Friday, 6 September 2013

बेबी (मिल्क) पावडर

बेबी (मिल्क) पावडर

हमारे देश में एक अमेरिकी कंपनी है - नेस्ले , नेस्ले बेबी पावडर (डब्बे का दूध) बेचती है | यूरोप के देशों में बेबी पावडर बिकता नहीं, यूरोप के देशों में बेबी पावडर को बेबी किलर कहते हैं | मैंने यूरोप के कई देशों में देखा है, बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे रहते हैं और सरकार की तरफ से उन होर्डिंगों पर प्रचार किया जाता है कि "आप अपने बच्चे को बेबी पावडर मत खिलाईये" | क्यों ? क्योंकि इसमें जहर है, तो पुरे यूरोप में ये जो बेबी पावडर "बेबी किलर" कहा जाता है वही बेबी पावडर धड़ल्ले से भारत के बाजार में बिक रहा है और बहुत वर्षों तक इस देश में जो बेबी पावडर बिकता था, उसके डब्बे पर कुछ भी लिखा नहीं होता था, जब कुछ अच्छे लोगों ने इस मुद्दे को उठाया, हमारे जैसे विचार वाले कुछ डोक्टरों ने संसद पर दबाव बनाया तब भारत की सरकार ने सिर्फ इतना सा संसोधन कर दिया कि "कंपनियों को बेबी पावडर के डब्बे पर ये लिखना आवश्यक होगा कि माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम है", बस बात ख़त्म | होता ये कि भारत सरकार इन डब्बे के दूध को भारत में प्रतिबंधित कर देती, लेकिन नहीं | और भारत की पढ़ी-लिखी माताओं की हालत भी कुछ वैसी ही है, जो जितनी ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं वो उतना ही ज्यादा बेबी पावडर पिलाती हैं अपने बच्चों को | कभी-कभी तो मुझे ये लगता है कि जैसे भारत में जब से बेबी पावडर आया है तभी से बच्चे जवान हो रहे हैं, बिना बेबी पावडर के तो लोग बड़े ही नहीं हुए होंगे इस देश में ? कुछ ऐसा ही माहौल बनाया गया है इस देश में पिछले कुछ वर्षों से, और विरोधाभास क्या है इस देश में कि बाजार में बेबी पावडर भी बिक रहा है और "माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम है" इस विषय पर सेमिनार भी आयोजित किये जाते हैं, करोड़ो रूपये खर्च कर के | सीधा ये नहीं करते कि बेबी पावडर को प्रतिबंधित कर दे इस देश में | जिनको समझना चाहिए कि "माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम है" वो सेमिनार में आते नहीं और जिनको ये समझ है वो कोई कैम्पेन चलाते नहीं, ये इस देश का दुर्भाग्य है |

जय हिन्द
राजीव दीक्षित

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इजराइल का कुल क्षेत्रफल इतना है कि तीन इजराइल मिल कर भी हमारे उतर प्रदेश जितना नहीं हो सकते, इजराइलकी कुल जनसंख्या लगभग २५ --३० लाख है, चारो तरफ से कट्टर इस्लामिक मुस्लिम देशो से घिरा हुआ है। एक बार तो चार देशो ने मिलकर अकेले इजराइल पर हमला किया था।
अब जरा इजराइल की सेन्य और विदेश नित्ति भी जान लीजिये, इजराइल कभी किसी देश या संघटन को यह नहीं कहता कि हमारे देश में आंतकवादी घटनाये या हमला मतकीजिये बल्कि इजराइल कहता है अगर किसी ने हमारे देश के एक नागरिक को मारा तो हम उस देश में घुस कर के उसके १०० नागरिकों को मार देंगे,हाल ही में फिलिस्तीन ने यहगलती की तो इजराइल ने फिलिस्तीन के ५ स्कुलों पर बमबारी कर दी।
अगर आप इजराइल के दुश्मन होतो आपका इस दुनिया में कही भी जिन्दा रह पाना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है, इजराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी"मोसाद " आपको और आपके परिवार को हर पल मरने के लिए मजबूर कर देगी और अंत में आपको और आपके परिवार कोआपके के ही घर में बम से उड़ा दिया जायेगा..
युद्ध में इजराइल का कोई मुकाबला नहीं है जैसे हमने बताया एक बार चार देश एक साथ मिलकर कोशिश कर चुके हैं लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी और बचा- कूचा विवादित क्षेत्र भी इजराइल ने हथिया लिया था।
हमें इजराइल बनने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति, संकल्प और नेर्तत्व करने की भारी क्षमता और बड़े फेसले लेने की ताकत चाहिए। और यही कारणहै की दुनियाभर के ज्यादातरमुसलमान इसराइल से नफरत करते हैं क्योंकि वह उनकी आतंकवादी हरकतों को बर्दाश्त ना करके हर बारी उनकी ईंट से ईंट बजा डालता है!!!!
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प्राथमिक पाठशाला की एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को एक निबंध लिखने को कहा.
विषय था "भगवान से आप क्या बनने का वरदान मांगेंगे"

इस निबंध ने उस क्लास टीचर को इतना भावुक कर दिया कि रोते-रोते उस निबंध को लेकरवह घर आ गयी.

पति ने रोने का कारण पूछा तो उसने जवाब दिया इसे पढ़ें, यह मेरे छात्रों मेंसे एक ने यह निबंध लिखा है..

निबंध कुछ इस प्रकार था:-

हे भगवान, मुझे एक टीवी बना दो
क्योंकि तब मैं अपने परिवारमें ख़ास जगह ले पाऊं
और बिना रूकावट या सवालों के मुझे ध्यान से सुना व देखा जायेगा.

जब मुझे कुछ होगा तब टीवी खराब की खलबली पूरे परिवार में सबको होगी और मुझे जल्दसे जल्द सबठीक हालत में देखने के लिए लालायित रहेंगे.

वैसे मम्मी पापा के पास स्कूल और ऑफिस में बिलकुल टाइम नहीं है
लेकिन मैं जब अस्वस्थ्य रहूँगा तब मम्मी का चपरासी और पापा के ऑफिस का स्टाफ मुझे सुधरवाने के लिए दौड़ कर आएगा. ..

दादा का पापा के पास कई बार फोन चला जायेगा कि टीवी जल्दी सुधरवा दो
दादी का फेवरेट सीरियल आने वाला हे
मेरी दीदी भी मेरे साथ रहने के लिए हमेशा सबसे लडती रहेगी.

पापा जब भी ऑफिस से थक कर आएँगे मेरे साथ ही अपना समय गुजारेंगे.
मुझे लगता है कि परिवार का हर सदस्य कुछ न कुछ समय मेरे साथ अवश्य गुजारना चाहेगा

मैं सबकी आँखों में कभी ख़ुशी के तो कभी गम के आंसू देख पाऊंगा.

आज मैं "स्कूल का बच्चा" मशीन बन गया हूँ.
स्कूल में पढ़ाई घर में होमवर्क और ट्यूशन पे ट्यूशन
ना तो मैं खेल पाता हूँ न ही पिकनिक जा पाता हूँ

इसलिए भगवान मैं सिर्फ एक टीवी की तरह रहना चाहता हूँ,
कम से कम रोज़ मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ अपना बेशकीमती समय तो गुजार पाऊंगा.

पति ने पूरा निबंध ध्यान से पढ़ा और अपनी राय जाहिर की.

हे भगवान ! कितने जल्लाद होंगे इस गरीब बच्चे के माता पिता !

पत्नी ने पति को करुण आँखों से देखा और कहा,......

यह निबंध हमारे बेटे ने लिखा है !!

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कनाडा के प्राइम मिनिस्टर मि. पीअर ट्रुडो ने जब गीता पढ़ी तो वे दंग रहे गये। मि. पीअर. ट्रुडो ने कहाः

"मैंने बाइबिल पढ़ी, एंजिल पढ़ा, और भी कई धर्मग्रन्थ पढ़े। सब ग्रन्थ अपनी-अपनी जगह पर ठीक हैं लेकिन हिन्दुओं का यह श्रीमद् भगवद गीता रूपी ग्रन्थ तो अदभुत है ! इसमें किसी भी मत-मजहब, पंथ, संप्रदाय की निंदा स्तुति नहीं है बल्कि इसमें तो मनुष्यमात्र के विकास की बात है। शरीर स्वस्थ, मन प्रसन्न और बुद्धि में समत्व योग का, ब्रह्मज्ञान का प्रकाश जगानेवाला ग्रन्थ भगवद् गीता है... गीता केवल हिन्दुओं का ही धर्मग्रन्थ नहीं है, मानवमात्र का धर्मग्रन्थ है। Geeta is not the Bible of Hindus, but it is the Bible of humanity."

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