Sunday, 23 October 2011

इस बदलती हुई दुनिया में भी हमारे दिल के किसी कोने में संस्कारों का दीपक आज भी टीम टिमा रहा है ..सीमाओं पर डटे सैनिक भी अपनी बंकर के किसी कोने में दीपावली का एक दीपक अवश्य जलाएँगे .इन भावनाओं और संस्कारों में सभी के कल्याण  क़ी चाहत है ...आप क्या कहते हैं ?






जीवन का लक्ष तय है, तो वही कीमती है ,याद रखना 
 आदमी टूटे भी ,तो कोई बात नही ,याद रखना 
बहुत सस्ता है ,लोगों क़ी ठोकरों से सीख मिल जाए यदि ,
इंसानी सम्बन्धों क़ी सचाई..... हमेशा याद रखना ...
सुख दुःख, मन क़ी ही हार जीत है ,और कुछ भी  नही..
जो कुछ हम करेंगे ,वही दिखेगा ,वही मिलेगा याद रखना ...
---विवेक  

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