कर दिया काम ...// केरल नन रेप केस: आरोपी फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ प्रमुख गवाह फादर कुरियाकोस पंजाब के जालंधर में मृत अवस्था में पाए गए ...
, सबरीमाला के कारण आदिवासि, दलित ,ब्राह्मण सब एक हैं।ईसाईकरण नहीं हो पा रहा। षड़यंत्र 1950 से है सन 1950 में सबरीमाला मंदिर में भीषण आग लगा दी गयी थी और मूर्ति तोड़ने का प्रयास भी किया गया । उसके बाद 1980 में क्रॉस गाड़ा गया मंदिर के प्रांगण में। RSS स्वयंसेवक शिशुपालनजी के नेतृत्व में आंदोलन हुआ ,फिर हटा,और अब मैरी जेन और रेहाना फातिमा की मंदिर को अपवित्र करने की कोसिस ।
केरल का कट्टरपंथी इसाई विधायक PC George अब मंदिर के नियमो की रक्षा का ऐलान कर रहा है इसका कारण है हिन्दू एकता...
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क्या इन्हे कोर्ट का अवमानना का डर है?
मौलवी/पादरी तो नहीं डरते कोर्ट से तो फिर शंकराचार्य क्यों डरते हैं।
मौलवी/पादरी तो नहीं डरते कोर्ट से तो फिर शंकराचार्य क्यों डरते हैं।
यदि शबरीमला मन्दिर के लिए सभी आखाडों के प्रतिनिधि और सभी जगद्गुरू एक साथ खडे होकर शबरीमला को सपोर्ट करने लगे तो बहुत कुछ हो सकता है हिन्दुओं की ताकत बढ सकती है
Sanjay Dwivedy
अब मीलॉर्डों को वेटिकन चस्मा उतार कर चीजों को भारतीय मूल्यों के परिपेक्ष्य में ही देखना होगा अन्यथा स्थिति भयावह होगी जिसका जिम्मेवार भी सुप्रीम कोर्ट ही होगा
, सबरीमाला के कारण आदिवासि, दलित ,ब्राह्मण सब एक हैं।ईसाईकरण नहीं हो पा रहा। षड़यंत्र 1950 से है सन 1950 में सबरीमाला मंदिर में भीषण आग लगा दी गयी थी और मूर्ति तोड़ने का प्रयास भी किया गया । उसके बाद 1980 में क्रॉस गाड़ा गया मंदिर के प्रांगण में। RSS स्वयंसेवक शिशुपालनजी के नेतृत्व में आंदोलन हुआ ,फिर हटा,और अब मैरी जेन और रेहाना फातिमा की मंदिर को अपवित्र करने की कोसिस ।
अगर अभी भी किसी को लगता है ये वुमन इम्पावरमेंट का मामला है तो उसको इलाज की जरूरत है
सबरीमाला हमेसा से वामीयों मिशनरियों और जेहादियों के निशाने पर रहा है । सन 1980 में सबसे छिपा कर इन लोगों ने नीलक्क़ल के पवित्र अय्यपा गार्डेन (बगीचे) में एक क्रॉस लगा दिया था ओर क्लेम किया गया कि ये 2000 साल पुराना सेंट थॉमस क्रास है और एक छोटे चर्च का निमार्ण कर लिया गया ।
इस क्रॉस को हटाने की लड़ाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जी सिशुपालन ने लड़ी जिसकी वजह से उन्हें अपनी सरकारी नौकरी भी खोनी पड़ी पर अंत मे जीत उनकी हुई । नीचे फ़ोटो में शिशुपालनजी हैं
इस क्रॉस को हटाने की लड़ाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जी सिशुपालन ने लड़ी जिसकी वजह से उन्हें अपनी सरकारी नौकरी भी खोनी पड़ी पर अंत मे जीत उनकी हुई । नीचे फ़ोटो में शिशुपालनजी हैं
केरल राज्य के इंस्पेक्टर जनरल द्वारा सब्मिट 1950 की रिपोर्ट
इस केस की जाँच तत्कालीन इंस्पेक्टर जनरल ने की थी इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार थे ।
1 श्रीकोविल का गेट तोड़ा गया था और मूर्ति को छति पहुंचाने की कोसिस की गई थी ।
1 श्रीकोविल का गेट तोड़ा गया था और मूर्ति को छति पहुंचाने की कोसिस की गई थी ।
2- रिपोर्ट ये भी कहती है कि चोरी करने के उद्देश्य से ऐसा नही किया गया था क्योंकि मंदिर के आभूषण आदि चुराये नही गये थे बस मूर्तियों को छति पहुंचाने की कोसिस की गई थी ।
3- ऑर्थोडॉक्स क्रिस्चियनस के कुछ संगठन बहुत समय से यंहा एक पुराने चर्च के होने दावा स्थापित करने की कोसिस में लगे थे ।
4- रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सबरीमाला मंदिर हिंदुओं को एक करने में लगा था जंहा एक ब्राम्भन और आदिवासी या दलित सभी कंधे से कंधा रगड़ते थे । जिस वजह से धर्म परिवर्तन की गति धीमी थी ।
5- रिपोर्ट में सबरीमला की पहाड़ियों में गतिविधियों में लिप्त कई क्रिस्चियन संगठनों को संदेह के दायरे में रखा गया था ।
6- इस मामले में किसी को सजा नही हुई क्योंकि इस आग और तोड़फोड़ की जानकारी 20 दिन बाद पुलिस को मिल पाई थी और अधिकतर सबूत नष्ट हो चुके थे ।
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पीसी जोर्ज हिन्दुओ की एकता को देखते हुए मंदिर की रक्षा में उतरा है, वामपंथियों को उम्मीद थी कि हिंदुओ को तो आदत है जलील होने की, हिन्दुओ को ऐसे ही दबायेंगे । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ खुद लाखों हिन्दू महिलाएं सड़कों पर है, केरल में पहली बार हिन्दू अपने धर्म और मंदिर के लिए इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर आया है, और हिन्दुओ की एकजुटता को देखते हुए इसाई विधायक PC George भी मंदिर के नियमो की रक्षा का प्रण ले रहा है।
पीसी जोर्ज ने तो यहाँ तक कहा की – सुप्रीम कोर्ट का सबरीमाला मंदिर पर चाहे कोई भी फैसला हो, मैं 1 भी महिला को सबरीमाला मंदिर की तरफ जाने ही नहीं दूंगा, पीसी जोर्ज ने कहा की – मंदिर की तरफ दो तिहाई लोग मेरे ही विधानसभा इलाके से होकर जाते है, मैं 1 भी महिला को मंदिर की तरफ जाने ही नहीं दूंगा, मंदिर के नियमो की रक्षा करूँगा, सुप्रीम कोर्ट को जो कहना है करना है करने दो।
हिन्दुओ के लिए ये सीख है, आप एकजुट हुए तो सब आपको सम्मान देंगे, बिखरे रहे तो सिर्फ अपमान ही अपमान मिलेगा, एकजुट होना मुश्किल नहीं है, बस किसी जाति से ऊपर होकर हिन्दू हो जाइए, PC George जैसे कट्टरपंथी आपको सम्मान देने में लग जायेंगे ।
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तीन छात्रों ने शुरू किया
पुआल से कप-प्लेट बनाने का स्टार्टअप..//
अब फसल अपशिष्टों से भी ईको-फ्रेंडली उत्पाद बनाने की पद्धति विकसित हो चुकी है। आईआईटी, दिल्ली के इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़े 'क्रिया लैब्स' स्टार्टअप के तीन छात्रों अंकुर कुमार, कनिका प्रजापत और प्रचीर दत्ता धान के पुआल से कप और प्लेट बना रहे हैं।
दिल्ली में हवा के प्रदूषण से निपटने के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू हो गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए गत सोमवार से इमरजेंसी प्लान लागू किया है।
आईआईटी-दिल्ली के छात्र अंकुर कुमार, कनिका प्रजापत और प्रचीर दत्ता ने चार साल पहले ग्रीष्मकालीन परियोजना के रूप में पराली (धान का पुआल) से कप और प्लेट बनाने का 'क्रिया लैब्स' स्टार्टअप शुरू किया था। उस समय वे बी.टेक कर रहे थे। उनका विचार था कि फसल अपशिष्टों से जैविक रूप से अपघटित होने योग्य बर्तन बनाने की तकनीक विकसित हो जाए तो प्लास्टिक से बने प्लेट तथा कपों का इस्तेमाल कम किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने एक प्रक्रिया और उससे संबंधित मशीन विकसित की और पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया। अंकुर कुमार बताते हैं कि जल्द ही हमें यह एहसास हो गया कि मुख्य समस्या कृषि कचरे से लुगदी बनाने की है, न कि लुगदी को टेबलवेयर में परिवर्तित करने की।
'क्रिया लैब्स' के मुख्य संचालन अधिकारी अंकुर कुमार बताते हैं कि इस तकनीक की मदद से किसी भी कृषि अपशिष्ट या लिग्नोसेल्यूलोसिक द्रव्यमान को होलोसेल्यूलोस फाइबर या लुगदी और लिग्निन में परिवर्तित किया जा सकता है। लिग्निन को सीमेंट और सिरेमिक उद्योगों में बाइंडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लगभग उसी समय, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या उभरी और पराली जलाने से इस खोज का संबंध एक बड़ा मुद्दा बन गया। उसी दौरान हमने इस नयी परियोजना पर काम करना शुरू किया था। हमारी कोशिश कृषि अपशिष्टों से लुगदी बनाना और उससे लिग्निन-सिलिका के रूप में सह-उत्पाद को अलग करने की थी। हमने सोचा कि अगर किसानों को उनके फसल अवशेषों का मूल्य मिल जाए तो वे पराली जलाना बंद कर सकते हैं।
इस प्रकार सितंबर 2017 में 'क्रिया लैब्स' को स्थापित किया गया। अभी स्थापित की गई यूनिट में प्रतिदिन 10 से 15 किलोग्राम कृषि अपशिष्टों का प्रसंस्करण किया जा सकता है।
गौरतलब है कि हर साल सर्दियों की शुरुआत होते ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लाखों टन पराली (धान का पुआल, जड़ें) जला दी जाती है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार, इस मौसम में अब तक पराली जलाने की पंजाब में 700 और हरियाणा में 900 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। नासा के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में फसल अवशेष जलाने के कारण धुएं और धुंध का गुबार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक फैल रहा है।
धान की पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़े स्टार्टअप 'क्रिया लैब्स' ने अब फसल अपशिष्टों से ईको-फ्रेंडली कप और प्लेट जैसे उत्पाद बनाने की पद्धति विकसित की है। अपनी नयी विकसित प्रक्रिया का उपयोग करके तीनों छात्रों ने धान के पुआल को कप और प्लेट के निर्माण के लिए एक इकाई स्थापित की है, जो आमतौर पर प्रचलित प्लास्टिक प्लेटों का विकल्प बन सकती है।
धान के पुआल में 10 प्रतिशत तक सिलिका होती है, जिसकी वजह से अधिकतर औद्योगिक प्रक्रियाओं में इसका उपयोग करना मुश्किल होता है। शोधकर्ताओं ने एक विलायक-आधारित प्रक्रिया विकसित की है, जिसकी मदद से सिलिका कणों के बावजूद फसल अवशेषों को औद्योगिक उपयोग के अनुकूल बनाया जा सकता है। फिलहाल, 'क्रिया लैब्स' के संस्थापक-निर्माता छात्र धान के पुआल से बनी लुगदी से टेबलवेयर बना रहे हैं। उनका कहना है कि अब वे इससे जुड़ा पायलट प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, जिसकी मदद से प्रतिदिन तीन टन फसल अवशेषों का प्रसंस्करण करके दो टन लुगदी बनायी जा सकेगी। इस तरह के प्लांट उन सभी क्षेत्रों में लगाए जा सकते हैं, जहां फसल अवशेष उपलब्ध हैं। 'क्रिया लैब्स' को अगर रणनीतिक पार्टनर और निवेशक मिलते हैं तो बाजार की मांग के अनुसार वह उत्पादन इकाइयों में परिवर्तन करके उसे फाइबर और बायो-एथेनॉल जैसे उत्पाद बनाने के लिए भी अनुकूलित कर सकते हैं।
दिल्ली में हवा के प्रदूषण से निपटने के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू हो गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए गत सोमवार से इमरजेंसी प्लान लागू किया है। इस बीच नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने कुछ सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने का स्तर घटा है। नासा की उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने के शुरू में पराली जलाना शुरू किया है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 10 दिनों में, खासकर अमृतसर, अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार समेत इनके आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने का स्तर बढ़ा है।
यद्यपि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी) पहले ही पंजाब के साथ ही हरियाणा व उत्तर प्रदेश में इस पर रोक लगाने का आदेश दे चुका है, राजधानी दिल्ली में पराली से उत्पन्न प्रदूषण के चलते हवा की क्वालिटी लगातार खराब हो रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल ही इस मुद्दे पर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह समझ से परे है कि पूरे एक साल तक केंद्र, पंजाब और हरियाणा की सरकारों की तरफ से आश्वासन के बावजूद पराली समस्या की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पराली न जलाने की एवज में किसानों को सौ रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की मांग की है। केंद्रीय वित्त आयोग के मुताबिक, सिर्फ पराली से नहीं, बल्कि उद्योग-धंधों, निर्माण कार्यों, वाहनों से भी प्रदूषण फैल रहा है। किसानों के खेत में फसली अवशेष के निस्तारण के लिए वित्त आयोग हरियाणा व पंजाब को आर्थिक मदद की पेशकश कर सकता है। पंजाब और हरियाणा के गांवों में पराली जलाए जाने के बाद जहां पिछले साल राजधानी दिल्ली पर स्मॉग का अंधेरा छाया रहा था, वहीं इस बार भी पराली जलाने के चलते प्रशासन अलर्ट है। लोगों के जेहन में यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या फिर से वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली है।
गौरतलब है कि नासा द्वारा उतारी गई तस्वीरों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने की शुरुआत में पराली जलाना शुरू कर दिया था। पराली की वजह से बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए हरियाणा जिले के करनाल में उपायुक्त डॉक्टर आदित्य दहिया ने चेतावनी जारी कर दी है कि किसान खेतों में पराली न जलाएं। नाभा (पंजाब) के गांव कलार माजरा नाम के किसान बीर दलविंदर सिंह पराली न जलाने की सरकार की अपील को अपने पड़ोसियों और गांववालों तक पहुंचा रहे हैं। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी गांव के इस पर्यावरण सहयोगी कदम की तारीफ की है। अब गांव के करीब 70 प्रतिशत लोगों ने पराली न जलाने का फैसला किया है। गांव ने इससे निपटने का एक सरल और कारगर तरीका अपनाया है। खेत जोतकर पराली को मिट्टी में दबा देते हैं।
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मिले ना फूल तो कांटों से दोस्ती कर ली।
किसी तरह से बसर हमने जिंदगी कर ली।
नजर मिली भी न थी और उनको देख लिया।
जुबां खुली भी ना थी और बात भी कर ली।
मिले ना फूल तो...
अब आगे जो भी हो अंजाम देखा जाएगा।
खुदा तराश लिया और बंदगी कर ली।
मिले ना फूल तो...
वो जिनको प्यार है चांदी से इश्क सोने से।
वही कहेंगे कभी हमने खुदकुशी कर ली।
मिले ना फूल तो..
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सबरीमाला के मुसलिम कलेक्टर ने बढ़ाई सांप्रदायिकता
वही आईजी ने मांगी भगवान अयप्पा से माफ़ी!
सबरीमाला के कलक्टर मोहम्मद नूह ने सीपीएम के कुछ नेताओं तथा कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए षड्यंत्रके तहत उन्होंने पोर्न एक्ट रेहाना फातिमा को आमंत्रित किया था। ताकि सबरीमाला को अपमानित करने के साथ हिंदुओं को उकसाया जा सके। समानता तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नाम पर केरल की वामपंथी सरकार प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का खेल खेल रही है। प्रदेश के आईजी पर दो एक्टिविस्ट महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने का दबाव डालती है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कलक्टर मोहम्मद नूह के साथ मिलकर केरल के आईजी श्रीजीत पर दो एक्टिविस्ट महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने का दबाव डाला यह खुलासा स्वंय आईजी श्रीजीत ने किया है। भगवान श्री अयप्पा के सामने श्रीजीत का धैर्य, आंसू में बदलकर बह निकले उससे समझा जा सकता है कि उनपर केरल सरकार का कितना दबाव रहा होगा।
तभी तो आम नागरिकों ने कलेक्टर मोहम्मद नूह को तत्काल हटाने की मांग की है। उनकी मंशा सबरीमाला मंदिर के निरादर करने के साथ ही हिंदुओं को उकसाने की है ताकि सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया जा सके।
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इस्लामिक आतंकी दल लश्कर के पैसे से हरियाणा के पलवल में मस्जिद बनाने के मामले का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेन्सियों के कान खड़े हो गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि देश के और भी कई हिस्सों में इसी तर्ज पर आतंकवादी संगठनों के पैसे का इस्तेमाल करके स्थानीय नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है. पलवल की मस्जिद में हाफिज सईद से मिले पैसे का खुलासा करने के बाद एनआईए अपनी जांच का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है.
एनआईए के सूत्रों के मुताबिक आतंकी फंड से मस्जिद बनाने की मामला मात्र हरियाणा के पलवल तक ही सीमित नहीं है. एजेन्सी की जांच के दायरे में अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिले भी आ गए हैं क्योंकि यहां आतंकी फंडिंग को लेकर पहले भी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. अब वह लोग पैसे के जरिए देश के अंदर ही आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की फिराक में हैं. इसके लिए हवाला के जरिए पैसा देश में लाया जा रहा है और उससे आलीशान इमारतें खड़ी की जा रही हैं.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस साल दूसरा सम्मान मिला, अक्टूबर में यूएन का चैम्पियन ऑफ द अर्थ अवॉर्ड मिला था भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में योगदान के लिए सोल शांति पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है।प्रधानमंत्री इस प्रतिष्ठित सम्मान को हासिल करने वाली दुनिया की 14वीं हस्ती बन गए
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चाणक्य ने कहा है :- यदि आप बंदर के सामने केले और बहुत सारे पैसे रखेंगे तो बंदर केले उठाएगा पैसे नहीं क्योकि वह नहीं जानता है की पैसों से बहुत सारे केले खरीदे जा सकते है ।
ठीक उसी प्रकार आज यदि वास्तविकता में भारत की जनता को निजी हित निजी स्वार्थ पूरे करने और राष्ट्रीय सुरक्षा में से किसी एक का विकल्प चयन करने का कहें तो वो निजी स्वार्थ ही चयन करेंगे। क्योकी वो नहीं समझ पा रहे हैं की राष्ट्र सुरक्षित नहीं रहा तो फिर निजी हितों की गठरी बाँध के कहाँ ले जाओगे।
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सीबीआई में विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के पक्ष मे़ पाकिस्तान से चल रहा है ट्वीटर अभियान! अहमद पटेल, मोइन कुरैशी और ISI एजेंट दानिश शाह शक के घेरे में!
निदेशक बनाए जाने के पहले से ही राकेश अस्थाना जांच के घेरे में हैं, लेकिन जिस प्रकार उनकी नियुक्ति के बाद से सीबीआई की शाख पर बट्टा लगना शुरू हुआ है उससे किसी बड़े षड्यंत्र की आशंका थी। अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की खबर बाहर आते ही उनके समर्थन में पाकिस्तान से लेकर पोर्न स्टारों के ट्वीट का अंबार लग गया।
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वेटिकन देश के महाराज पोप फ्रांसिस ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC के आर्चबिशप डोनाल्ड वुर्ल का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया। डोनाल्ड पर आरोप था कि वे जब पेनसिलवानिया के बिशप थे, तब उन्होंने बच्चों पर कामासक्त रहने वाले पादरियों से निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की थी।डोनाल्ड ने अपने बिशपिया कार्यकाल में यौन उत्पीड़न के ढेरों काण्ड सामने आने पर त्यागपत्र देने की इच्छा प्रकट की थी। पोपराज ने डोनाल्ड की ‘नेकनीयती’ की प्रशंसा करते हुए उनका इस्तीफा लिया। अमेरिकी जूरी की रिपोर्ट में रहस्योद्घाटन हुआ था कि पेनसिलवानिया कैथोलिक चर्च ने चर्चों में हजारों बच्चों के साथ कामुकुकर्मों को बरसों छिपाए रखा।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों पाकिस्तान की सेना और वहां की सरकार के हाथों की कठपुतली बन गए हैं। पाकिस्तान की शह पर राहुल गांधी मोदी सरकार को बदनाम करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी कुछ भी बोलते हैं तो पाकिस्तान में उसका भरपूर समर्थन किया जाता है। ताजा वाकया राहुल गांधी के एक ट्वीट से जुड़ा हुआ है। राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सीबीआई चीफ को हटाए जाने को लेकर, जो ट्वीट किया है, उसे राहुल के पाकिस्तानी आकाओं ने हाथों-हाथ लिया है। राहुल के इस ट्वीट को पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया गया है। इतना ही नहीं पाक आर्मी चीफ और पाक सरकार के तमाम मंत्रियों ने भी इसे रीट्वीट किया है।
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पुलिस और अदालत के आगे अड़े रहे केरल के हिन्दू.. सबरीमाला मंदिर के पट हुए बंद लेकिन एक भी महिला पूरी नहीं कर सकी अपनी जिद
पीसी जोर्ज ने तो यहाँ तक कहा की – सुप्रीम कोर्ट का सबरीमाला मंदिर पर चाहे कोई भी फैसला हो, मैं 1 भी महिला को सबरीमाला मंदिर की तरफ जाने ही नहीं दूंगा, पीसी जोर्ज ने कहा की – मंदिर की तरफ दो तिहाई लोग मेरे ही विधानसभा इलाके से होकर जाते है, मैं 1 भी महिला को मंदिर की तरफ जाने ही नहीं दूंगा, मंदिर के नियमो की रक्षा करूँगा, सुप्रीम कोर्ट को जो कहना है करना है करने दो।
हिन्दुओ के लिए ये सीख है, आप एकजुट हुए तो सब आपको सम्मान देंगे, बिखरे रहे तो सिर्फ अपमान ही अपमान मिलेगा, एकजुट होना मुश्किल नहीं है, बस किसी जाति से ऊपर होकर हिन्दू हो जाइए, PC George जैसे कट्टरपंथी आपको सम्मान देने में लग जायेंगे ।
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पुआल से कप-प्लेट बनाने का स्टार्टअप..//
अब फसल अपशिष्टों से भी ईको-फ्रेंडली उत्पाद बनाने की पद्धति विकसित हो चुकी है। आईआईटी, दिल्ली के इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़े 'क्रिया लैब्स' स्टार्टअप के तीन छात्रों अंकुर कुमार, कनिका प्रजापत और प्रचीर दत्ता धान के पुआल से कप और प्लेट बना रहे हैं।
दिल्ली में हवा के प्रदूषण से निपटने के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू हो गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए गत सोमवार से इमरजेंसी प्लान लागू किया है।
आईआईटी-दिल्ली के छात्र अंकुर कुमार, कनिका प्रजापत और प्रचीर दत्ता ने चार साल पहले ग्रीष्मकालीन परियोजना के रूप में पराली (धान का पुआल) से कप और प्लेट बनाने का 'क्रिया लैब्स' स्टार्टअप शुरू किया था। उस समय वे बी.टेक कर रहे थे। उनका विचार था कि फसल अपशिष्टों से जैविक रूप से अपघटित होने योग्य बर्तन बनाने की तकनीक विकसित हो जाए तो प्लास्टिक से बने प्लेट तथा कपों का इस्तेमाल कम किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने एक प्रक्रिया और उससे संबंधित मशीन विकसित की और पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया। अंकुर कुमार बताते हैं कि जल्द ही हमें यह एहसास हो गया कि मुख्य समस्या कृषि कचरे से लुगदी बनाने की है, न कि लुगदी को टेबलवेयर में परिवर्तित करने की।
'क्रिया लैब्स' के मुख्य संचालन अधिकारी अंकुर कुमार बताते हैं कि इस तकनीक की मदद से किसी भी कृषि अपशिष्ट या लिग्नोसेल्यूलोसिक द्रव्यमान को होलोसेल्यूलोस फाइबर या लुगदी और लिग्निन में परिवर्तित किया जा सकता है। लिग्निन को सीमेंट और सिरेमिक उद्योगों में बाइंडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लगभग उसी समय, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या उभरी और पराली जलाने से इस खोज का संबंध एक बड़ा मुद्दा बन गया। उसी दौरान हमने इस नयी परियोजना पर काम करना शुरू किया था। हमारी कोशिश कृषि अपशिष्टों से लुगदी बनाना और उससे लिग्निन-सिलिका के रूप में सह-उत्पाद को अलग करने की थी। हमने सोचा कि अगर किसानों को उनके फसल अवशेषों का मूल्य मिल जाए तो वे पराली जलाना बंद कर सकते हैं।
इस प्रकार सितंबर 2017 में 'क्रिया लैब्स' को स्थापित किया गया। अभी स्थापित की गई यूनिट में प्रतिदिन 10 से 15 किलोग्राम कृषि अपशिष्टों का प्रसंस्करण किया जा सकता है।
गौरतलब है कि हर साल सर्दियों की शुरुआत होते ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लाखों टन पराली (धान का पुआल, जड़ें) जला दी जाती है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार, इस मौसम में अब तक पराली जलाने की पंजाब में 700 और हरियाणा में 900 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। नासा के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में फसल अवशेष जलाने के कारण धुएं और धुंध का गुबार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक फैल रहा है।
धान की पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़े स्टार्टअप 'क्रिया लैब्स' ने अब फसल अपशिष्टों से ईको-फ्रेंडली कप और प्लेट जैसे उत्पाद बनाने की पद्धति विकसित की है। अपनी नयी विकसित प्रक्रिया का उपयोग करके तीनों छात्रों ने धान के पुआल को कप और प्लेट के निर्माण के लिए एक इकाई स्थापित की है, जो आमतौर पर प्रचलित प्लास्टिक प्लेटों का विकल्प बन सकती है।
धान के पुआल में 10 प्रतिशत तक सिलिका होती है, जिसकी वजह से अधिकतर औद्योगिक प्रक्रियाओं में इसका उपयोग करना मुश्किल होता है। शोधकर्ताओं ने एक विलायक-आधारित प्रक्रिया विकसित की है, जिसकी मदद से सिलिका कणों के बावजूद फसल अवशेषों को औद्योगिक उपयोग के अनुकूल बनाया जा सकता है। फिलहाल, 'क्रिया लैब्स' के संस्थापक-निर्माता छात्र धान के पुआल से बनी लुगदी से टेबलवेयर बना रहे हैं। उनका कहना है कि अब वे इससे जुड़ा पायलट प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, जिसकी मदद से प्रतिदिन तीन टन फसल अवशेषों का प्रसंस्करण करके दो टन लुगदी बनायी जा सकेगी। इस तरह के प्लांट उन सभी क्षेत्रों में लगाए जा सकते हैं, जहां फसल अवशेष उपलब्ध हैं। 'क्रिया लैब्स' को अगर रणनीतिक पार्टनर और निवेशक मिलते हैं तो बाजार की मांग के अनुसार वह उत्पादन इकाइयों में परिवर्तन करके उसे फाइबर और बायो-एथेनॉल जैसे उत्पाद बनाने के लिए भी अनुकूलित कर सकते हैं।
दिल्ली में हवा के प्रदूषण से निपटने के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू हो गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए गत सोमवार से इमरजेंसी प्लान लागू किया है। इस बीच नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने कुछ सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने का स्तर घटा है। नासा की उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने के शुरू में पराली जलाना शुरू किया है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 10 दिनों में, खासकर अमृतसर, अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार समेत इनके आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने का स्तर बढ़ा है।
यद्यपि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी) पहले ही पंजाब के साथ ही हरियाणा व उत्तर प्रदेश में इस पर रोक लगाने का आदेश दे चुका है, राजधानी दिल्ली में पराली से उत्पन्न प्रदूषण के चलते हवा की क्वालिटी लगातार खराब हो रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल ही इस मुद्दे पर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह समझ से परे है कि पूरे एक साल तक केंद्र, पंजाब और हरियाणा की सरकारों की तरफ से आश्वासन के बावजूद पराली समस्या की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पराली न जलाने की एवज में किसानों को सौ रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की मांग की है। केंद्रीय वित्त आयोग के मुताबिक, सिर्फ पराली से नहीं, बल्कि उद्योग-धंधों, निर्माण कार्यों, वाहनों से भी प्रदूषण फैल रहा है। किसानों के खेत में फसली अवशेष के निस्तारण के लिए वित्त आयोग हरियाणा व पंजाब को आर्थिक मदद की पेशकश कर सकता है। पंजाब और हरियाणा के गांवों में पराली जलाए जाने के बाद जहां पिछले साल राजधानी दिल्ली पर स्मॉग का अंधेरा छाया रहा था, वहीं इस बार भी पराली जलाने के चलते प्रशासन अलर्ट है। लोगों के जेहन में यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या फिर से वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली है।
गौरतलब है कि नासा द्वारा उतारी गई तस्वीरों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने की शुरुआत में पराली जलाना शुरू कर दिया था। पराली की वजह से बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए हरियाणा जिले के करनाल में उपायुक्त डॉक्टर आदित्य दहिया ने चेतावनी जारी कर दी है कि किसान खेतों में पराली न जलाएं। नाभा (पंजाब) के गांव कलार माजरा नाम के किसान बीर दलविंदर सिंह पराली न जलाने की सरकार की अपील को अपने पड़ोसियों और गांववालों तक पहुंचा रहे हैं। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी गांव के इस पर्यावरण सहयोगी कदम की तारीफ की है। अब गांव के करीब 70 प्रतिशत लोगों ने पराली न जलाने का फैसला किया है। गांव ने इससे निपटने का एक सरल और कारगर तरीका अपनाया है। खेत जोतकर पराली को मिट्टी में दबा देते हैं।
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मिले ना फूल तो कांटों से दोस्ती कर ली।
किसी तरह से बसर हमने जिंदगी कर ली।
नजर मिली भी न थी और उनको देख लिया।
जुबां खुली भी ना थी और बात भी कर ली।
मिले ना फूल तो...
अब आगे जो भी हो अंजाम देखा जाएगा।
खुदा तराश लिया और बंदगी कर ली।
मिले ना फूल तो...
वो जिनको प्यार है चांदी से इश्क सोने से।
वही कहेंगे कभी हमने खुदकुशी कर ली।
मिले ना फूल तो..
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सबरीमाला के मुसलिम कलेक्टर ने बढ़ाई सांप्रदायिकता
वही आईजी ने मांगी भगवान अयप्पा से माफ़ी!
सबरीमाला के कलक्टर मोहम्मद नूह ने सीपीएम के कुछ नेताओं तथा कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए षड्यंत्रके तहत उन्होंने पोर्न एक्ट रेहाना फातिमा को आमंत्रित किया था। ताकि सबरीमाला को अपमानित करने के साथ हिंदुओं को उकसाया जा सके। समानता तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नाम पर केरल की वामपंथी सरकार प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का खेल खेल रही है। प्रदेश के आईजी पर दो एक्टिविस्ट महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने का दबाव डालती है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कलक्टर मोहम्मद नूह के साथ मिलकर केरल के आईजी श्रीजीत पर दो एक्टिविस्ट महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने का दबाव डाला यह खुलासा स्वंय आईजी श्रीजीत ने किया है। भगवान श्री अयप्पा के सामने श्रीजीत का धैर्य, आंसू में बदलकर बह निकले उससे समझा जा सकता है कि उनपर केरल सरकार का कितना दबाव रहा होगा।
तभी तो आम नागरिकों ने कलेक्टर मोहम्मद नूह को तत्काल हटाने की मांग की है। उनकी मंशा सबरीमाला मंदिर के निरादर करने के साथ ही हिंदुओं को उकसाने की है ताकि सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया जा सके।
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इस्लामिक आतंकी दल लश्कर के पैसे से हरियाणा के पलवल में मस्जिद बनाने के मामले का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेन्सियों के कान खड़े हो गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि देश के और भी कई हिस्सों में इसी तर्ज पर आतंकवादी संगठनों के पैसे का इस्तेमाल करके स्थानीय नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है. पलवल की मस्जिद में हाफिज सईद से मिले पैसे का खुलासा करने के बाद एनआईए अपनी जांच का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है.
एनआईए के सूत्रों के मुताबिक आतंकी फंड से मस्जिद बनाने की मामला मात्र हरियाणा के पलवल तक ही सीमित नहीं है. एजेन्सी की जांच के दायरे में अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिले भी आ गए हैं क्योंकि यहां आतंकी फंडिंग को लेकर पहले भी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. अब वह लोग पैसे के जरिए देश के अंदर ही आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की फिराक में हैं. इसके लिए हवाला के जरिए पैसा देश में लाया जा रहा है और उससे आलीशान इमारतें खड़ी की जा रही हैं.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस साल दूसरा सम्मान मिला, अक्टूबर में यूएन का चैम्पियन ऑफ द अर्थ अवॉर्ड मिला था भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में योगदान के लिए सोल शांति पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है।प्रधानमंत्री इस प्रतिष्ठित सम्मान को हासिल करने वाली दुनिया की 14वीं हस्ती बन गए
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चाणक्य ने कहा है :- यदि आप बंदर के सामने केले और बहुत सारे पैसे रखेंगे तो बंदर केले उठाएगा पैसे नहीं क्योकि वह नहीं जानता है की पैसों से बहुत सारे केले खरीदे जा सकते है ।
ठीक उसी प्रकार आज यदि वास्तविकता में भारत की जनता को निजी हित निजी स्वार्थ पूरे करने और राष्ट्रीय सुरक्षा में से किसी एक का विकल्प चयन करने का कहें तो वो निजी स्वार्थ ही चयन करेंगे। क्योकी वो नहीं समझ पा रहे हैं की राष्ट्र सुरक्षित नहीं रहा तो फिर निजी हितों की गठरी बाँध के कहाँ ले जाओगे।
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सीबीआई में विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के पक्ष मे़ पाकिस्तान से चल रहा है ट्वीटर अभियान! अहमद पटेल, मोइन कुरैशी और ISI एजेंट दानिश शाह शक के घेरे में!
निदेशक बनाए जाने के पहले से ही राकेश अस्थाना जांच के घेरे में हैं, लेकिन जिस प्रकार उनकी नियुक्ति के बाद से सीबीआई की शाख पर बट्टा लगना शुरू हुआ है उससे किसी बड़े षड्यंत्र की आशंका थी। अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की खबर बाहर आते ही उनके समर्थन में पाकिस्तान से लेकर पोर्न स्टारों के ट्वीट का अंबार लग गया।
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वेटिकन देश के महाराज पोप फ्रांसिस ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC के आर्चबिशप डोनाल्ड वुर्ल का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया। डोनाल्ड पर आरोप था कि वे जब पेनसिलवानिया के बिशप थे, तब उन्होंने बच्चों पर कामासक्त रहने वाले पादरियों से निपटने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की थी।डोनाल्ड ने अपने बिशपिया कार्यकाल में यौन उत्पीड़न के ढेरों काण्ड सामने आने पर त्यागपत्र देने की इच्छा प्रकट की थी। पोपराज ने डोनाल्ड की ‘नेकनीयती’ की प्रशंसा करते हुए उनका इस्तीफा लिया। अमेरिकी जूरी की रिपोर्ट में रहस्योद्घाटन हुआ था कि पेनसिलवानिया कैथोलिक चर्च ने चर्चों में हजारों बच्चों के साथ कामुकुकर्मों को बरसों छिपाए रखा।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों पाकिस्तान की सेना और वहां की सरकार के हाथों की कठपुतली बन गए हैं। पाकिस्तान की शह पर राहुल गांधी मोदी सरकार को बदनाम करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी कुछ भी बोलते हैं तो पाकिस्तान में उसका भरपूर समर्थन किया जाता है। ताजा वाकया राहुल गांधी के एक ट्वीट से जुड़ा हुआ है। राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सीबीआई चीफ को हटाए जाने को लेकर, जो ट्वीट किया है, उसे राहुल के पाकिस्तानी आकाओं ने हाथों-हाथ लिया है। राहुल के इस ट्वीट को पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया गया है। इतना ही नहीं पाक आर्मी चीफ और पाक सरकार के तमाम मंत्रियों ने भी इसे रीट्वीट किया है।
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पुलिस और अदालत के आगे अड़े रहे केरल के हिन्दू.. सबरीमाला मंदिर के पट हुए बंद लेकिन एक भी महिला पूरी नहीं कर सकी अपनी जिद
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