Thursday, 29 May 2014

एक गला काट दिया तो दूसरा गला आगे करने के लिए बचता ही नहीं।

गांधी : भारत वासीयो, शत्रु से प्रेम करो और उसपर विश्वास रखो।
सावरकर : शत्रु पर प्रेम या विश्वास नहीं रखा जाता।
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गांधी :- अहिंसा का मार्ग स्विकारो | किसी ने एक गाल पर थप्पड़ मारा तो दूसरा गाल आगे करो।
सावरकर :- खुद की रक्षा करना मतलब हिंसा नही।मुर्ख हिन्दुओ , एक गला काट दिया तो दूसरा गला आगे
करने के लिए बचता ही नहीं।
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गांधी :- मैं एक हिन्दु हुं, और हिन्दू धर्म में सारे देवता शान्ति का सन्देश देते है।
सावरकर :- तुम नकली हिन्दू हो। प्रभु श्रीराम के हाथ में धनुष है और श्रीकृष्ण के हाथ में सुदर्शन चक्र। सज्जन लोगो की रक्षा के लिए भागवान को भी शस्त्र उठाने पड़े है।
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गांधी :- शस्त्र हाथ में लेना गलत है। शत्रु से लड़ना है तो तर्क के आधार पर लड़ो।
सावरकर :- युद्ध में तर्क नहीं बल्कि तलवार टिकती है और जीतती है। देश की सीमा तलवार से बचायी जा सकती है. तर्क से नहीं।
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गांधी :- तलवार नहीं चाहिए। ह्रुदय परिवर्तन पर विश्वास रखो और शत्रु का मन जीतो ।
सावरकर :- जिन्होंने हमे मारने की ठान ली है उनका मन जीत नहीं सकते। हे हिंदुंओ, अफजल खान
का हृदय परिवर्तन कर ही नहीं सकते, उसका हृदय फाड़ना पड़ता है।
आप अहिंसक होकर हिंसको का मुकाबला कभी नहीं कर सक्ते …………

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