Wednesday 14 November 2018


भारतीय मूल की पहली हिंदू सांसद तुलसी जिन्होंने गीता हाथ में लेकर ली थी शपथ,
लड़ सकती हैं अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव
तुलसी 2013 से अमेरिका के हवाई राज्य से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेट सांसद हैं। वे अमेरिकी संसद में जगह बनाने वाली पहली हिंदू भी हैं। मोदी से प्रभावित भारतवंशी अमेरिकी सांसद तुलसी गबार्ड 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने की योजना बना रही हैं। उनके करीबी सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है।माना जा रहा है कि उनकी दावेदारी पर क्रिसमस के बाद फैसला लिया जा सकता है।
लॉस एंजिलिस में  एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर संपत शिवांगी ने तुलसी का परिचय बताते हुए उन्हें 2020 में राष्ट्रपति पद का दावेदार बताया। इस पर दर्शकों ने काफी देर तक तालियां बजाईं। , खुद तुलसी ने उम्मीदवारी पर कोई बयान नहीं दिया।
- तुलसी गबार्ड पहले ही भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच लोकप्रिय हैं। भारतीय-अमेरिकियों का समूह यहूदी अमेरिकियों के बाद देश का सबसे प्रभावशाली और अमीर ग्रुप माना जाता है। इसी वजह से वे अमेरिका के 50वें राज्य हवाई से लगातार जीत दर्ज करती आ रही हैं।
- चार बार की सांसद तुलसी भारत अमेरिका के संबंधों की बड़ी समर्थक हैं। मोदी पीएम बनने के बाद जब यूएस गए थे तब तुलसी ने उनसे मुलाकात की थी। वो पीएम मोदी के विचारों से काफी प्रभावित भी हैं। सांसद बनने के बाद तुलसी पहली सांसद थीं, जिन्होंने भगवत गीता के नाम पर शपथ ली थी।
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भारत के शक्तिशाली प्रधानमंत्री का
पूरी दुनिया सम्मान कर रही है और
भारत की अदालत उससे राफेल का हिसाब मांग रही हैं..?
यह शर्मनाक है
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने अब देश की जनता में जजों की नीयतों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इतने वर्षों की सुनवाई के बाद भी कोर्ट ने राममंदिर का फैसला 2019 पर टाल दिया. तो वहीँ  वहां महिलाओं को समानता की बात करते हुए सबरीमाला मंदिर पर फैसला तुरंत सुना दिया. लेकिन जब मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश की बात आयी तो याचिका को ठुकरा दिया.
 कश्मीरी पंडितों के इंसाफ पर कोर्ट ने कहा ‘अब तो दसियों साल बीत गए अब सबूत नहीं मिलेंगे, और याचिका ठुकरा दी’ लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ जिन्हे 2002 में क्लीन चिट मिल चुकी थी उसकी दुबारा जाँच की याचिका को तुरंत मंज़ूर कर लिया
 .इससे पहले कोर्ट ने कहा था उनके पास अभी बिलकुल भी वक़्त नहीं है.अब गुजरात दंगों पर नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट आखिर मिल कैसे गयी, इस पर मी लार्ड सुनवाई करेंगे ?
 5 अक्टूबर 2017 को हाई कोर्ट ने कहा था की गुजरात दंगों की दोबारा कोई जांच नहीं होगी. याचिका में साल 2002 में हुए गोधरा काण्ड के दंगों के सम्बन्ध में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी व अन्यों के खिलाफ विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी.
गोधरा काण्ड के आरोपियों मोदी व अन्यों के खिलाफ यह याचिका दिवंगत पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने मोदी व अन्यों को दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ आपराधिक पुनर्विचार याचिका दायर की थी.जिसे ठुकरा दिया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब मंज़ूर कर दिया है.
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विवेक अग्निहोत्री 250 करोड़ की लागत से
दिखाएंगे हिन्दुओं का सच्चा इतिहास!
 ‘अर्बन नक्सल्स’ किताब लिखकर वामियों की नाक में दम करने वाले ख्यात लेखक विवेक अग्निहोत्री ने देश को नए इतिहास से रूबरू करवाने का बीड़ा उठाया है। वे 250 करोड़ की लागत से तीन फिल्मों की सीरीज बनाने जा रहे हैं।
  विवेक तीन भागों में बनने जा रही फिल्म बनाने से पहले एक रिसर्च पैनल बनाने जा रहे हैं। इस पैनल में बड़ी संख्या में स्कालर्स, इतिहासकार, पुरातत्ववेत्ता, खगोल शास्त्री और मानव विज्ञानी शामिल किये जाएंगे। विवेक का कहना है कि ये प्रोजेक्ट उनके जीवन का उद्देश्य बन गया है। वे बहुत जल्द ये प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं।
 यदि ये प्रोजेक्ट सटीक ढंग से आगे बढ़ा तो उनकी कहानियों में भोजशाला सरस्वती मंदिर अवश्य शामिल किया जाएगा।फिल्म की कहानी का आधार में वेदों, रामायण, महाभारत, सिंधु घाटी की सभ्यता से मिली जानकारियां होंगी।  ये एक ऐसा प्रोजेक्ट होगा जिस पर अब तक ऐसी शैली में काम नहीं किया गया है। यदि इसे आज शुरू किया जाए तो सन 2023 तक ये पूरा हो सकता है।
 पहले भाग में ब्रम्हा से बुद्ध के अध्याय , इसके बाद वाले भाग में कहानी बुद्ध से ब्रिटिश राज तक जाएगी। इसके बाद आखिर हिस्से में कहानी ब्रिटिश राज से आज के बुलेट ट्रेन के युग तक आएगी। स्पष्ट है कि पौराणिक काल और मध्य युगीन इतिहास अलग भागों में दिखाए जाएंगे।

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 देशभर की अदालतों में भ्रष्टाचार ने जड़ें जमाई
हैदराबाद हाई कोर्ट के एक अतिरिक्त जिला जज के घर पर ACB की टीम ने बड़ी छापेमारी की है. हैदराबाद में चार स्थानों पर, तेलंगाना के सिरीसिल्ला जिले में तीन स्थानों पर और महाराष्ट्र में दो स्थानों पर छापेमारी की। जज साहब के घर पर अकूत दौलत देख जांच अधिकारियों की भी आँखें फटी रह गयी.जिसमें जज की करीब तीन करोड़ रुपये की संपत्ति सामने आई है।
एसीबी ने रंगा रेड्डी जिले के 14वें अतिरिक्त जिला जज वैद्य वारा प्रसाद के खिलाफ हैदराबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था ,एसीबी के बयान के अनुसार, जज और उनके पारिवारिक सदस्यों के कई बार विदेशी दौरे करते हुए वहां पर भारी भरकम खर्च करने के भी सबूत मिले हैं।
 ये कोई इकलौता मामला नहीं है, बल्कि कुछ महीनों पहले दिल्ली हाई कोर्ट के जज को भी घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया था. यही नहीं देशभर की अदालतों में इसी तरह से भ्रष्टाचार ने जड़ें जमाई हुई है और न्यायपालिका में बैठे ऐसे जजों के खिलाफ एक्शन लेने की सख्त जरूरत है
. जिस तरह से न्यायपालिका तानाशाही पर उतर आयी है, उससे ये भी लगने लगा है कि बिना राष्ट्रपति के दखल के शायद अदालतों से भ्रष्टाचार की सफाई नहीं हो पाएगी.
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गांधी परिवार और दूसरी पार्टियों के अन्य नेताओं में एक अंतर देखा गया है, वह यह कि सारी स्वायत्तशासी संस्थाओं से हारने के बाद भी गांधी-नेहरू परिवार को कोर्ट से राहत मिल जाती है। जबकि दूसरे नेता सारी संस्थाओं से बरी होने के बाद भी कोर्ट में आकर दोषी ठहरा दिए जाते हैं। हेराल्ड हाउस मामले में भी एक बार यही देखने को मिला है। दिल्ली हाईकोर्ट ने हेराल्ड हाउस को सील करने से मना कर, सोनिया और राहुल गांधी को बहुत बड़ी राहत दे दी है।
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रेलवे के AC कोचों से 21 लाख तौलिये, बेडशीट और कंबल चुरा ले गए यात्री
पिछले वित्त वर्ष में देशभर में ट्रेनों के एसी कोचों से करीब 21,72,246 बेडरॉल आइटम गायब हो गए हैं, जिनमें 12,83,415 तौलिए, 4,71,077 चादर और 3,14,952 तकिए का गिलाफ चुरा लिए गए। "गायब हुए इन सामान की कुल कीमत 14 करोड़ रुपये है।" यही नहीं, शौचालयों से मग, फ्लश पाइप और दर्पणों की चोरी की रिपोर्ट भी नियमित तौर पर आती है। चोरी की इन घटनाओं ने उच्च श्रेणी के यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करने की कोशिश में जुटी रेलवे के लिए नई समस्या पैदा कर दी है।
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केंद्र सरकार  75 रुपये का विशेष स‍िक्का जारी करेगी. सरकार ने पोर्ट ब्लेयर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ओर से पहली बार तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर यह सिक्का जारी करने का ऐलान किया.  वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफ‍िकेशन जारी किया है.
 75 रुपये के इस सिक्के का वजन 35 ग्राम होगा. यह सिक्का 50 फीसदी चांदी से बना होगा. 40 फीसदी इस पर तांबा लगा होगा और 5-5 फीसदी जिंक और निकल धातु होगी. सिक्के पर सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर भी अंक‍ित होगी. , बोस ने पोर्ट ब्लेयर में 30 दिसंबर, 1943 को पहली बार तिरंगा फहराया था
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प्रयागराज-हल्दिया वॉटर हाईवे के मल्टी मॉडल टर्मिनल का शुभारंभ
जलमार्ग की कुल दूरी 1620 किमी है. यह देश का सबसे लंबा जलमार्ग होगा.  आजादी के पहले इस रूट पर कारोबार होता था. 1986 में इसे सरकार ने दोबारा शुरू करने की योजना बनाई थी, जो पूरी नहीं हो सकी.
 इसके बाद मोदी सरकार इसे साकार कर रही है. यह देश के चार राज्यों को जोड़ेगा. इनमें पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश हैं. इन चार राज्यों में 20 टर्मिनल हैं, जिनमें से 18 फ्लोटिंग हैं. इस जलमार्ग की क्षमता 12 लाख टन है.
 सरकार ने वॉटर-वे एक्ट 2016 के तहत देश में 111 जलमार्गों को नेशनल वॉटर वे घोषित किया गया है. इनकी कुल दूरी 14500 किमी है.इस पूरे जलमार्ग के साकार होने पर एक लाख 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. यही नहीं, अब गंगा के रास्ते व्यापारिक गतिविधियां जुड़ने से उत्तर भारत और पूर्वोत्तर भारत, बांग्लादेश, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड और अन्य दक्षिण एशियाई देशों से जुड़ जाएगा.
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 बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन 
. नॉर्थ इस्ट दिल्ली में यह यमुना नदी पर बना है इस ब्रिज पर 154 मीटर ऊंचा ग्लास बॉक्स तैयार करने की भी योजना है जो पर्यटक स्थल के रूप में लोगों को शहर का ‘बर्ड्स-आई व्यू’ देगा. 
ग्लास बॉक्स से लोग इस ब्रिज के ऊपर से शहर के विस्तृत मनोरम दृश्य का आनंद भी ले सकेंगे. इसके लिए चार लिफ्ट लगाई गई हैं. चार लिफ्ट की कुल क्षमता करीब 50 लोगों को ले जाने की है.  लिफ्ट का दो महीने में परिचालन शुरू हो जायेगा
.सिग्नेचर ब्रिज का प्रस्ताव 2004 में प्रस्तुत किया गया था जिसे 2007 में दिल्ली मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिली थी. कई डेडलाइन मिस होने के बाद मोदी सरकार ने इस पुल का निर्माण कार्य पूरा किया
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क्रिस्टोफर वुड ने आरबीआई के साथ जारी खींचतान में सरकार का समर्थन किया 
हॉन्गकॉन्ग की वित्तीय सेवा कंपनी सीएलएसए के एमडी एवं इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट क्रिस्टोफर वुड ने आरबीआई के साथ जारी खींचतान में सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की कठोर मौद्रिक नीति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की शिकायतें बिल्कुल वाजिब हैं।
मार्केट गुरु क्रिस वुड ने कहा कि वह सरकार के साथ 'सहानुभूति' इसलिए रख रहे हैं क्योंकि उनको लगता है कि महंगाई के प्रमुख मानक संतोषजनक स्तर पर हैं, जिससे नीतियों में ढील की गुंजाइश बनती है। वह मोदी सरकार को 10 में से 8 नंबर देते हैं  वुड ने ये सारी बातें CLSA की तरफ से आयोजित इंडिया इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस में कहीं। 
उन्होंने आगे कहा, 'नोटबंदी बेहद साहसिक कदम था, बेहद बहादुरी भरा। बैंकरप्ट्सी कोड भी बड़ी बात है, यह बहुत बड़ा सुधार है।' उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी भी कर दी, हालांकि उन्होंने माना कि पार्टी को थोड़ा कम बहुमत हासिल होगा। 
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जातिवाद में बटा ईसाईसमाज
ईसाई Religion में .एक मसीह.एक बाइबल और एक मात्र Religion है... ! पर अजीब बात है कि ...
लैटिन कैथोलिक, सीरियाई कैथोलिक चर्च में प्रवेश करना शाक्त प्रतिबन्ध है यैसा कहें कि प्रवेश नहीं कर सकते।
- दोनों मर्थोमा चर्च में प्रवेश नहीं कर सकते।
- ये तीनों के लिए , Pentecost के चर्च में प्रवेश निशेध है अर्थात प्रवेश नहीं कर सकते और ये चरों को साल्वेशन आर्मी चर्च में भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं है|
इतना हीं नहीं, ये पांचों ,सातों दिन Adventist चर्च में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
- ये ६ का ६ओं को, रूढ़िवादी चर्च में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
- अब ये सातों को जैकोबाइट चर्च में प्रवेश करने की अधिकार नहीं है और इसी तरह. ईसाई Religion के 146 जाति मात्र भारत के केरल में हीं है|
मृत्यु पश्चात ..मृत शरीर के साथ भी भेदभाव .//
मृत्यु पश्चात भी मृत शरीर के साथ भी भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाता है। बड़े जात के लोगों की मृत शरीर को अच्छी तरह से दफनाते है तो वहीँ छोटे जात की लोगों की मृत शरीर को कहीं भी दफना देते है। और चिल्लाते रहते है की.. एक मसीह, एक बाइबिल, एक Religion (धर्म??)

इसाईयों की कुछ जातीय .....जिन्हें ये वर्ग या फोलोअर कहा कर अपनी जातिवाद को छुपाते है ...
...जैसे ...
1. क्याथोलिक : (जनसंख्या ६ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी और पोप में विश्वास करते है
2. रोमन क्याथोलिक :(जनसंख्या १८ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी और पोप में विश्वास करते है
3. म्याथोडिस्ट : (जनसंख्या २ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी गोड विश्वास करते है
4. इस्टर्न ओर्थोदक्स : (जनसंख्या ५ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, विश्वास करते है
5. ओरियन्टल अर्थोडक्स : (जनसंख्या ५ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
6. एग्लिकन : (१ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
7. प्रोस्टेस्ट्यान्ट : (१० करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
8. प्रेसबेटीजम : (१ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
9. कोग्रेगाशनालिज्म : (२ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
10. अनाबेपिस्ट : (१ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
11. ब्रेथरन : (५० लाख ) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
12. होलीनेस चर्च : (५ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
13. ब्यप्तिस्ट : (१ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
14. स्प्रिच्युअल : बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
15. एपोस्टोलिक : बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
16. पेन्टाकोस्टा : बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
17. चेरीमेस्तिक : बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
18. ज्युयिस क्रिस्चियन : बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
19. एडवानटिस्ट : (२करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
20. जहोवाका साक्षीहरू : (५ करोड) बाइबल, क्राइस्ट, मेरी में विश्वास करते है
ये ईसाईयों की कुछ जातीय हे ............
समय के हिसाब से आगे ये भी बताएँगे की इनका क्या महत्त्व हे इस्लाम मजहब के बारेमे तो कहने की आवश्यकता हीं नहीं|





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