Friday, 21 December 2012




‎"शान्ति के धर्म" के मामले तो गाहे-बगाहे सामने आते ही रहते हैं... पिछले माह "प्रेम के धर्म" का भी एक और मामला सामने आया है...

केरल में निवासरत एक वृद्ध महिला को बेवकूफ बनाकर वहाँ के स्थानीय चर्च के पादरियों ने उसकी २५ करोड की संपत्ति हथिया ली. उक्त निःसंतान महिला अपने बीमार पति के साथ अपने बंगले में रहती थी. चर्च के पादरी उसके घर "प्रार्थना" करवाने आते-जाते थे. धीरे-धीरे आसपास के लोगों का जमावड़ा भी होने लगा.

प्रार्थना के दौरान एक दिन यह महिला "नीमबेहोशी" की हालत में थी... उसी समय चालाक पादरियों ने उसके मुँह से निकलने वाली बुदबुदाहट को अपनी तरफ से अनुवाद करके भीड़ के सामने घोषित कर दिया कि उस महिला ने यह मकान और सारी संपत्ति चर्च को दान करने का फैसला ले लिया है... भीड़ ने जोर का जयकारा लगाया, और महिला के "दान" का गुणगान किया.

बाद में भी इन पादरियों ने उस महिला को विश्वास दिलाया कि यदि वह अपनी जमीन चर्च को दान में देगी, तो उसके पति की आवाज़ वापस आ जाएगी... लेकिन न तो वैसा होना था और न हुआ...

महिला ने अखबार में विज्ञप्ति छपवाकर चर्च के कार्डिनलों के खिलाफ भूख हडताल की घोषणा की है और कहा है कि यदि उसका मकान वापस नहीं दिया गया तो इस धोखाधडी के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी करेगी...
 

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