क्या आप जानते हैं... श्री मोती लाल नेहरु के परिवार को ?
मोती लाल नेहरु की 1 धर्म पत्नी और 4 अन्य अवैध पत्नियाँ थीं.
(1) श्रीमती स्वरुप कुमारी बक्शी (विवाहिता पत्नी) से दो संतानें थीं .
(2) थुस्सू रहमान बाई - से श्री जवाहरलाल नेहरु और शैयद हुसैन. (अपने मालिक मुबारक अली से पैदा हुए थे! मालिक को निपटा दिया उसके बाद उसकी धन संपत्ति और बीबी बच्चे हथिया लिए थे )
(3) श्रीमती मंजरी - से श्री मेहरअली सोख्ता (आर्य समाजी नेता ).
(4) ईरान की वेश्या - से मुहम्मद अली जिन्ना .
(5) नौकरानी (रसोइया )- से शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के मुख्यमंत्री ).
(1) श्रीमती स्वरुप कुमारी बक्शी (विवाहिता पत्नी) से दो संतानें थीं
A. श्रीमती कृष्णा w/o श्री जय सुख लाल हाथी (पूर्व राज्यपाल ).
B. श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित w/o श्री आर.एस.पंडित (पूर्व. राजदूत रूस), पहले विजय लक्ष्मी ने अपने आधे भाई शैयद हुसैन से सरारिक सम्बन्ध स्थापित किये थे जिससे संतान हुई चंद्रलेखा जिसको श्री आर.एस.पंडित ने अपनी बेटी के रूप में स्वीकार किया !
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(2) थुस्सू - रहमान बाई - से श्री जवाहरलाल नेहरु और शैयद हुसैन -
यह इनके मालिक मुबारिक अली की संतान थी जिनको इन्होने मुबारिक की मौत के बाद अपना लिया था. मुबारक अली की एक और संतान थी मंज़ूर अली जोकि इंदिरा की खुनी पिता थे चोसेकी जवाहर ने कमला कॉल को कभी अपनी पत्नी नहीं माना था और सुहागरात भी नहीं मनाई! कमला कश्मीरी पंडित थी यह जवाहर को एकदम नहीं जाचा चोसेकी वोह सिर्फ मुल्ले या अँगरेज़ को ही उच्ची रचे का घोडा मानते थे! कमला की जिंदगी एक दासी के प्रकार सी थी जिस अबला नारी को मंजूर अली ने ही हाथ थम लिया था! इसी कारण वस नेहरु को इंदिरा जरा भी नही सुहाती थी! अब जब कनोनन तौर पर इंदिरा ही उसकी बेटी थी इसलिए न चाहते हुए भी उसको इंदिरा को आगे बढ़ाना पड़ा हलाकि उसके जीतीजी इंदिरा कोई खेल नहीं कर पाए थी! वोह तो बेचारे शास्त्री जी इसकी बातों मई आकर ताशकंत चले गए थे पाकिस्तान से समझोता करने वहां इंदिरा ने याह्या खान की मदद से शास्त्री जी को जहर देकर मर डाला था और बताया की मौत ह्रदय की गति रुकने से हो गए. कोई पोस्ट मोर्तेम नहीं कोई रिपोर्ट नहीं. इंदिरा ने मौका पते ही झट से कुर्सी हड़प ली थी
प्रियदर्शिनी नेहरु उर्फ़ मैमूना बेगम उर्फ़ श्रीमती इंदिरा खान -w/o श्री फिरोज जेहंगिर खान (पर्शियन मुस्लमान) जोकि बाद में गाँधी बन गए थे!
से दो पुत्र एक राजीव खान (पिता फ़िरोज़ जेहंगिर खान) और संजीव खान (पिता मोहम्मद युनुस), तीसरा बच्चा जो म. ओ. मथाई (जवाहरलाल का पी ऐ) जिसको गिरा दिया गया चोसेकी वोह आशंका थी की कही रंग दबा हुआ (काला) निकला तब कैसे मुह चुपएँगी!
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(3) श्रीमती मंजरी - से 1 पुत्र श्री
मेहरअली सोख्ता (आर्य समाजी नेता ).
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(4) ईरान की वेश्या - से
मुहम्मद अली जिन्ना
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(5) नौकरानी (रसोइया ) से
शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के मुख्यमंत्री ). शेख अब्दुल्लाह के दो पुत्र फारूक अब्दुल्ला , पुत्र उमर अब्दुल्ला
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नेहरु ने देश के ३ टुकड़े करे थे – इंडिया (इंदिरा के लिए), पाकिस्तान (अपने आधे भाई जिन्ना के लिए) और कश्मीर (अपने आधे भाई शेख अब्दुल्लाह के लिए)! अरे वाह वाह एक ही परिवार तीनो जगह सियासत! बही मन्ना पड़ेगा नेहरु के दिमाग को!
यह वही नेहरु है जिनके मुह बोले पिता मोतीलाल के पिता गयासुद्दीन गाजी जमुना नहर वाले देल्ली से चम्पत हो गए थे १८५७ की म्युटिनी में और जाकर चुप गए कश्मीर में! जेहा अपना नाम परिवर्तित किया था गयासुद्दीन गाजी से पंडित गंगाधर नेहरु! नया नाम और सर पर गाँधी टोपी लगाये पहुच लिए इलाहबाद! लड़के को वकील बनाया और लगा दिया मुबारक अली की लॉ कंपनी में जेहा अपनी कर्तूरतो से बाज नहीं आये!
नोट:- एक घर से तीन प्रधानमन्त्री और चौथा राहुल को कांग्रेस बनाने जा रही है !
साभार - जॉन मथाई की आत्मकथा से (जवाहरलाल नेहरु के व्यक्तिगत सचिव ).
आर्याव्रत क्रांति
मोती लाल नेहरु की 1 धर्म पत्नी और 4 अन्य अवैध पत्नियाँ थीं.
(1) श्रीमती स्वरुप कुमारी बक्शी (विवाहिता पत्नी) से दो संतानें थीं .
(2) थुस्सू रहमान बाई - से श्री जवाहरलाल नेहरु और शैयद हुसैन. (अपने मालिक मुबारक अली से पैदा हुए थे! मालिक को निपटा दिया उसके बाद उसकी धन संपत्ति और बीबी बच्चे हथिया लिए थे )
(3) श्रीमती मंजरी - से श्री मेहरअली सोख्ता (आर्य समाजी नेता ).
(4) ईरान की वेश्या - से मुहम्मद अली जिन्ना .
(5) नौकरानी (रसोइया )- से शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के मुख्यमंत्री ).
(1) श्रीमती स्वरुप कुमारी बक्शी (विवाहिता पत्नी) से दो संतानें थीं
A. श्रीमती कृष्णा w/o श्री जय सुख लाल हाथी (पूर्व राज्यपाल ).
B. श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित w/o श्री आर.एस.पंडित (पूर्व. राजदूत रूस), पहले विजय लक्ष्मी ने अपने आधे भाई शैयद हुसैन से सरारिक सम्बन्ध स्थापित किये थे जिससे संतान हुई चंद्रलेखा जिसको श्री आर.एस.पंडित ने अपनी बेटी के रूप में स्वीकार किया !
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(2) थुस्सू - रहमान बाई - से श्री जवाहरलाल नेहरु और शैयद हुसैन -
यह इनके मालिक मुबारिक अली की संतान थी जिनको इन्होने मुबारिक की मौत के बाद अपना लिया था. मुबारक अली की एक और संतान थी मंज़ूर अली जोकि इंदिरा की खुनी पिता थे चोसेकी जवाहर ने कमला कॉल को कभी अपनी पत्नी नहीं माना था और सुहागरात भी नहीं मनाई! कमला कश्मीरी पंडित थी यह जवाहर को एकदम नहीं जाचा चोसेकी वोह सिर्फ मुल्ले या अँगरेज़ को ही उच्ची रचे का घोडा मानते थे! कमला की जिंदगी एक दासी के प्रकार सी थी जिस अबला नारी को मंजूर अली ने ही हाथ थम लिया था! इसी कारण वस नेहरु को इंदिरा जरा भी नही सुहाती थी! अब जब कनोनन तौर पर इंदिरा ही उसकी बेटी थी इसलिए न चाहते हुए भी उसको इंदिरा को आगे बढ़ाना पड़ा हलाकि उसके जीतीजी इंदिरा कोई खेल नहीं कर पाए थी! वोह तो बेचारे शास्त्री जी इसकी बातों मई आकर ताशकंत चले गए थे पाकिस्तान से समझोता करने वहां इंदिरा ने याह्या खान की मदद से शास्त्री जी को जहर देकर मर डाला था और बताया की मौत ह्रदय की गति रुकने से हो गए. कोई पोस्ट मोर्तेम नहीं कोई रिपोर्ट नहीं. इंदिरा ने मौका पते ही झट से कुर्सी हड़प ली थी
प्रियदर्शिनी नेहरु उर्फ़ मैमूना बेगम उर्फ़ श्रीमती इंदिरा खान -w/o श्री फिरोज जेहंगिर खान (पर्शियन मुस्लमान) जोकि बाद में गाँधी बन गए थे!
से दो पुत्र एक राजीव खान (पिता फ़िरोज़ जेहंगिर खान) और संजीव खान (पिता मोहम्मद युनुस), तीसरा बच्चा जो म. ओ. मथाई (जवाहरलाल का पी ऐ) जिसको गिरा दिया गया चोसेकी वोह आशंका थी की कही रंग दबा हुआ (काला) निकला तब कैसे मुह चुपएँगी!
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(3) श्रीमती मंजरी - से 1 पुत्र श्री
मेहरअली सोख्ता (आर्य समाजी नेता ).
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(4) ईरान की वेश्या - से
मुहम्मद अली जिन्ना
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(5) नौकरानी (रसोइया ) से
शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के मुख्यमंत्री ). शेख अब्दुल्लाह के दो पुत्र फारूक अब्दुल्ला , पुत्र उमर अब्दुल्ला
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नेहरु ने देश के ३ टुकड़े करे थे – इंडिया (इंदिरा के लिए), पाकिस्तान (अपने आधे भाई जिन्ना के लिए) और कश्मीर (अपने आधे भाई शेख अब्दुल्लाह के लिए)! अरे वाह वाह एक ही परिवार तीनो जगह सियासत! बही मन्ना पड़ेगा नेहरु के दिमाग को!
यह वही नेहरु है जिनके मुह बोले पिता मोतीलाल के पिता गयासुद्दीन गाजी जमुना नहर वाले देल्ली से चम्पत हो गए थे १८५७ की म्युटिनी में और जाकर चुप गए कश्मीर में! जेहा अपना नाम परिवर्तित किया था गयासुद्दीन गाजी से पंडित गंगाधर नेहरु! नया नाम और सर पर गाँधी टोपी लगाये पहुच लिए इलाहबाद! लड़के को वकील बनाया और लगा दिया मुबारक अली की लॉ कंपनी में जेहा अपनी कर्तूरतो से बाज नहीं आये!
नोट:- एक घर से तीन प्रधानमन्त्री और चौथा राहुल को कांग्रेस बनाने जा रही है !
साभार - जॉन मथाई की आत्मकथा से (जवाहरलाल नेहरु के व्यक्तिगत सचिव ).
आर्याव्रत क्रांति
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