नरेन्द्र दभोलकर की हत्या खान्ग्रेस और
एनसीपी के द्वारा पूर्व नियोजित षडयंत्र
द्वारा की गयी है इसाई मिशनरीयो के इशारे पे।
निष्कर्ष तक पहुचने के कारण :-
1) हत्या के तुरंत बाद से ही सारे मराठी चैनल्स पे
सिर्फ नरेन्द्र दभोलकर के प्रोग्राम ही दिखाए
जा रहे हैं और हत्या के लिए सीधे सीधे
बिना किसी सबूत या साक्ष्य के सनातन संस्था,
हिन्दू जनजाग्रति व् अन्य सनातनी संस्थाओ
को दोषी बताया जा रहा है जबकि पुलिस ने
अभी तक इस मामले पे कोई आधिकारिक बयान
नही दिया है।
2) हत्या के तुरंत बाद ही आनन् फानन में
अंध्श्रधा उन्मूलन कानून बिना किसी चर्चा के
पास करके गवर्नर के पास भेज दिया गया है। ये
महाराष्ट्र चुनाव से पहले हिन्दुओ को बाटने और
मुस्लिम-इसाई तुष्टिकरण का षडयंत्र है।
3) हत्या के तुरंत बाद ही दभोलकर समर्थको के
भेष में खान्ग्रेस और एनसीपी के कार्यकर्ताओ ने
महाराष्ट्र में उत्पात मचाना शुरू कर दिया और
पुणे बंद का एलान कर दिया गया।
इस कानून का पास हो जाना भारत में सनातन
धर्म पे सबसे बड़ी चोट होगी क्यूंकि महाराष्ट्र में
पास होते ही अन्य राज्यों में बिल पास होने के
दरवाजे खुल जायेंगे। ये कानून केवल हिन्दू
रीती रिवाजों को कवर करता है, इस कानून में
हाथ पे कलावा बांधना, टीका लगाना, हवन
करना, सत्यनारण का पाठ करना जैसी हिन्दू
रीतियो को ढोंग बताया गया है और इन सब के
लिए 7 साल तक की सजा है। इस्लाम और ईसाइयत
को इस कानून में पूरी छुट है।
अंध्श्रधा उन्मूलन कानून बनाने वाले नरेन्द्र
दभोलकर को भाई राजीव दिक्षित ने काफी समय
पहले expose किया और बताया है की किस तरह
दभोलकर को विदेशो से पैसा लेकर केवल सनातन
धर्म के खिलाफ कार्य करता था और इस दभोलकर
के बेटे का नाम हमीद है और वो इस्लाम कबूल कर
चूका है।
हम सब को मिलकर एक स्वर में इस कानून
का विरोध करना होगा अन्यथा वो दिन दूर
नही जब हाथ जोड़कर प्रार्थना करना भी ढोंग
बता के आपको जेल में ठूस दिया जायेगा।
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एनसीपी के द्वारा पूर्व नियोजित षडयंत्र
द्वारा की गयी है इसाई मिशनरीयो के इशारे पे।
निष्कर्ष तक पहुचने के कारण :-
1) हत्या के तुरंत बाद से ही सारे मराठी चैनल्स पे
सिर्फ नरेन्द्र दभोलकर के प्रोग्राम ही दिखाए
जा रहे हैं और हत्या के लिए सीधे सीधे
बिना किसी सबूत या साक्ष्य के सनातन संस्था,
हिन्दू जनजाग्रति व् अन्य सनातनी संस्थाओ
को दोषी बताया जा रहा है जबकि पुलिस ने
अभी तक इस मामले पे कोई आधिकारिक बयान
नही दिया है।
2) हत्या के तुरंत बाद ही आनन् फानन में
अंध्श्रधा उन्मूलन कानून बिना किसी चर्चा के
पास करके गवर्नर के पास भेज दिया गया है। ये
महाराष्ट्र चुनाव से पहले हिन्दुओ को बाटने और
मुस्लिम-इसाई तुष्टिकरण का षडयंत्र है।
3) हत्या के तुरंत बाद ही दभोलकर समर्थको के
भेष में खान्ग्रेस और एनसीपी के कार्यकर्ताओ ने
महाराष्ट्र में उत्पात मचाना शुरू कर दिया और
पुणे बंद का एलान कर दिया गया।
इस कानून का पास हो जाना भारत में सनातन
धर्म पे सबसे बड़ी चोट होगी क्यूंकि महाराष्ट्र में
पास होते ही अन्य राज्यों में बिल पास होने के
दरवाजे खुल जायेंगे। ये कानून केवल हिन्दू
रीती रिवाजों को कवर करता है, इस कानून में
हाथ पे कलावा बांधना, टीका लगाना, हवन
करना, सत्यनारण का पाठ करना जैसी हिन्दू
रीतियो को ढोंग बताया गया है और इन सब के
लिए 7 साल तक की सजा है। इस्लाम और ईसाइयत
को इस कानून में पूरी छुट है।
अंध्श्रधा उन्मूलन कानून बनाने वाले नरेन्द्र
दभोलकर को भाई राजीव दिक्षित ने काफी समय
पहले expose किया और बताया है की किस तरह
दभोलकर को विदेशो से पैसा लेकर केवल सनातन
धर्म के खिलाफ कार्य करता था और इस दभोलकर
के बेटे का नाम हमीद है और वो इस्लाम कबूल कर
चूका है।
हम सब को मिलकर एक स्वर में इस कानून
का विरोध करना होगा अन्यथा वो दिन दूर
नही जब हाथ जोड़कर प्रार्थना करना भी ढोंग
बता के आपको जेल में ठूस दिया जायेगा।
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