पीछले 65 सालो में कोई एक ऐसी केस बताईये जिसमे न्याय हुआ हो ! दोहरा दू न्याय नाकि फैसला हुआ हो किसी केस का ?
न्याय होता है सत्य एवं धर्म के आधार पर
और फैसला होता है तथ्यो के आधार पर !
तो फिर ज़ज को न्यायाधीश क्यों कहा जाता है ?
कानुनाधिश या कायदाधीश क्यों नहीं ?
अगर आप किसी गाय को डंडे से पिटते है तो कानून के हिसाब से आप को जेल हो जाएगी लेकिन अगर आप गाय को मार डालते है एवं उसकी बाज़ार में बोटी बोटी बेच देते है तो आपको कोई जेल नहीं होगी कोई कानून नहीं टूटेगा ! आपको गोशाला के लिए सबसीडी नहीं मिलती लेकिन कत्तलखाना खोलने के लिए जरुर क़र्ज़ मिल सकता है !
और क्या विडम्बना हो सकती है भारत की ?
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सूरज गौड़ गलत को गलत बोलना कोई गलती नहीं है पर एक गलती केलिए एक को कोसना और बाकियों को बचाना कहा की धर्मनिरपेक्षता है??रहूल गाँधी पर बलात्कार के आरोप लगे कोई न्यूज़ देखी ??जिसका बलात्कार किया वो परिवार समेत गायब हो गए कोईन्यूज़ नहीं देखी।।इसी साल हेदराबाद में कई काजी और इमाम पकडे गएजो छोटी छोटी बच्चियों को अरब के शेखो को बेच रहे थेकोई न्यूज़ देखी??कश्मीर का एक इमाम पकड़ा गया जिसने 200 सेज्यादा लडकियों का बलात्कार किया अल्लाह के नाम परकोई न्यूज़ देखी??पिछले एक साल में राजस्थान , केरला, कर्णाटक,छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में कई पादरी पकडे गएसेकड़ो बच्चियों से योंन शोषण करते पर कोई न्यूज़ देखी??अभी अभी ताज़ी न्यूज़ की हेदराबाद में ओवैसी के दम परएक मुस्लिम साडी शॉप में हिन्दू ओरतो के बलात्कार हो रहेहै और उनके विडियो youtube पर अपलोड हो रहे है कोईन्यूज़ देखी??बुखारी पर 100 से ज्यादा क्रिमिनल, देश द्रोह औरदंगा भड़काने के केस चल रहे है और नॉन बैलाबल वारंटभी निकले है पर कोई न्यूज़ देखी??आज तक सरकार उसको गिरफ्तार क्यूँ नहीं कर रही??आशा राम अगर गलत है तो उसको सजा दो पर इनबाकियों को सजा देने या इनकी न्यूज़ दिखाने में येमीडिया वाले इतनी तेजी क्यूँ नहीं दिखाते ??ये समझने के लिए दिमाग चाहिए जो हिन्दुओ के पासनहीं है
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सूरज गौड़ गलत को गलत बोलना कोई गलती नहीं है पर एक गलती केलिए एक को कोसना और बाकियों को बचाना कहा की धर्मनिरपेक्षता है??रहूल गाँधी पर बलात्कार के आरोप लगे कोई न्यूज़ देखी ??जिसका बलात्कार किया वो परिवार समेत गायब हो गए कोईन्यूज़ नहीं देखी।।इसी साल हेदराबाद में कई काजी और इमाम पकडे गएजो छोटी छोटी बच्चियों को अरब के शेखो को बेच रहे थेकोई न्यूज़ देखी??कश्मीर का एक इमाम पकड़ा गया जिसने 200 सेज्यादा लडकियों का बलात्कार किया अल्लाह के नाम परकोई न्यूज़ देखी??पिछले एक साल में राजस्थान , केरला, कर्णाटक,छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में कई पादरी पकडे गएसेकड़ो बच्चियों से योंन शोषण करते पर कोई न्यूज़ देखी??अभी अभी ताज़ी न्यूज़ की हेदराबाद में ओवैसी के दम परएक मुस्लिम साडी शॉप में हिन्दू ओरतो के बलात्कार हो रहेहै और उनके विडियो youtube पर अपलोड हो रहे है कोईन्यूज़ देखी??बुखारी पर 100 से ज्यादा क्रिमिनल, देश द्रोह औरदंगा भड़काने के केस चल रहे है और नॉन बैलाबल वारंटभी निकले है पर कोई न्यूज़ देखी??आज तक सरकार उसको गिरफ्तार क्यूँ नहीं कर रही??आशा राम अगर गलत है तो उसको सजा दो पर इनबाकियों को सजा देने या इनकी न्यूज़ दिखाने में येमीडिया वाले इतनी तेजी क्यूँ नहीं दिखाते ??ये समझने के लिए दिमाग चाहिए जो हिन्दुओ के पासनहीं है
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अल्लाहु अकबर के नारे लगा- लगा के गौरव और सचिन के शरीर का एक- एक अंग कटा गया, पुरुष अंग तक काटा गया !
पत्थरों से मार- मार के जान ले ली गयी और मरने के बाद भी लाश का सर गेहू पिसने वाली पाटी से तोड़ दिए !
मरने वाले हिन्दू और मारने वाले मुसलमान !
मरने वालों का कसूर सिर्फ इतना था कि अपनी बहन के साथ छेड़छाड़ करना वे बर्दाश्त नहीं कर पाए !
उत्तर प्रदेश का हर मुसलमान अपने को अखिलेश और मुलायम समझने लगा है !
पिछले एक सप्ताह में 6 सांप्रदायिक दंगे 10 से ज्यादा की मौत ! ये हालत तो अकेले मुज़फ्फरनगर जिले के हैं !
उत्तर प्रदेश जल रहा है !
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अब सेकुलरो को समझाने के लिए क्या करें ?
मीडिया कहाँ है कुछ पता नहीं ! शायद आशाराम वाला मुद्दा ज्यादा TRP देता है !
इस घटना के विरोध में गाँव वालों ने एक महा पंचायत बुलाई थी जिसके लिए पुलिस ने इज़ाज़त नहीं दी.. लेकिन इसी बीच खबर मिल रही है कि इज़ाज़त नहीं दिए जाने के बाबजूद भी 25 से 30 हजार लोग पंचायत में शामिल होने के लिए गाँव पहुँच चुके हैं...
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बात उन दिनों की है जब क्रांतिकारी चंद्रशेखर
आजाद स्वतंत्रता के लिए संघर्षरतथे और
फिरंगी उनके पीछे लगे थे।
फिरंगियों से बचने के लिए शरण लेने हेतु आजाद
एक तूफानी रात को एक घर में जा पहुंचे जहां एक
विधवा अपनी बेटी के साथ रहती थी। हट्टे-कट्टे
आजाद को डाकू समझ कर पहले तो वृद्धा ने
शरण देने से इनकार कर दिया लेकिन जब आजाद
ने अपना परिचय दिया तो उसने उन्हें ससम्मान
अपने घर में शरण दे दी। बातचीत से आजाद
को आभास हुआ कि गरीबी के कारण
विधवा की बेटी की शादी में कठिनाईआ रही है।
आजाद ने महिला को कहा, 'मेरे सिर पर पांच
हजार रुपए का इनाम है, आप
फिरंगियों को मेरी सूचना देकर मेरी गिरफ़्तारी पर
पांच हजार रुपए का इनाम पा सकती हैं जिससे
आप अपनी बेटी का विवाह सम्पन्न
करवा सकती हैं।
यह सुन विधवा रो पड़ी व कहा- “भैया! तुम देश
की आजादी हेतु अपनी जान हथेली पर रखे घूमते
हो और न जाने कितनी बहू-बेटियों की इज्जत
तुम्हारे भरोसे है। मैं ऐसा हरगिज नहीं कर
सकती।” यह कहतेहुए उसने एक रक्षा-सूत्र
आजाद के हाथों में बाँध कर देश-सेवा का वचन
लिया।
सुबह जब विधवा की आँखें खुली तो आजाद
जा चुके थे और तकिए के नीचे 5000 रूपये पड़े
थे। उसके साथ एक पर्ची पर लिखा था-
“अपनी प्यारी बहन हेतु एक छोटी सीभेंट-
आजाद।”
।। जय हिन्द जय भारत ।।
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अल्लाहु अकबर के नारे लगा- लगा के गौरव और सचिन के शरीर का एक- एक अंग कटा गया, पुरुष अंग तक काटा गया !
पत्थरों से मार- मार के जान ले ली गयी और मरने के बाद भी लाश का सर गेहू पिसने वाली पाटी से तोड़ दिए !
मरने वाले हिन्दू और मारने वाले मुसलमान !
मरने वालों का कसूर सिर्फ इतना था कि अपनी बहन के साथ छेड़छाड़ करना वे बर्दाश्त नहीं कर पाए !
उत्तर प्रदेश का हर मुसलमान अपने को अखिलेश और मुलायम समझने लगा है !
पिछले एक सप्ताह में 6 सांप्रदायिक दंगे 10 से ज्यादा की मौत ! ये हालत तो अकेले मुज़फ्फरनगर जिले के हैं !
उत्तर प्रदेश जल रहा है !
पत्थरों से मार- मार के जान ले ली गयी और मरने के बाद भी लाश का सर गेहू पिसने वाली पाटी से तोड़ दिए !
मरने वाले हिन्दू और मारने वाले मुसलमान !
मरने वालों का कसूर सिर्फ इतना था कि अपनी बहन के साथ छेड़छाड़ करना वे बर्दाश्त नहीं कर पाए !
उत्तर प्रदेश का हर मुसलमान अपने को अखिलेश और मुलायम समझने लगा है !
पिछले एक सप्ताह में 6 सांप्रदायिक दंगे 10 से ज्यादा की मौत ! ये हालत तो अकेले मुज़फ्फरनगर जिले के हैं !
उत्तर प्रदेश जल रहा है !
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अब सेकुलरो को समझाने के लिए क्या करें ?
मीडिया कहाँ है कुछ पता नहीं ! शायद आशाराम वाला मुद्दा ज्यादा TRP देता है !
इस घटना के विरोध में गाँव वालों ने एक महा पंचायत बुलाई थी जिसके लिए पुलिस ने इज़ाज़त नहीं दी.. लेकिन इसी बीच खबर मिल रही है कि इज़ाज़त नहीं दिए जाने के बाबजूद भी 25 से 30 हजार लोग पंचायत में शामिल होने के लिए गाँव पहुँच चुके हैं...
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बात उन दिनों की है जब क्रांतिकारी चंद्रशेखर
आजाद स्वतंत्रता के लिए संघर्षरतथे और
फिरंगी उनके पीछे लगे थे।
फिरंगियों से बचने के लिए शरण लेने हेतु आजाद
एक तूफानी रात को एक घर में जा पहुंचे जहां एक
विधवा अपनी बेटी के साथ रहती थी। हट्टे-कट्टे
आजाद को डाकू समझ कर पहले तो वृद्धा ने
शरण देने से इनकार कर दिया लेकिन जब आजाद
ने अपना परिचय दिया तो उसने उन्हें ससम्मान
अपने घर में शरण दे दी। बातचीत से आजाद
को आभास हुआ कि गरीबी के कारण
विधवा की बेटी की शादी में कठिनाईआ रही है।
आजाद ने महिला को कहा, 'मेरे सिर पर पांच
हजार रुपए का इनाम है, आप
फिरंगियों को मेरी सूचना देकर मेरी गिरफ़्तारी पर
पांच हजार रुपए का इनाम पा सकती हैं जिससे
आप अपनी बेटी का विवाह सम्पन्न
करवा सकती हैं।
यह सुन विधवा रो पड़ी व कहा- “भैया! तुम देश
की आजादी हेतु अपनी जान हथेली पर रखे घूमते
हो और न जाने कितनी बहू-बेटियों की इज्जत
तुम्हारे भरोसे है। मैं ऐसा हरगिज नहीं कर
सकती।” यह कहतेहुए उसने एक रक्षा-सूत्र
आजाद के हाथों में बाँध कर देश-सेवा का वचन
लिया।
सुबह जब विधवा की आँखें खुली तो आजाद
जा चुके थे और तकिए के नीचे 5000 रूपये पड़े
थे। उसके साथ एक पर्ची पर लिखा था-
“अपनी प्यारी बहन हेतु एक छोटी सीभेंट-
आजाद।”
।। जय हिन्द जय भारत ।।
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अब सेकुलरो को समझाने के लिए क्या करें ?
मीडिया कहाँ है कुछ पता नहीं ! शायद आशाराम वाला मुद्दा ज्यादा TRP देता है !
इस घटना के विरोध में गाँव वालों ने एक महा पंचायत बुलाई थी जिसके लिए पुलिस ने इज़ाज़त नहीं दी.. लेकिन इसी बीच खबर मिल रही है कि इज़ाज़त नहीं दिए जाने के बाबजूद भी 25 से 30 हजार लोग पंचायत में शामिल होने के लिए गाँव पहुँच चुके हैं...
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बात उन दिनों की है जब क्रांतिकारी चंद्रशेखर
आजाद स्वतंत्रता के लिए संघर्षरतथे और
फिरंगी उनके पीछे लगे थे।
फिरंगियों से बचने के लिए शरण लेने हेतु आजाद
एक तूफानी रात को एक घर में जा पहुंचे जहां एक
विधवा अपनी बेटी के साथ रहती थी। हट्टे-कट्टे
आजाद को डाकू समझ कर पहले तो वृद्धा ने
शरण देने से इनकार कर दिया लेकिन जब आजाद
ने अपना परिचय दिया तो उसने उन्हें ससम्मान
अपने घर में शरण दे दी। बातचीत से आजाद
को आभास हुआ कि गरीबी के कारण
विधवा की बेटी की शादी में कठिनाईआ रही है।
आजाद ने महिला को कहा, 'मेरे सिर पर पांच
हजार रुपए का इनाम है, आप
फिरंगियों को मेरी सूचना देकर मेरी गिरफ़्तारी पर
पांच हजार रुपए का इनाम पा सकती हैं जिससे
आप अपनी बेटी का विवाह सम्पन्न
करवा सकती हैं।
यह सुन विधवा रो पड़ी व कहा- “भैया! तुम देश
की आजादी हेतु अपनी जान हथेली पर रखे घूमते
हो और न जाने कितनी बहू-बेटियों की इज्जत
तुम्हारे भरोसे है। मैं ऐसा हरगिज नहीं कर
सकती।” यह कहतेहुए उसने एक रक्षा-सूत्र
आजाद के हाथों में बाँध कर देश-सेवा का वचन
लिया।
सुबह जब विधवा की आँखें खुली तो आजाद
जा चुके थे और तकिए के नीचे 5000 रूपये पड़े
थे। उसके साथ एक पर्ची पर लिखा था-
“अपनी प्यारी बहन हेतु एक छोटी सीभेंट-
आजाद।”
।। जय हिन्द जय भारत ।।
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