दिव्यभास्कर में एक स्टोरी पढ़ी .. मै सलाम करता हूँ उस डाक्टरों को जिन्होंने इस पेशे में निहित मानवता को जिन्दा रखा है |
अहमदाबाद में आईआईएम के पास फुटपाथ पर एक महिला गरीबो को खाना और बिस्किट दे रही थी ..तभी एक भिखारी महिला उससे बोली कि बहन मेरी हालत देखो .. मै खड़ी तक नही हो सकती .. उस महिला के स्तन में बहुत बड़ा गांठ था और जो पक चूका था और उसमे से मवाद निकल रहा था |
उस महिल ने उसके कुछ फोटो लिए और अपनी फेसबुक की फ्रेंडलिस्ट में शामिल जाने माने सर्जन डा. Mukesh Bavishi को वो फोटो और उस महिला का पता मेल किया |
डा मुकेश बविसी अपनी डॉ पत्नी के साथ उस स्तन कैंसर के पीड़ित भिखारी महिला के पास गए और उसे लेकर तुरंत अपने होस्पिटल श्रेय होस्पिटल में उसे भर्ती किया ..फिर उसका सफल ऑपरेशन किया ...इतना ही नही ओपरेशन के बाद जब उस महिला को छुट्टी मिल गयी तब डॉ मुकेश जी ने उससे पूछा की तुम कहा जाओगी ? तो उसने कहा की फुटपाथ पर .. तब डॉ लो लगा की इससे उसके टांके में इन्फेक्शन हो सकता है ..फिर डॉ मुकेश ने उसे तब तक होस्पिटल में ही रखने का फैसला किया जब तक उससे घाव पूरी तरह से भर नही जाते |
डा मुकेश जी ने कहा की मुझे जिंदगी में सैकडो एवार्ड मिले है .. मैंने कई गिनीज रिकार्ड भी बनया है ..लेकिन जिन्दा रहने की उम्मीद छोड़ चुकी इस महिला के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर मुझे जो खुशी हुई उसको शब्दों में बयान नही किय जा सकता |
मित्रों, मेरी कई बार मुकेश जी से फोन पर बाते हुई है .. लेकिन मुझे डॉ मुकेश जी के जीवन के इस पहलू के बारे में पता नही था कि वो इतने सम्वेदनशील डॉ है | आज मैंने उनसे इस बारे में बात की और उनके इस नेक कार्य के लिए कोटि कोटि बधाई दी .. उन्होंने कहा जेपी जी आप भी एक मिशन के लगे हो कि सोये हुए समाज को कैसे जगाया जाय .. वैसे मै भी एक मिशन ले लगा हूँ कि किसी गरीब को मेडिकल हेल्प आसानी से कैसे दिया जाए |
सोचिये मित्रों, इसी सभ्य समाज में मशहूर फिल्म अभिनेत्री मीना कुमारी की लाश को लावारिश घोषित करने की नौबत आ गयी थी ...उन्हें कैंसर हो गया था कई अंतिम समय में कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था ..और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गयी थी
मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने अस्पताल में कहा की मैंने तो उन्हें तलाक दे दिया था ... उसने सौतेले पुत्र ताजदार अमरोही ने कहा की मेरा उनसे कोई वास्ता नही है ... उनके छोटी बहन के पति मशहूर कामेडियन महमूद ने कहा की मै क्यों ८०००० दूँ ?
और तो और जिस धर्मेन्द्र को फगवाडा से मुंबई बुलाकर स्टार बनाया वो भी बिल का नाम सुनते ही खिसक गया |
फिर जिस सम्पूरन सिंह कालरा को मीना कुमारी ने झेलम की गलियों से मुंबई बुलाकर "गुलज़ार" बनाया उस गुलज़ार ने कहा की मै तो कवि हूँ और कवि के पास इतना पैसा कहा ...जबकि उसी गुलज़ार ने एक मुशायरे में जिसमे मीना कुमारी भी थी कहा था "ये तेरा अक्स है तो पड़ रहा है मेरे चेहरे पर ..वरना अंधेरो में कौन पहचानता मुझे "
हर टीवी चैनेल पर आकर मुस्लिम हितों पर बड़ी बड़ी बाते करने वाला महेश भट्ट बोला मै पैसे क्यों दूँ ?
. जिससे अस्पताल वालो को कहना पड़ा की अब हमे मीना कुमारी जी की लाश को लावारिश घोषित करके बीएमसी वालो को देना पडेगा ... जब ये खबर अखबारों में छपी तबएक अनजान पारसी व्यक्ति अस्पताल आया और बिल चुकाकर मीना कुमारी के शव को सम्मान के साथ इस्लामिक विधि से कब्रिस्तान में दफन करवाया
और तो और अभी कुछ दिन पहले पता चला की कई फिल्मो में सम्राट और महाराजा का रोल अदा करने वाले प्रदीप कुमार कलकता की सरकारी अस्पताल के फुटपाथ पर खुले आसमान में पड़े है
अहमदाबाद में आईआईएम के पास फुटपाथ पर एक महिला गरीबो को खाना और बिस्किट दे रही थी ..तभी एक भिखारी महिला उससे बोली कि बहन मेरी हालत देखो .. मै खड़ी तक नही हो सकती .. उस महिला के स्तन में बहुत बड़ा गांठ था और जो पक चूका था और उसमे से मवाद निकल रहा था |
उस महिल ने उसके कुछ फोटो लिए और अपनी फेसबुक की फ्रेंडलिस्ट में शामिल जाने माने सर्जन डा. Mukesh Bavishi को वो फोटो और उस महिला का पता मेल किया |
डा मुकेश बविसी अपनी डॉ पत्नी के साथ उस स्तन कैंसर के पीड़ित भिखारी महिला के पास गए और उसे लेकर तुरंत अपने होस्पिटल श्रेय होस्पिटल में उसे भर्ती किया ..फिर उसका सफल ऑपरेशन किया ...इतना ही नही ओपरेशन के बाद जब उस महिला को छुट्टी मिल गयी तब डॉ मुकेश जी ने उससे पूछा की तुम कहा जाओगी ? तो उसने कहा की फुटपाथ पर .. तब डॉ लो लगा की इससे उसके टांके में इन्फेक्शन हो सकता है ..फिर डॉ मुकेश ने उसे तब तक होस्पिटल में ही रखने का फैसला किया जब तक उससे घाव पूरी तरह से भर नही जाते |
डा मुकेश जी ने कहा की मुझे जिंदगी में सैकडो एवार्ड मिले है .. मैंने कई गिनीज रिकार्ड भी बनया है ..लेकिन जिन्दा रहने की उम्मीद छोड़ चुकी इस महिला के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर मुझे जो खुशी हुई उसको शब्दों में बयान नही किय जा सकता |
मित्रों, मेरी कई बार मुकेश जी से फोन पर बाते हुई है .. लेकिन मुझे डॉ मुकेश जी के जीवन के इस पहलू के बारे में पता नही था कि वो इतने सम्वेदनशील डॉ है | आज मैंने उनसे इस बारे में बात की और उनके इस नेक कार्य के लिए कोटि कोटि बधाई दी .. उन्होंने कहा जेपी जी आप भी एक मिशन के लगे हो कि सोये हुए समाज को कैसे जगाया जाय .. वैसे मै भी एक मिशन ले लगा हूँ कि किसी गरीब को मेडिकल हेल्प आसानी से कैसे दिया जाए |
सोचिये मित्रों, इसी सभ्य समाज में मशहूर फिल्म अभिनेत्री मीना कुमारी की लाश को लावारिश घोषित करने की नौबत आ गयी थी ...उन्हें कैंसर हो गया था कई अंतिम समय में कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था ..और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गयी थी
मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने अस्पताल में कहा की मैंने तो उन्हें तलाक दे दिया था ... उसने सौतेले पुत्र ताजदार अमरोही ने कहा की मेरा उनसे कोई वास्ता नही है ... उनके छोटी बहन के पति मशहूर कामेडियन महमूद ने कहा की मै क्यों ८०००० दूँ ?
और तो और जिस धर्मेन्द्र को फगवाडा से मुंबई बुलाकर स्टार बनाया वो भी बिल का नाम सुनते ही खिसक गया |
फिर जिस सम्पूरन सिंह कालरा को मीना कुमारी ने झेलम की गलियों से मुंबई बुलाकर "गुलज़ार" बनाया उस गुलज़ार ने कहा की मै तो कवि हूँ और कवि के पास इतना पैसा कहा ...जबकि उसी गुलज़ार ने एक मुशायरे में जिसमे मीना कुमारी भी थी कहा था "ये तेरा अक्स है तो पड़ रहा है मेरे चेहरे पर ..वरना अंधेरो में कौन पहचानता मुझे "
हर टीवी चैनेल पर आकर मुस्लिम हितों पर बड़ी बड़ी बाते करने वाला महेश भट्ट बोला मै पैसे क्यों दूँ ?
. जिससे अस्पताल वालो को कहना पड़ा की अब हमे मीना कुमारी जी की लाश को लावारिश घोषित करके बीएमसी वालो को देना पडेगा ... जब ये खबर अखबारों में छपी तबएक अनजान पारसी व्यक्ति अस्पताल आया और बिल चुकाकर मीना कुमारी के शव को सम्मान के साथ इस्लामिक विधि से कब्रिस्तान में दफन करवाया
और तो और अभी कुछ दिन पहले पता चला की कई फिल्मो में सम्राट और महाराजा का रोल अदा करने वाले प्रदीप कुमार कलकता की सरकारी अस्पताल के फुटपाथ पर खुले आसमान में पड़े है
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