Saturday 2 July 2011

श्रद्धांजली ...जिसने बचाई १५०० लोगों की जान....

गुरुवार दोपहर १ बजे जबलपुर के पास भेडाघाट  रेल्वे ट्रेक पर राजकोट एक्सप्रेस आ रही थी ''दसई'' का गेंग उसी ट्रेक पर काम कर रहा था.. .उसने देखा फिश प्लेट के नट बोल्ट लटक रहे थे .फिश प्लेट भी झूल रही थी , परन्तु ट्रेन भी नजदीक आ चुकी थी .. अगर ट्रेन उस पर से गुजरती तो निश्चित ही पलट जाती .. ''दसई '' अपने दो साथियों  के साथ उसे टाईट करने में जुट गया ..लेकिन ट्रेन बहुत नजदीक आ चुकी थी ..दो साथी किनारे आ गये .लेकिन वह ट्रेन को देख कर भी काम में जुटा रहा ..उधर ड्राइवर सिटी पर सिटी बजाते जा रहा था और ''दसई '' ..को ट्रेन में सवार १५०० लोगों की जान जाती दिख रही थी ..वह आखिर तक नट कसते रहा ..धड धड करती ट्रेन '' दसई '' के परखच्चे उड़ाती निकल गई.. मौत उसके सामने थी ..चाहता तो वह भी अपनी जान बचा सकता था ..लेकिन उसने अपने से ज्यादा लोगों का ध्यान रखा .. ऐसे देव  पुरुष को हमारी आत्मिक श्रद्धांजली ...

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