हर पति-पत्नी के लिए मिसाल यह जोड़ा, जिसकी जिद के आगे हार गई हर मजबूरी!
जोधपुर.ये हैं इंद्रा कॉलोनी (प्रतापनगर) में रहने वाले दंपती मंजू-दौलतराज चौहान। मंजू नि:शक्त हैं,जबकि दौलत दृष्टिहीन। दोनों एक-दूजे की ताकत बने हुए हैं। मंजू बीए पास हैं और एमडीएम अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं। जब वे ड्यूटी पर आती हैं तोदौलतराज साथ रहते हैं। घर से अस्पताल तक स्कूटर मंजू चलाती हैं।
अस्पताल पहुंचने पर दौलतराज कंधे पर उठाकर उन्हें सहारा देकर अंदर ले जाते हैं। फिर शुरू होता है संघर्ष का दौर। आठ घंटे तक दोनों साथ बैठते हैं। मंजू ही यहां बोलकर दौलत को अपने केबिन तक कारास्ता बताती हैं। अस्पताल का स्टाफ और अन्य लोग भी उनके हौसले को सलाम करतेहैं।
हमारा भी इस जोड़ी को सलाम ....!!
जोधपुर.ये हैं इंद्रा कॉलोनी (प्रतापनगर) में रहने वाले दंपती मंजू-दौलतराज चौहान। मंजू नि:शक्त हैं,जबकि दौलत दृष्टिहीन। दोनों एक-दूजे की ताकत बने हुए हैं। मंजू बीए पास हैं और एमडीएम अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं। जब वे ड्यूटी पर आती हैं तोदौलतराज साथ रहते हैं। घर से अस्पताल तक स्कूटर मंजू चलाती हैं।
अस्पताल पहुंचने पर दौलतराज कंधे पर उठाकर उन्हें सहारा देकर अंदर ले जाते हैं। फिर शुरू होता है संघर्ष का दौर। आठ घंटे तक दोनों साथ बैठते हैं। मंजू ही यहां बोलकर दौलत को अपने केबिन तक कारास्ता बताती हैं। अस्पताल का स्टाफ और अन्य लोग भी उनके हौसले को सलाम करतेहैं।
हमारा भी इस जोड़ी को सलाम ....!!
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