Sunday, 23 December 2012

, we want justice का नारा

कसाब की फांसी रोकने के लिए हुये प्रदर्शनो को दूर से शांतिपूर्वक देखने वाली कॉंग्रेस से , एक लड़की के बलात्कार के विरोध मे हो रहा प्रदर्शन देखा नहीं जा रहा , झेला नहीं जा रहा । सेना की टुकड़िया बुलाई जा रही है , जनता के विरोध और जनता को कुचलने के लिए । 

क्या ये प्रदर्शनकारी आतंकवादी है? क्या ये हिंदुस्तान के नहीं है? आखिर कारण क्या है जो कॉंग्रेस बलात्कार के विरोध मे अहिंसात्मक प्रदर्शन करने वाले युवाओ , यहा तक कि लड़कियो तक पर लाठीया भंजवा रही है?

एक ही कारण है जो अब समस्त देशवासियों को , ड्यूड़ों को, समझ लेना चाहिए - , ये गांधी की कॉंग्रेस नहीं है, ये सुभाषचंद्र बॉस , वल्लभभाई पटेल , तिलक की कॉंग्रेस नहीं है , ये कॉंग्रेस देशद्रोहियों की कॉंग्रेस है , विदेशियों की कॉंग्रेस है , ये वही कॉंग्रेस है जो बांग्लादेश से आए घुसपैठियों का स्वागत करते हुये उन्हे राशनकार्ड बांटती है और दूसरी और अपने देश के नागरिकों पर लाठीया बजवाती है , आंसू गेस के गोले छुडवाती है ।

ये वो कॉंग्रेस है जिसके मुख्य कथित भावी नेता राहुल गांधी पर बलात्कार का आरोप लगा, इस पार्टी के कई नेताओ पर जबरन सेक्स करने के , शोषण के मामले दर्ज हुये है, कॉंग्रेस के नेता बयान दे चुके है कि बलात्कार मे ज्यादा दोषी लडकिया होती है , अपनी मर्जी से बलात्कार करवाती है , इसीलिए इनसे बलात्कार के विरोध मे हो रहा प्रदर्शन देखा नहीं जा रहा ।

भारती

स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न
सत्तर साल के एक वृद्ध को कॉलेज की एक लड़की ने कहा-ःअंकल, पानी की बौछारो में आप कहाँ आ रहे है,
आप घर पे जाईये बिमार हो जाईयेगा,चोट लग जायेगा आपको।

सत्तर साल के उस जवान का जवाब था-ःबेटी, अपनी जिन्दगी तो जी चूका मैं।
इस आन्दोलन के बाद शायद मेरी बेटी,मेरी पोती और तुम सब शायद निडर होके कहीं भी घुम सको।
इस लिये आन्दोलन को सफल बनाने आया हुँ मैं।

सलाम इस नौजवान उमँगो वाले वृद्धजन को।
 'सुमित चॉवला'
दिल्ली की मुख्यमंत्री कह रही है पुलिस क रवैया गलत है , अरे पुलिस को आदेश देने वाली क्या कोई और है ? पुलिस नागरिको पर रह-रह कर पूरे दिन से आंसू गैस, पानी की बौछारें और लाठियां बरसा रही है और आज देश का सर्वोच्च न्यायालय भी खामोश है क्यों ?
अब समझो और संभलो , we want justice का नारा
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
आज क्या स्थिति हो गयी है मेरे भारत देश की ? क्या इंडिया गेट पर देश के दुश्मनों से मुकाबला था जो सेना बुलाई गयी ? अब कहा है महिला आयोग ? अब कहा है मानवाधिकार आयोग ? कहा है युवाओ के पक्षधर बनने वाले कांग्रेस युवराज राहुल गाँधी ? शोक व्यक्त करने के लिए कहा है देश के राष्ट्रपति ? कहा गए सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले समाज के ठेकेदार ? अगर विपक्ष विरोध करता है तो वह राजीनीति हो जाती है , मीडिया फिर भी कांग्रेस के गुण गाने में लगी हुई है , ये सब क्या है ? आज कुछ गुंडों ने आन्दोलन में घुस कर उसे हिंसा का रूप दे दिया उन पर कार्यवाही क्यों नहीं , आम जनता पर पुलिस की लाठिया क्यों बरस रही है और वो गुंडे ही सरकार से बातचीत करेंगे क्यों ? सरकार जनता के बिच में आकार बातचीत क्यों नहीं करती ? कहा है प्रधानमंत्री जी ? क्या वो आज भी मौन है ? दिल्ली की मुख्यमंत्री कह रही है पुलिस क रवैया गलत है , अरे पुलिस को आदेश देने वाली क्या कोई और है ? पुलिस नागरिको पर रह-रह कर पूरे दिन से आंसू गैस, पानी की बौछारें और लाठियां बरसा रही है और आज देश का सर्वोच्च न्यायालय भी खामोश है क्यों ?

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