इस समय पूरी दुनिया में लगभग 650 करोड़ लोग रहते है। अगर सारी दुनिया शाकाहारी हो जाए और मांस उद्योग पर ताला लग जाए, तो जितना भोजन पैदा हो रहा है वो 1300 करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त हो जायेगा। मांस के उत्पादन के लिए जानवरों को क़त्ल किया जाता है। दुनिया में सबसे जद क़त्ल होने वाला प्राणी है गाय, गाय के वंश का बैल, और बछड़ा और बछड़ी, फिर सूअर, भैंस, बकरे, बकरी, भेड़, मुर्गी आदि।
इनमें से किसी भी प्राणी का प्राकृतिक भोजन अन्न नहीं है। फिर भी मांस उत्पादन को बढाने के लिए इन सभी प्राणियों को अन्न खिलाया जाता है, क्योंकि अगर क़त्ल करने से पहले जानवरों के शरीर में मांस ज्यादा हो तो मांस उद्यगों को अधिक लाभ होता है। मांस उत्पादन करनेवाली कंपनिया जबरदस्ती जानवरों को अनाज खिलाती हैं क्योंकि अनाज खिलाने से जानवर बहुत जल्दी मोटे होने लगते है। इस तरह मांस उत्पादन करने वाली कंपनियां जानवरों को वो भोजन कराती है, जो मनुष्य के लिए है। तो मनुष्य के हिस्से में भोजन कम पड़ना शुरु हो जाता है और यही भोजन लाखों-करोड़ों लोगों को भूख से मार देती है।
इनमें से किसी भी प्राणी का प्राकृतिक भोजन अन्न नहीं है। फिर भी मांस उत्पादन को बढाने के लिए इन सभी प्राणियों को अन्न खिलाया जाता है, क्योंकि अगर क़त्ल करने से पहले जानवरों के शरीर में मांस ज्यादा हो तो मांस उद्यगों को अधिक लाभ होता है। मांस उत्पादन करनेवाली कंपनिया जबरदस्ती जानवरों को अनाज खिलाती हैं क्योंकि अनाज खिलाने से जानवर बहुत जल्दी मोटे होने लगते है। इस तरह मांस उत्पादन करने वाली कंपनियां जानवरों को वो भोजन कराती है, जो मनुष्य के लिए है। तो मनुष्य के हिस्से में भोजन कम पड़ना शुरु हो जाता है और यही भोजन लाखों-करोड़ों लोगों को भूख से मार देती है।
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