पतंजलि प्रकल्प में 7000 लोग नौकरी कर रहे और पुरे भारत में करीब 35000 लोग पतंजलि योगपीठ से परोक्ष रूप से राजगार पा रहे है जबकी यह तो सिर्फ अभी शुरुआत है. बाबा जी का यह तमाचा अंग्रेजो के यहाँ पढ़े अर्थशास्त्रियो को महसूस नहीं होता है क्या....100 लोगो को मेल करे...
1-बाबा रामदेव जी ने आचार्य बाल कृष्ण जी के समर्पण से पतंजलि योग पीठ में राष्ट्र करते हुए भी 7000 लोगो को सीधा स्थाई रोजगार दियाहुआ है.
2-भारत में 628 जिलो में 20 आदमी हर जिले के हिसाब से करीब 12000 हजार लोग सीधे पतंजलि उत्पादों के वितरण / विक्री से बढ़िया रोजगार पा रहे है.
3- हर जिले में करीब औसत 25 आदमी पतंजलि के कच्चे माल की सप्लाई और ग्रामीण वितरण से लगभग 15000 पूर्णकालिक रोजगार पा रहे है.
4-इन 35000 रोजगारो में कांग्रेस की केंद्रसरकार की सिर्फ बाधा डालने की भूमिका रही है,हां, उत्तराखंड सरकार को हमें बधाई देना होगा की उन्होंने योगपीठ को मदद किया है.
5-आप सोचिये जब 1100 करोड़ के स्वदेशी कृषि आधारित व्यवस्था से 35000 लोगो को रोजगार दिया ज़ा सकता है तो यदि भारत की अर्थव्यवस्था में 100 लाख करोड़ कालाधन लगाया जाये और इसे इमानदारी से नियंत्रित किया जाये तो भारत में काम करने वाले कम पड़ जायेंगे, भारत की बेरोजगारी 100 % समाप्त हो जाएगी. बाबा सही कहते है की आरक्षण की आवश्यकता ही नहीं रहेगी. १
6-बाबा जी तो सिर्फ गाय के मूत्र से दवा बनाकर और उसे असवीत करने से बेचने में ही 01 करोड़ गुने 70 रुपये लीटर गुने 12 महीना = 840 करोड़ का व्यापार बनाकर 30000 लोगो को स्थाई रोजगार दे देंगे और भारत की हजारो गायो को कटने से बचा देंगे. साथ ही साथ विदेशी कंपनियों की 8000 करोड़ की ह्रदय रोग की अंगेजी दवाओ की लूट से भी रोकेंगे.
बाबा जी सही कहते है की वह 10 साल में 30 करोड़ रोजगार पैदा करवा सकते है यदि विदेशी कंपनियों की लूट बंद हो जाये तो.
राष्ट्र निर्माण की चेतना फ़ैलाने वाले बाबा रामदेव जी के राष्ट्रवादी आन्दोलन"भारत स्वाभिमान" से जुड़े और इसका समर्थन करे...
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