आज कुछ पुरानी किताबो को ऊलट पुलट रहा था ... तभी मेरे हाथ बहुत पुरानी कादिम्बिनी लगी ... उसमे कवियत्री महादेवी वर्मा के कुछ संस्मरण लिखे थे जो उन्होंने प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद जी के सादगी और कर्तव्यबोध के बारे में लिखे है ...
महादेवी वर्मा जी के शब्दों में :--
" मै एक बार राजेन्द्र प्रशाद जी के धर्मपत्नी जी के साथ राष्ट्रपति भवन में बैठी थी .. वो खुद खाना पका भी रही थी .. वो थाली के चावल बीनते मेरे से बात कर रही थी ... फिर जैसे ही उन्हें पता चला की मै इलाहबाद से हूँ तो उन्होंने मेरे से भोजपुरी में कहा " ये बहिनी हमके चाउर बीनले में बड़ा समय लालेगा .. राऊआ तो इलाहबाद के हई त एक ठो सुपा जवन यूपी अउर बिहार में मिलेला ऊ भेजवा देती त हमके बड़ा आराम रहत"
मतलब "बेटी मुझे चावल बीनने में बहुत समय लगता है ..आप तो इलाहबाद की है तो क्या आप मेरे लिए एक सुपा जो पूर्वी यूपी और बिहार में मिलता है वो भिजवा सकती है ?
महादेवी जी ने कहा क्यों नही .. फिर दो दो हप्तो के बाद दस सुपे लेकर उनके पास गयी .. संयोग से उस समय राजेन्द्र प्रशाद जी भी बैठे थे .. उनकी धर्मपत्नी जी ने सूप ले लिए ..
फिर जानते है बाद में क्या हुआ ??
राजेन्द्र प्रशाद जी के वो सारे सूप राष्ट्रपति भवन के सरकारी मालखाने में जमा करवा दिया ..और अपने धर्मपत्नी जी के कहा की तुम राष्ट्रपति की पत्नी हो तुमको जो भी भेंट मिलेगा वो सरकार का है हमारा नही ..
आज भी वो सारे सूप राष्ट्रपति भवन के मालखाने में रखे है ... और दर्शक एक बार उन्हें देखकर सोच में पड़ जाते है की आखिर ये सूप यहाँ क्यों रखे है
...........................................................................................................................
भारत में गाय का मांस 120/- रुपये
किलो खुलेआम बिक रहा है औरएक गाय-भैंस-बैल
को कटने पर 350 किलो मांस निकलता है. चमड़े और
हड्डियों कीअलग से कीमत मिलती है. जो पशु
औसतन 8000- 9000 मेंगाव मिल जा रहे हैं और
सुखा वाले प्रदेशो में तो यह 3000/- में
ही मिल जा रहे हैं.
पशु की कीमत 8000/-
उसे काटने से मिला मांस 350 किलो
भारत में उस मांस का दाम = 350 x120/-=
42,000/- रुपये
चमड़े का दाम = 1000/-
विदेशो में निर्यात करने पर यही मांस 3 से 4
गुना दाम में बिकता है और यह निर्भर करता है
की आप किस देश में भेज रहे हैं.
किसान को मिला सिर्फ 9000/- रुपया
और गो-हत्या शाळा चलाने वाले को मिला 43000 -
9000 = 34,000/- रुपये
भारत में एक एक गो-वधशाला में 10000 से
15000 पशु रोज कट रहेहैं औसत 12000पशु रोज
का मानिएतो --
यानी एक मालिक को एक दिन में 34000/- x12000
= 40,80,00,000/- (चालीस करोड़ रुपये रोज
का मुनाफा)
यदि साल में 320 दिन यह काम चले तो 40 करोड़ x
320 = 12800 करोड़ रुपये शुद्ध
मुनाफा सालाना,
तो सोचिये गाय का कत्लखाना चलाने वाला इसे
महादेवी वर्मा जी के शब्दों में :--
" मै एक बार राजेन्द्र प्रशाद जी के धर्मपत्नी जी के साथ राष्ट्रपति भवन में बैठी थी .. वो खुद खाना पका भी रही थी .. वो थाली के चावल बीनते मेरे से बात कर रही थी ... फिर जैसे ही उन्हें पता चला की मै इलाहबाद से हूँ तो उन्होंने मेरे से भोजपुरी में कहा " ये बहिनी हमके चाउर बीनले में बड़ा समय लालेगा .. राऊआ तो इलाहबाद के हई त एक ठो सुपा जवन यूपी अउर बिहार में मिलेला ऊ भेजवा देती त हमके बड़ा आराम रहत"
मतलब "बेटी मुझे चावल बीनने में बहुत समय लगता है ..आप तो इलाहबाद की है तो क्या आप मेरे लिए एक सुपा जो पूर्वी यूपी और बिहार में मिलता है वो भिजवा सकती है ?
महादेवी जी ने कहा क्यों नही .. फिर दो दो हप्तो के बाद दस सुपे लेकर उनके पास गयी .. संयोग से उस समय राजेन्द्र प्रशाद जी भी बैठे थे .. उनकी धर्मपत्नी जी ने सूप ले लिए ..
फिर जानते है बाद में क्या हुआ ??
राजेन्द्र प्रशाद जी के वो सारे सूप राष्ट्रपति भवन के सरकारी मालखाने में जमा करवा दिया ..और अपने धर्मपत्नी जी के कहा की तुम राष्ट्रपति की पत्नी हो तुमको जो भी भेंट मिलेगा वो सरकार का है हमारा नही ..
आज भी वो सारे सूप राष्ट्रपति भवन के मालखाने में रखे है ... और दर्शक एक बार उन्हें देखकर सोच में पड़ जाते है की आखिर ये सूप यहाँ क्यों रखे है
...........................................................................................................................
भारत में गाय का मांस 120/- रुपये
किलो खुलेआम बिक रहा है औरएक गाय-भैंस-बैल
को कटने पर 350 किलो मांस निकलता है. चमड़े और
हड्डियों कीअलग से कीमत मिलती है. जो पशु
औसतन 8000- 9000 मेंगाव मिल जा रहे हैं और
सुखा वाले प्रदेशो में तो यह 3000/- में
ही मिल जा रहे हैं.
पशु की कीमत 8000/-
उसे काटने से मिला मांस 350 किलो
भारत में उस मांस का दाम = 350 x120/-=
42,000/- रुपये
चमड़े का दाम = 1000/-
विदेशो में निर्यात करने पर यही मांस 3 से 4
गुना दाम में बिकता है और यह निर्भर करता है
की आप किस देश में भेज रहे हैं.
किसान को मिला सिर्फ 9000/- रुपया
और गो-हत्या शाळा चलाने वाले को मिला 43000 -
9000 = 34,000/- रुपये
भारत में एक एक गो-वधशाला में 10000 से
15000 पशु रोज कट रहेहैं औसत 12000पशु रोज
का मानिएतो --
यानी एक मालिक को एक दिन में 34000/- x12000
= 40,80,00,000/- (चालीस करोड़ रुपये रोज
का मुनाफा)
यदि साल में 320 दिन यह काम चले तो 40 करोड़ x
320 = 12800 करोड़ रुपये शुद्ध
मुनाफा सालाना,
तो सोचिये गाय का कत्लखाना चलाने वाला इसे
No comments:
Post a Comment