नई देहली : ‘बांगलादेश मायनॉरिटी वॉच’ के संस्थापक अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोष एवं बांगलादेशके कुछ प्रतिनिधियोंके प्रतिनिधिमंडलने २१ अप्रैलको भारतके राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जीसे राष्ट्रपति भवनमें भेंट की । इस भेंटमें बांगलादेशके अल्पसंख्यक हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंके विषयमें उन्होंने राष्ट्रपतिको जानकारी दी एवं उनकी ओरसे कुछ मांगे प्रस्तुत की ।
१. तत्पुर्व हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंने अधिवक्ता रवींद्र घोष एवं प्रतिनिधिमंडलसे भेंट की । उनसे हिंदुत्व एवं बांगलादेशी हिंदुओंपर होनेवाले अन्यायके संदर्भमें विविध सूत्रोंपर विचार विमर्श किया ।
२. इस अवसरपर अधिवक्ता रवींद्र घोषने रामनाथीमें (गोवा) होनेवाले तृतीय अखिल भारतीय हिंदु अधिवेशनमें अवश्य रूपसे उपस्थित रहनेका आश्वासन दिया तथा समितिद्वारा किए जानेवाले कार्यके विषयमें वहांपर उपस्थित विदेशी हिंदु बंधुओंको जानकारी दी ।
३. अधिवक्ता घोषने समितिके कार्यकी प्रशंसा की तथा समितिके प्रेरणास्थान प.पू.डॉ. आठवलेजीको श्रद्धापूर्वक प्रणाम कहा ।
४. इस अवसरपर सभी उपस्थित हिंदु बंधुओंको मासिक ‘सनातन प्रभात’ एवं समितिकी जानकारीके संदर्भमें पत्रक दिए गए ।
५. अधिवक्ता रवींद्र घोषद्वारा किए जानेवाले कार्यको समितिने शुभकामनाएं दी है । इस अवसरपर समितिके सर्वश्री संजीव कुमार, दैवेश रेडकर एवं गजानन केसकर उपस्थित थे ।
बांग्लादेश माइनोरिटी वाच’ इस हिंदुनिष्ठ संगठनके अध्यक्ष श्री. रवींद्र घोषद्वारा यह सूचना प्राप्त हुई है कि बांग्लादेशके सिल्हेटकी श्रीमती दिबाराणी डे इस हिंदु नगरसेविकाको अब्दुल मतीन नामक धर्मांध मुसलमानने पुलिसके सहयोगसे उसे प्राप्त झूठे परिवादके कारण बंदी बनाया ।
सिल्हेटके प्रभाग क्रमांक १३, १४ तथा १५ से नगरसेविकाके रूपमें श्रीमती दिबाराणी डे चुनकर आई हैं । अब्दुल मतीनकी आंखें श्रीमती दिबाराणी डेके जतरपुरके निवासस्थान तथा उसके निकटवाले मंदिरके स्थानपर थीं ।
उसने पुलिसके साथ श्रीमती दिबाराणी डेके विरोधमें याचिका प्रविष्ट की । निश्चित रूपसे मतीनने क्या याचिका प्रविष्ट की, यह अभीतक ज्ञात नहीं हुआ है; किंतु पुलिसद्वारा त्वरित कार्रवाई करनेकी सूचना प्राप्त हुई है । बांग्लादेश माइनोरिटी वाचके श्री. रवींद्र घोषने जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियोंसे संपर्क किया, तो उन्हें टोलमटोलवाले उत्तर प्राप्त हुए । श्रीमती डेको न्यायालयके समक्ष उपस्थित किए जानेके पश्चात उन्हें जमानत प्राप्त हुई । यह बताया जा रहा है कि श्रीमती डेके द्वारा चुनावमें सत्ताधारी दलके उम्मीदवारका पराभव करनेके कारण उनके विरुद्ध यह षडयंत्र रचा गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
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