भीड़भाड़ वाले इलाके, बड़े नेता और 26 जनवरी को धमाके की साजिश कैसे रची गई ?
अमरोहा के गांव सैदपुर इम्मा में एक गांव वाले के घर एनआईए के अफसर बतौर नौकर बनकर रह रहे थे। इन अफसरों ने आतंकी नेटवर्क की पल-पल की जानकारी आला अफसरों तक पहुंचाई। एनआईए की टीम की नजर सबसे ज्यादा अमरोहा के आईएस मॉडयूल पर थी। इसके लिए एनआईए के अधिकारी अमरोहा में पालिका की सर्वे टीम में शामिल होकर मुफ्ती सुहैल के घर के आसपास जानकारी जुटाई। सर्वे टीम में ही शामिल होकर एनआईए के अधिकारी दो हफ्ते पहले मुफ्ती सुहैल के घर पहुंचे थे।
इसकी भनक स्थानीय पुलिस और स्थानीय खुफिया एजेंसियों को भी नहीं लगने दी। जब छापेमारी की पूरी तैयारी कर ली गई तो स्थानीय पुलिस को घेराबंदी के लिए एन वक्त पहले जानकारी दी गई।देसी रॉकेट लॉन्चर, 25 किलो पोटैशियम नाइट्रेट, 12 पिस्टल, 150 गोलियां, 135 सिम, 91 फोन, 3 लैपटॉप, चाकू, तलवार, 120 अलार्म घड़ियां, बम बनाने के 51 पाइप और एक वीडियो जिसमें बम बनाने का तरीका बताया जा रहा है ।
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