प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने उत्तरांचल में मदद के लिए
एक हजार करोड़ रुपयों "प्रधानमंत्री राहत कोष " से देने की घोषणा की है ,, पहले जानिये "प्रधानमंत्री राहत कोष " होता क्या है ,,,,इस कोष को नेहरु ने बनाया था 1948 में ,,इस में सरकार की तरफ से कोई पैसा जमा नहीं किया जाता ,बल्कि विभिन्न संस्थाए और आम जनता जो दान करती है इस कोष के लिए ,उस से जो पैसा एकत्र होता है वही प्रधानमन्त्री उपयोग करते है ,,
"प्रधानमंत्री राहत कोष " में जमा कराया गया धन पूर्णत : कर मुक्त होता है ,, और सूचना के अधिकार के तहत भी इस में दान दातो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती ,,,
सरकार इस कोष में अपनी तरफ से एक भी पैसा जमा नहीं कराती ....इस समय "प्रधानमंत्री राहत कोष " में करीब 17 हजार करोड़ रुपये जमा है ... तो कहने का मतलब है की अभी जो मनमोहन जी ने एक हजार करोड़ रूपये देने की घोषणा की वो आम जनता के दान का ही पैसा है ना की सरकार ने अपनी तरफ से कोई अलग से राशि आम जनता को मुहैया करवाई है मदद के लिए.
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एक हजार करोड़ रुपयों "प्रधानमंत्री राहत कोष " से देने की घोषणा की है ,, पहले जानिये "प्रधानमंत्री राहत कोष " होता क्या है ,,,,इस कोष को नेहरु ने बनाया था 1948 में ,,इस में सरकार की तरफ से कोई पैसा जमा नहीं किया जाता ,बल्कि विभिन्न संस्थाए और आम जनता जो दान करती है इस कोष के लिए ,उस से जो पैसा एकत्र होता है वही प्रधानमन्त्री उपयोग करते है ,,
"प्रधानमंत्री राहत कोष " में जमा कराया गया धन पूर्णत : कर मुक्त होता है ,, और सूचना के अधिकार के तहत भी इस में दान दातो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती ,,,
सरकार इस कोष में अपनी तरफ से एक भी पैसा जमा नहीं कराती ....इस समय "प्रधानमंत्री राहत कोष " में करीब 17 हजार करोड़ रुपये जमा है ... तो कहने का मतलब है की अभी जो मनमोहन जी ने एक हजार करोड़ रूपये देने की घोषणा की वो आम जनता के दान का ही पैसा है ना की सरकार ने अपनी तरफ से कोई अलग से राशि आम जनता को मुहैया करवाई है मदद के लिए.
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