Thursday, 2 July 2015

vyng

जे ब्बात !!!
अब तो साड़ी भी सांप्रदायिक हो गई
चलो बिंदी गैंग आजाओ सड़क पे "अल्पसंख़्यकों" की भावनायें हताहत हुई हैं.....parag pisolkar
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हरियाणा के बाद राजस्थान में भी सरस्वती नदी की खोज पूरी जोर सोर से चल रही है।
आज से 100 साल बाद लोग कहानियाँ सुनाएँगे...
दसकों पहले महात्मा मोदी ने देश के उद्धार के लिए सरस्वती नदी को स्वर्ग से धरती पर उतारा था। 3 साल तक हिमालय में तपस्या करने के बाद शिव जी के वरदान से वो देश के राजा बने और फिर ब्रह्मा जी ने उन्हें सरस्वती नदी के उदगम् स्थान के बारे में स्वप्न दिया। तब उन्होंने प्राचीन सरस्वती नदी के बहाव पथ को पुन: स्थापित कर नदी के जल से लाखों किसानों को पानी पहुँचाया और उन्हें जीवनदान दिया। इस नदी में मोदी के नाम से डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और इंसान के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं। तो जोर से बोलो... हर हर मोदी!!
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"नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को कोई भी दवा बचा नहीं सकती और सकारात्मक सोचने वाले को कोई भी जहर मार नहीं सकता।नकारात्मक सोचने वाला अपना ध्यान हमेशा समस्याओं पर केंद्रित करता है जबकि सकारात्मक सोचने वाला हमेशा समाधान के बारे में बात करता है।"

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