इतिहास का एक पन्ना जिसे हटा दिया गया है
गाँधी को गोखले दक्षिणी अफ्रीका से भारत ले कर आये थे, गोखले जो ब्रि
टिश सरकार के सलाहकार थे , अपने बाद गाँधी को उतराधिकारी बनाना चाहते थे ,( $ गाँधी ने भारत आने से पूर्व में ब्रिटिश की और से ज़ुल्लू , बोअर्स और इंग्लैंड में प्रथम महायुद्ध में भाग ले कर अपनी स्वामी भक्ति ब्रिटिश सरकार और क्राउन के प्रति अपनी निष्ठा बार बार व्यक्त कर चुके थे $) , ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी कि तिलक के बाद सावरकर उनके उतराधिकारी बने , इसीलिए तिलक और सावरकर को मांडले और कालेपानी (अंडमान) भेजा ताकि गाँधी अपने पाँव भारत में जमा सके l
($) इस लेख के कोष्टक के अंश गाँधी जी की पुस्तक सच से साक्षात्कार पर आधारित है l —
गाँधी को गोखले दक्षिणी अफ्रीका से भारत ले कर आये थे, गोखले जो ब्रि
टिश सरकार के सलाहकार थे , अपने बाद गाँधी को उतराधिकारी बनाना चाहते थे ,( $ गाँधी ने भारत आने से पूर्व में ब्रिटिश की और से ज़ुल्लू , बोअर्स और इंग्लैंड में प्रथम महायुद्ध में भाग ले कर अपनी स्वामी भक्ति ब्रिटिश सरकार और क्राउन के प्रति अपनी निष्ठा बार बार व्यक्त कर चुके थे $) , ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी कि तिलक के बाद सावरकर उनके उतराधिकारी बने , इसीलिए तिलक और सावरकर को मांडले और कालेपानी (अंडमान) भेजा ताकि गाँधी अपने पाँव भारत में जमा सके l
($) इस लेख के कोष्टक के अंश गाँधी जी की पुस्तक सच से साक्षात्कार पर आधारित है l —
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