देश में रोज़ हजारों NGO समाज सेवा हेतु पंजीक्रत होते हैं, देश के राष्ट्रपति से लेकर चपरासी तक सबने NGO खोल लिए हैं और अनुदान में सरकारी पैसा पाने की जुगत में लगे रहते हैं !
देश में 20 लाख से भी ज्यादा NGO है ।कुछ राज्यों का विवरण इस प्रकार से है
पश्चिम बंगाल 234000 जिसमे से मात्र 16000 NGO की डिटेल ही सरकार के पास है ।
पश्चिम बंगाल 234000 जिसमे से मात्र 16000 NGO की डिटेल ही सरकार के पास है ।
उत्तरप्रदेश 548194
केरल 369137
महाराष्ट्र 107797
मध्यप्रदेश 140000
केरल 369137
महाराष्ट्र 107797
मध्यप्रदेश 140000
इसके अलावा अभी अन्य राज्यों का विवरण जमा करने में CBI ने कोर्ट से अतिरिक्त 3 माह का समय माँगा है ।
ये विवरण भी अभी अपूर्ण है, पूरी सूचना अभी भी नहीं है ।
ये विवरण भी अभी अपूर्ण है, पूरी सूचना अभी भी नहीं है ।
2002 से 2009 तक 6654 करोड़ रुपये इन NGOs को मिल चुके है । यानी हर साल 950 करोड़ ।
2010-11 के डेटा के अनुसार 22000 NGOs को $2 billian विदेशो से मिल चुके है जिसमे अकेले अमेरिका से इन्हें $650 million मिले है ।
इसके बाबजूद भी देश में पिचले 10 सालो में 10 करोड़ गरीबो में इजाफा हुआ यानी 10 करोड़ गरीब बढ़ गए ।
अब आप अंदाजा लगा सकते है की ये NGOs वाले इन पैसो का क्या करते है । 10% तो दिखावे के लिए लगाते है वो भी सिर्फ मुफ्त का सामान बाटने में और बाकी पैसे ये सरकार का विरोध और नए नए प्रोजेक्ट के विरोध में लगा देते है ।
जिससे न तो विकास हो पाता है और मुफ्तखोरो की संख्या की संख्या बढ़ती है सो अलग ? । यदि इन्ही पैसो को वो गरीबो की पढ़ाई और काम सिखाने में लगाते तो आज कोई गरीबी रेखा के नीचे ही न होता ।
ये मुफ्त के कुछ कपडे बांट देते है कुछ खाने पीने की वस्तुएं बांट देते है और लोगो को कामचोर बना देते है । अब फैसला आप लोगों को करना है की इनकी दुकाने बंद करनी है या देश में अराजकता का माहौल बनाना है ।
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