Friday, 5 July 2013

सिर्फ इशरत जहाँ के बारे में ही क्यों

अपने देश में 19 बर्ष की आयु की लाखो लड़किया है फिर देश की मुख्या इंटेलीजेंस एजेंसी IB को सिर्फ इशरत जहाँ के बारे में ही क्यों आतंकियों पर निगाह रखने के दौरान इनपुट मिले ..क्यों सिर्फ इशरत जहां के बारे में ही पाकिस्तानी आतकी संगठन लश्कर ने अपने समाचारपत्र में समाचार प्रकाशित किया .. क्या कारण थे की आईबी ने सिर्फ इशरत जहाँ के बारे में ही गुजरात पुलिस की क्राईम ब्रांच को इनपुट के साथ सूचनाए दी .. अगर इशरत जहां सच में शराफत का पुतला थी तो उसका नाम आतंकियों के साथ कैसे जुड़ा .. क्या ये इतना आसान है की देश की कोई पुलिस या इंटेलीजेंस एजेंसी देश भर में से किसी मासूम और नादान लड़की को उठा कर उसका इनकाउंटर कर दे ... जबकि यह मुद्दा बहुत हाई प्रोफायल और किसी मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा था .क्या इशरत के परिवार बाले इस बात का हलफनामा कोर्ट में देने की हिम्मत रखते है की उनकी बेटी का कोई पुरुष मित्र नहीं था .. उसके किसी पुरुष मित्र से कही कोई और कैसे भी संबंध नहीं थे ..... दीजिए ऐसा हलफनामा और उसके बाद देखिये की कैसे आईबी कैसे आपके हलफनामो को उसी कोर्ट में तार तार करती है सबूतों की बिना पर ............ अगर इशरत आतंवादी नहीं थी तो फिर कैसे केंद्र सरकार की एजेंसी ने अपने पहले हलफनामे में उसको आतंकवादी मान लिया था ..!!!

***पवन अवस्थी***

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कितना सच कितना झूंठ?

मेरे चंद साधारण सवालों के उत्तर दे सीबीआई

1. नकली नोटों के कारोबार में शामिल जावेद शेख का पुराना अपराधिक इतिहास क्यूँ ओपन नहीं किया गया? वह किस तरह इशरत जहाँ का दोस्त बना इसका खुलासा क्यूँ नहीं किया गया?

2. पाकिस्तानी नागरिक अमज़द अली राणा के प्रमाणिक दस्तावेज क्यूँ नहीं कोर्ट में पेश किये गये? जबकि सीबीआई उन्हें हाँसिल कर चुकी है, उसकी पहचान क्यूँ अभी तक रहस्यमई बनी हुई है?

3. पाकिस्तानी नागरिक जीशान जौहर जिसको की एङ्कौन्तर से पहले सीबीआई के मुताबिक उसने गुजरात पुलिस को सौंपा था, उसके और अहमद के शवों पर किसी ने दावा क्यूँ नहीं किया? क्या उनकी पहचान कराना उचित नहीं था? जब मुठभेड़ में शामिल तीनो अपराधी थे और उनमे से भी दो का कोई दावेदार नहीं सामने आया तो कहानी साधारण आदमी भी समझ सकता है, ऐसे में जनता को क्यूँ गुमराह किया जा रहा है?

4. 11 जून 2004 को जावेद के साथ इशरत नासिक गई थी, अगले दो दिनों तक नासिक से ही उसने अपनी माँ से फ़ोन से संपर्क किया, इसलिए इसका कारण क्या है की जिसको महारास्ट्र में होना चाहिए था, वह गुजरात कैसे पहुँच गई?

ये चार अहम् सवाल है जो सीबीआई की पूरी जाँच का विषय ही बदल देते हैं, मतलब पूरी जाँच प्रभावित की गई है?

देश और जनता को सच जानने का हक है या नहीं? अगर है तो इन चार महत्वपूर्ण सवालों के जवाब आज मेरे माध्यम से जनता जानना चाहती है, जवाब दो सीबीआई ...

# -नीरज कौशिक

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