10 बच्चों की जान बचाने के लिए ....
असम में चारों तरफ 14 साल की उस बहादुर लड़की की चर्चा हो रही है, जिसने हथियारबंद किडनैपर से 10 बच्चों की जान बचाने के लिए खुद को उसके हवाले कर दिया। यह घटना शिवसागर जिले के सिमालुगुड़ी में हुई। असम और नागालैंड के घने जंगल के बीचोंबीच 14 घंटों तक किडनैपर की गिरफ्त में रहने के बाद यह लड़की भाग निकली और चाय के बागानों तक पहुंच गई। यहां काम करने वाले लोगों ने पुलिस को खबर दी, जिसके बाद उसे वापस उसके घर ले जाया गया।
यह घटना बीच शहर में तब हुई, जब स्कूल वैन बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। अज्ञात बंदूकधारी ने नजीरा केंद्रीय विद्यालय की स्कूल वैन को हाइजैक कर लिया था, जिसपर 11 बच्चे सवार थे। ड्राइवर ने किडनैपर की बात नहीं मानी और सूझ-बूझ का परिचय देते हुए गाड़ी चाय के बागान के पास एक नाले में जाकर रोक दी। इसके बाद किडनैपर ने एक बच्ची को उठाया और बाकी बच्चों से कहा कि वे उसके पीछे-पीछे आएं। इसपर गुंजन सरमाह नाम की लड़की किडनैपर के पास गई और कहा कि बाकी बच्चों को घर जाने दो और मुझे किडनैप कर लो।
सिमालुगुड़ी की रहने वाली गुंजन ने बताया, 'किडनैपर ने स्कूल वैन से एक छोटी सी बच्ची को उठाया। वह रो रही थी। मैं किडनैपर के पास गई और बोली कि इसके बजाय मुझे किडनैप कर लो। उसने मेरा हाथ पकड़ा और जंगल की तरफ दौड़ पड़ा। हमने एक नदी पार की और फिर जंगल में चलने लगे। कुछ देर के लिए रुके भी। वहां पर घना अंधेरा था और मैं कुछ नहीं देख पा रही थी। मैंने रात भर कुछ नहीं खाया। सुबह मैंने देखा कि वह आसपास नहीं है। इसपर मैं वहां से भाग निकली और चाय के बागानों के पास पहुंच गई। गांववालों ने पुलिस को बुलाया जो मुझे यहां यहां ले आई।'
शिवसागर के डीएसपी बिजय कुलिगम ने बताया, 'जब मैंने लड़की से बात की तो वह शांत थी। वह उस किडनैपर को अंकल कहकर बुला रही थी।' लेकिन गुंजन के पिता शंकर के लिए यह समय बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा, 'गुंजन के किडनैप की खबर सुनकर मैं हताश हो गया था। मैंने सोच लिया था कि उसे दोबारा कभी स्कूल नहीं भेजूंगा।' गुंजन ने बताया कि किडनैपर अकेला था। वह असम का ही था था लेकिन उससे हिंदी में बात कर रहा था।
मुख्यमंत्री ने इस बहादुरी के लिए गुंजन को 2 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। एजुकेशन मिनिस्टर हिमांता बिश्व शर्मा ने शिवसागर के डीसी से कहा है कि गुंजन का नाम नैशनल ब्रेवरी अवॉर्ड के लिए भेजा जाए। साथ ही उन्होंने गुंजन को 25 हजार और ड्राइवर को 10 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। ..
असम में चारों तरफ 14 साल की उस बहादुर लड़की की चर्चा हो रही है, जिसने हथियारबंद किडनैपर से 10 बच्चों की जान बचाने के लिए खुद को उसके हवाले कर दिया। यह घटना शिवसागर जिले के सिमालुगुड़ी में हुई। असम और नागालैंड के घने जंगल के बीचोंबीच 14 घंटों तक किडनैपर की गिरफ्त में रहने के बाद यह लड़की भाग निकली और चाय के बागानों तक पहुंच गई। यहां काम करने वाले लोगों ने पुलिस को खबर दी, जिसके बाद उसे वापस उसके घर ले जाया गया।
यह घटना बीच शहर में तब हुई, जब स्कूल वैन बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। अज्ञात बंदूकधारी ने नजीरा केंद्रीय विद्यालय की स्कूल वैन को हाइजैक कर लिया था, जिसपर 11 बच्चे सवार थे। ड्राइवर ने किडनैपर की बात नहीं मानी और सूझ-बूझ का परिचय देते हुए गाड़ी चाय के बागान के पास एक नाले में जाकर रोक दी। इसके बाद किडनैपर ने एक बच्ची को उठाया और बाकी बच्चों से कहा कि वे उसके पीछे-पीछे आएं। इसपर गुंजन सरमाह नाम की लड़की किडनैपर के पास गई और कहा कि बाकी बच्चों को घर जाने दो और मुझे किडनैप कर लो।
सिमालुगुड़ी की रहने वाली गुंजन ने बताया, 'किडनैपर ने स्कूल वैन से एक छोटी सी बच्ची को उठाया। वह रो रही थी। मैं किडनैपर के पास गई और बोली कि इसके बजाय मुझे किडनैप कर लो। उसने मेरा हाथ पकड़ा और जंगल की तरफ दौड़ पड़ा। हमने एक नदी पार की और फिर जंगल में चलने लगे। कुछ देर के लिए रुके भी। वहां पर घना अंधेरा था और मैं कुछ नहीं देख पा रही थी। मैंने रात भर कुछ नहीं खाया। सुबह मैंने देखा कि वह आसपास नहीं है। इसपर मैं वहां से भाग निकली और चाय के बागानों के पास पहुंच गई। गांववालों ने पुलिस को बुलाया जो मुझे यहां यहां ले आई।'
शिवसागर के डीएसपी बिजय कुलिगम ने बताया, 'जब मैंने लड़की से बात की तो वह शांत थी। वह उस किडनैपर को अंकल कहकर बुला रही थी।' लेकिन गुंजन के पिता शंकर के लिए यह समय बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा, 'गुंजन के किडनैप की खबर सुनकर मैं हताश हो गया था। मैंने सोच लिया था कि उसे दोबारा कभी स्कूल नहीं भेजूंगा।' गुंजन ने बताया कि किडनैपर अकेला था। वह असम का ही था था लेकिन उससे हिंदी में बात कर रहा था।
मुख्यमंत्री ने इस बहादुरी के लिए गुंजन को 2 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। एजुकेशन मिनिस्टर हिमांता बिश्व शर्मा ने शिवसागर के डीसी से कहा है कि गुंजन का नाम नैशनल ब्रेवरी अवॉर्ड के लिए भेजा जाए। साथ ही उन्होंने गुंजन को 25 हजार और ड्राइवर को 10 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। ..
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