो गए कि आज वहां के जनसंख्या के 20% मुस्लिम हो चुके हैं इतना ही नहीं स्वीडन के दूसरे सबसे बड़े शहर गुटेनबर्ग पर इन्होंने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और वहां उन्होंने यह अब अपनी समानांतर सरकार चलाते हैं शरिया कानून की मांग करने लगे हैं और कई बार स्वीडन में इन्होंने आतंकी हमले किए धीरे धीरे इन्होंने स्वीडन की पूरी स्थानीय संस्कृति को बर्बाद करके रख दिया है
अब ईसाईयों के मन में इस्लाम के प्रति जो नफरत बढ़ रही है वह होना जायज है और मैं इसका समर्थन कर रहा हूं
अब तक अफगानिस्तान में तालिबान ने सैकड़ो हिंदू और सिखों का कत्लेआम कर दिया बमियान में गौतम बुद्ध की प्रतिमा बारूद से उड़ा दी तब इन्हें आतंकवाद नजर नहीं आया... कश्मीर से हिंदुओं का सफाया कर दिया गया तब इन्हें आतंकवाद नजर नहीं आया... सोमालिया में अल शबाब ईसाईयों का सफाया कर रहा है लेकिन किसी भी मुस्लिम को इस में आतंकवाद नजर नहीं आया ...अल शबाब का प्रमुख स्वीडन जाकर वहां की मस्जिदों में तकरीरे करके स्वीडन के मुस्लिम युवाओं को भी जेहाद के लिए उकसा दिया और स्वीडन में भी तमाम आतंकी हमले हुए लेकिन तब शांति दूतों को आतंकवाद का मतलब समझ में नहीं आया
फ्रांस के राजधानी पेरिस में अखबारों की दफ्तर में बंदूकधारी घुसकर कत्लेआम मचाते हैं.. लंदन, मेड्रिड और नीदरलैंड के मेट्रो ट्रेन में कत्लेआम मचाते हैं तब किसी शांतिदूत को दुख नहीं होता तब कोई शांतिदूत यह नहीं कहता कि क्या हुआ किसी का कार्टून बना देने से किसी को मारना गलत है लेकिन तब पूरे दुनिया के शांति दूत कह रहे थे कि जो भी हमारे आराध्य का कार्टून बनाएगा वह मारा जाएगा
 न्यूटन का नियम याद रखना कि प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है और होती रहेगी हां यह जरूर है कि आतंकवाद में सिर्फ निर्दोष ही मरते हैं लेकिन वह भी कम दोषी नहीं है जो किसी आतंकी घटना पर अपना गुस्सा व्यक्त नहीं करते
जितेंद्र सिंह
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सच्चाई :
न्यूजीलैंड में घुसपैठियों ने एक गूंगी बहरी बच्ची को रौंद डाला था !
इस बच्ची का "बदला" लेने के लिए ही उसके बाप "बैरेट" ने मस्जिद में घुसकर 49 घुसपैठियों को पेल दिया !!
इसमें कहाँ आतंक है ?? बच्ची को न्याय नहीं मिलना चाहिए क्या ?? उसका बाप सिर्फ मोमबत्ती जलाएंगे क्या ?  -- Hardik Savani

srijan-apr



यूरोप का बेल्जियम एक जमाने में बेहद खूबसूरत और शांत देश हुआ करता था ...ब्रुसेल्स यहां की राजधानी है और एंटवर्प यहां का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है जो एक बंदरगाह भी है और विश्व की डायमंड कैपिटल भी है ...दुनिया भर की हीरा कंपनियों की एक ऑफिस एंटवर्प में जरूर होती है इसी एंटवर्प से पूरे विश्व के हीरे का ट्रेडिंग होता है
लेकिन आज आप बेल्जियम में घूमेंगे आपको ऐसा लगेगा कि जैसे आप मोरक्को के रबात में या फिर सऊदी अरब के दमाम में घूम रहे हैं ..चारों तरफ शांतिदूत ही शांतिदूत आपको नजर आएंगे ... दरअसल 1960 और 1970 के दशक में बेल्जियम को अपने कोयले की खदानों के लिए मजदूरों की जरूरत थी और बड़ी संख्या में मोरक्को सोमालिया और मिडिल ईस्ट खासकर तुर्की से मजदूर वहां गए जिन्होंने सुअरो की तरह मल्टीप्लिकेट होकर मात्र 4 दशकों में पूरे बेल्जियम की डेमोग्राफी और संस्कृति बदल कर रख दी .अभी हालात ऐसा हो गया है कि ब्रुसेल्स से लगा एक शहर मॉलेनबीक जहां 8 लाख की आबादी है वह 100% मुस्लिम शहर हो गया वहां से सभी ईसाई पलायन कर चुके हैं फिर धीरे-धीरे ब्रुसेल्स की आधा छेत्रफल इस्लामिक घोषित हो चुका है जहां इसाई अपना घर बेच बेच कर भाग रहे है । बेल्जियम के अखबारों में बार बार यह लिखा जाने लगा है कि आने वाले मात्र 40 सालों में बेल्जियम एक इस्लामिक देश बन जाएगा और जहां मात्र 50 साल पहले बहुसंख्यक रहे ईसाई अब अल्पसंख्यक बन जाएंगे आज हालत ऐसा हो गया है पूरे यूरोप में कहीं भी आतंकी हमला होता है उस हमले के तार कहीं न कहीं बेल्जियम से और खासकर बेल्जियम के मोलेनबीक शहर से जरूर जुड़े रहते है ।
इस्लामिक आतंकवाद का सबसे बड़ा केंद्र असल में मस्जिद है ..इन मस्जिदों में हर शुक्रवार को जो तकरीरे होती हैं वह तकरीरे ही आतंकवाद की सबसे बड़े स्रोत हैं
जितेंद्र सिंह
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नेहरू के कुकर्म की वजह से आज चीन संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बना है वरना संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य भारत बनने वाला था सुरक्षा परिषद से भारत को मिला था ऑफर लेकिन नेहरू ने चीन को थमा दिया
यदि हम भारत का इतिहास उठाकर देंखे तो यह भयंकर भूलों से भरा पड़ा है.
बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जिस स्थायी सीट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में घूम घूम कर समर्थन जुटा रहे हैं, वर्ष 1953 में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य की पेशकश हुई थी ?
लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरु ने संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थायी सदस्य बनने की पेशकश को ठुकरा दिया था बल्कि अपनी ओर से भारत की जगह चीन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले लिया जाने की पेशकर दी. गौरतलब है कि तब तक ताइवान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य था.
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत को बीती सदी के पांचवें दशक में अमेरिका और सोवियत संघ ने अलग-अलग समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता दिलवाने की पेशकश की थी.
तब ये दोनों देश संसार के सबसे शक्तिशाली देश थे और इनके पास इस बात की शक्ति थी कि वे किसी अन्य देश को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में जगह दिलवा सकते थे.
लेकिन उस वक्त नेहरू जी पर विश्व शांति का भूत इस कदर सवार था कि वे अपनी जिद और भ्रम में आगे देश का भविष्य और चुनौतियों को देख नहीं पाए.
एक ओर रूस और अमेरिका भारत से आग्रह कर रहे थे कि उसको संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्ता का प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए. वहीं दूसरी ओर नेहरु जी ने इन दोनों देशों से चीन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जगह देने की वकालत कर रहे थे.
आप को जानकर हैरानी होगी कि जिस चीन को नेहरू जी ने अपने हिस्से की सीट दिलवाई थी वही चीन आज भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की राह में रोड़ा साबित हो रहा है.
आज भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए हर कूटनीतिक कोशिशें कर रहा है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने इस मसले पर भारत के दावे का समर्थन भी किया.
भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दिलाने को लेकर वर्ष 2008 में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में रूस ने प्रस्ताव भी रखा था. रूस चाहता था कि भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य का दर्जा मिलना चाहिए. लेकिन रूस के प्रस्ताव का उसी चीन ने कड़ा विरोध किया,जिसको संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की सदस्यता दिलवाने के लिए नेहरू ने अपनी सीट छोड़ दी थी.
नेहरू की अदूरदर्शिता पूर्ण विदेश नीति को लेकर भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने एक बार अपने ब्लाग में लिखा था कि नेहरुजी का अमेरिकी पेशकश को अस्वीकार करने से बढ़कर कोई उदाहरण नहीं हो सकता कि वे देश के सामरिक हितों को लेकर कितने लापरवाह थे.
एक ओर अमेरिका चीन को हाशिए पर लाने के लिए भारत को मजबूती दे रहा था तो दूसरी ओर नेहरू जी थे जो चीन को सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट दिलवाने के लिए दबाव बनाए हुए थे.
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