समाचार चैनेलो ने एक छोटी सी खबर नीचे की पट्टी में चलायी थी की मोदी ने आईएनएस मैसूर को ईराक में फसे लोगो के लिए रवाना किया।। चूकी दलाल मिडिया ने इस पर कोई डिबेट नहीं की अतः हमने इसे छोटी सी खबर मान लिया। मगर क्या आप ने सोचा है सिर्फ चंद भारतियों के लिए नेवी का वारशिप भेजने की क्या आवश्यकता थी??ये सिर्फ इराक में फसे भारतियों को निकालने के लिए नहीं है।। ख़ुफ़िया स्तर पर इसके क्या मायने हैं ये तो खबर बाहर नहीं आ पायेगी मगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये एक बड़ा सामरिक सन्देश है अमरीका समेत विश्व के अन्य देशो को भी।। इससे पहले जब कोई अंतर्राष्ट्रीय संकट आता था तो सिर्फ अमरीका,रूस या एक दो अन्य देश अपने वारशिप भेजते थे।अमरीका इस मुद्दे को लटका रहा था क्युकी ISIS के आतंकियों को ट्रेनिंग अमरीका ने ही दिया है।। मगर अमरीका से अलग जाते हुए अबकी बार मोदी ने तुरंत निर्णय लेते हुए इस वारशिप को रवाना कर दिया।। दूसरी और रूस के विमान ISIS की कमर तोड़ रहे हैं। अन्तरराष्ट्री बिरादरी में ये सन्देश गया की भारतीयों की जान अब कांग्रेस के जमाने की तरह सस्ती नहीं ।भारत अपने नागरिको की रक्षा हेतु कभी भी कहीं भी आपरेशन कर सकता है एवं भारत में भी मजबूत निर्णय लेने वाला एक नेतृत्त्व है। आतंकियों में भी ये सन्देश गया की एक तरफ रुसी विमान है तो दूसरी और जरुरत पड़ने पर भारत भी आपरेशन शुरू कर सकता है।।
इस प्रकार भारत सरकार और नरेन्द्र मोदी ने अपने एक निर्णय से सेनाओ का मनोबल बढाते हुए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को भी भारत में एक रीढ़ वाले राजनितिक नेतृत्त्व का संकेत दे दिया है जो जरुरत पड़ने पर अमरीका जैसी महाशक्ति से इतर भी निर्णय ले सकता है।।
इस प्रकार भारत सरकार और नरेन्द्र मोदी ने अपने एक निर्णय से सेनाओ का मनोबल बढाते हुए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को भी भारत में एक रीढ़ वाले राजनितिक नेतृत्त्व का संकेत दे दिया है जो जरुरत पड़ने पर अमरीका जैसी महाशक्ति से इतर भी निर्णय ले सकता है।।
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