Thursday, 26 July 2012

असम में चल रहे सामूहिक नरसंहार के ५ दिनों में एक मात्र टाईम्स नाऊ के संपादक अर्नब गोस्वामी ने स्वीकार किया है की यह बंगलादेशी मुसलमानों द्वारा की जा रही अवैध घुसपेठ का परिणाम है | और इस मुहीम में स्थानिक राजनेताओं का बड़ा हाथ है | सामान्यतः वोट देनेवाली जनसँख्या में ७-८ % वृद्धि होती है वहां इन जिलों में २५ % से ज्यादा वोटर जुड़े है , वोह कहाँ से आये ? असम में रह चुके सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किये खुलासे काफी चौंकानेवाले है | वहीँ स्थानिक पत्रकार के कहना है की बंगलादेश के साथ की जानेवाली वार्ताओं में अवैध घुसपेठ को कभी मुद्दा ही नहीं बनाया गया | कृपया यह वीडियो अवश्य देखें और फेलाएं | वीडियो में चोर की दाढ़ी में तिनका साफ़ देखा जा सकता है |

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