Thursday, 3 April 2014

भारत में गोमूत्र से विकसित कीटनाशक को अमेरिकी पेटेंट !

अहमदाबाद : भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा गोमूत्र से विकसित कीटनाशक अमेरिकी पेटेंट हासिल करने में सफल रहा है। कामधेनु कीटनियंत्रक नामक इस दवा से सभी तरह के फसलों को कीटों से बचाया जा सकेगा। नागपुर स्थित गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र [जीवीएके] ने इस नए कीटनाशक का ईजाद किया है।
अनुसंधान केंद्र के मुख्य समन्वयक सुनील मनसिंघका ने बताया कि इस नवविकसित दवा से फसलों के विकास में चार गुना तक की वृद्धि संभव है। यह विषाणु एवं फंफूद से फसलों की रक्षा करने के अलावा पौधों की प्रतिरोधक क्षमता और मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक है। उनके मुताबिक कामधेनु कीटनियंत्रक का निर्माण गोमूत्र, नीम और लहसुन को मिलाकर किया गया है। इसके अलावा तीनों अवयवों को अलग-अलग या एक-दूसरे में मिलाकर भी कीटनाशक दवाओं का विकास किया गया है। सुनील का दावा है कि इस कीटनाशक के इस्तेमाल से रासायनिक दवाओं पर आने वाले खर्च को ५० हजार करोड़ रुपये मूल्य तक कम किया जा सकेगा।
१९९६ में स्थापित जीवीएके ने कामधेनु कीट नियंत्रक दवा का विकास राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान और सीएसआइआर [लखनऊ] के साथ मिलकर किया है। इससे पूर्व जीवीएके द्वारा विकसित कामधेनु अर्क को एंटीबायोटिक्स और कैंसर प्रतिरोधी दवा के रूप में अमेरिकी पेटेंट हासिल हो चुका है।

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