गुजरात में प्रसिद्द जस्सुबेन का पिज्जा कल फिक्की के समारोह में नरेंद्र मोदी के उल्लेख के बाद आज सारे विश्व में प्रसिद्द हो गया| कल जस्सुबेन पिज्जा काउंटर्स पर रोज की अपेक्षा ज्यादा भीड़ उमड़ी और तमाम देशी विदेशी पत्रकार जस्सुबेन के पिज्जा के बारे में जानने के लिए पिज्जा काउंटर पर उमड़े हुए थे|
अब जल्द ही पिज्जा का यह देशी ब्रांड अंतर्राष्ट्रीय रूप ले लेगा, यह भी एक तरीका हैं देशी ब्रांड्स को प्रमोट करने का
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पिता की हत्या की टीस ने बना दिया 2 बहनों को IAS
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सन 1982 में गोंडा के माधवपुर में हुए डीएसपी केपी सिंह सहित कुल 13 लोगों के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई तो मृतक डीएसपी की बेटी किंजल सिंह फफक कर रो पड़ीं। 31 साल से वह अपने परिवार के साथ इस दिन का इंतजार कर रही थीं।
किंजल और उनके परिवार की कहानी बहुत ही भावुक और दर्दनाक है। करीब 31 साल पहले सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद उनकी मां के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई, लेकिन वह भी ज्यादा समय तक इस भार को नहीं उठा सकीं। कैंसर के कारण उनकी असामयिक मौत के बाद परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। घर में बड़े होने के नाते पूरी जिम्मेदारी किंजल के कंधों पर आ गई। वह और उनकी छोटी बहन प्रांजल ने खूब मेहनत से पढाई की। दोनों की मेहनत रंग लाई। किंजल और प्रांजल 2008 में आईएएस में चयनित हुईं। किंजल का मेरिट सूची में 25वां स्थान रहा तो प्रांजल 252वें रैंक पर रही। प्रांजल हरियाणा प्रांत के पंचकुला में अस्टिेन्ट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। किंजल सिंह (पति आइएएसअधिकारी अभय सिंह) बहराइच की जिलाधिकारी हैं।
अब जल्द ही पिज्जा का यह देशी ब्रांड अंतर्राष्ट्रीय रूप ले लेगा, यह भी एक तरीका हैं देशी ब्रांड्स को प्रमोट करने का
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पिता की हत्या की टीस ने बना दिया 2 बहनों को IAS
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सन 1982 में गोंडा के माधवपुर में हुए डीएसपी केपी सिंह सहित कुल 13 लोगों के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई तो मृतक डीएसपी की बेटी किंजल सिंह फफक कर रो पड़ीं। 31 साल से वह अपने परिवार के साथ इस दिन का इंतजार कर रही थीं।
किंजल और उनके परिवार की कहानी बहुत ही भावुक और दर्दनाक है। करीब 31 साल पहले सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद उनकी मां के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई, लेकिन वह भी ज्यादा समय तक इस भार को नहीं उठा सकीं। कैंसर के कारण उनकी असामयिक मौत के बाद परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। घर में बड़े होने के नाते पूरी जिम्मेदारी किंजल के कंधों पर आ गई। वह और उनकी छोटी बहन प्रांजल ने खूब मेहनत से पढाई की। दोनों की मेहनत रंग लाई। किंजल और प्रांजल 2008 में आईएएस में चयनित हुईं। किंजल का मेरिट सूची में 25वां स्थान रहा तो प्रांजल 252वें रैंक पर रही। प्रांजल हरियाणा प्रांत के पंचकुला में अस्टिेन्ट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। किंजल सिंह (पति आइएएसअधिकारी अभय सिंह) बहराइच की जिलाधिकारी हैं।
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