साइकिल की मरम्मत करने वाला बना आईएएस..पिता का सपना किया पूरा...
मुश्किल नहीं है कुछ भी, गर ठान लीजिए। इसी कहावत को सच साबित किया है इस प्रतिभावान ने।
पुणे: 23 साल के वरुण कुमार बरनवाल के लिए गुरुवार का दिन अपने पिता के सपनों को पूरा करने वाला रहा। वरुण ने पहली बार में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए आल इंडिया मेरिट लिस्ट में 32वां रैंक हासिल किया है। वरुण को यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद मिला है। साल 2006 में वरुण जब सिर्फ 15 साल के थे उस दौरान उनके सर से पिता का साया उठ गया।
पिता की मौत के दौरान वरुण 10वीं कक्षा में पढ़ रहे थे। पिता के बाद वरुण के ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया। परिवार चलाने के लिए वरुण ने कई महीनों तक साइकिल मरम्मत की दुकान में काम किया। इस कठिन माहौल में भी वरुण ने हिम्मत नहीं हारी और दसवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। बारहवीं पास करने के बाद वरुण ने पुणे में एमआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री फर्स्ट डिवीजन में हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही वरुण ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और यह मुकाम हासिल किया।
मुश्किल नहीं है कुछ भी, गर ठान लीजिए। इसी कहावत को सच साबित किया है इस प्रतिभावान ने।
पुणे: 23 साल के वरुण कुमार बरनवाल के लिए गुरुवार का दिन अपने पिता के सपनों को पूरा करने वाला रहा। वरुण ने पहली बार में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए आल इंडिया मेरिट लिस्ट में 32वां रैंक हासिल किया है। वरुण को यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद मिला है। साल 2006 में वरुण जब सिर्फ 15 साल के थे उस दौरान उनके सर से पिता का साया उठ गया।
पिता की मौत के दौरान वरुण 10वीं कक्षा में पढ़ रहे थे। पिता के बाद वरुण के ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया। परिवार चलाने के लिए वरुण ने कई महीनों तक साइकिल मरम्मत की दुकान में काम किया। इस कठिन माहौल में भी वरुण ने हिम्मत नहीं हारी और दसवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। बारहवीं पास करने के बाद वरुण ने पुणे में एमआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री फर्स्ट डिवीजन में हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही वरुण ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और यह मुकाम हासिल किया।
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