Thursday, 11 July 2013

अब होगा आजाद ये भारत यही बताने
आया हूँ |
टूटेंगी हर वो बेड़ियाँ फिर से वो आस
जगाने आया हूँ ||
भर चूका अब घड़ा पाप का वो पाप
मिटाने आया हूँ |
सिंघासन अब काँप उठेगा वो आवाज
उठाने आया हूँ ||
भूल चुके हो जिस कर्म को तुम
वो कर्मसिखाने आया हूँ |
मर जाऊं गर परवाह नहीं मैं कफन
साथ में लाया हूँ ||
झूल गए थे जिन फंदोंमें
वो फन्दा साथ में लाया हूँ |
जिन वीरों को जन्म दिया था वो माएं
फिरसे जाग उठी हैं ||
रंग जायेंगे बसंती चोले में और
इन्कलाब का नारा होगा |
मैंने कहा था की मैंफिर
आऊंगा यही बताने आया हूँ ||

................................................................

No comments:

Post a Comment