Monday 30 June 2014

शंकराचार्य जी हिन्दुओ के सबसे बड़े गुरु होते है उन्हे साक्षात शिव का रूप माना जाता है लेकिन मुझे शंकरचार्य जी का इस वक्त इस तरह का बेवजह ब्यान देना समझ से परे है क्योकि जब केंद्र की पिछली UPA ( कांग्रेस ) की सरकार ने हिन्दुओ के आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम की धरोहर " श्रीराम सेतु " तोड़ने पर आमादा थी तब शंकरचार्य जी मौन थे ? जब केंद्र की पिछली UPA सरकार ने हिन्दुओ को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से " सांप्रदायिक हिंसा बिल " जिसमे सिर्फ हिन्दुओ के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही की बाते थी यानि घोर हिन्दू विरोधी बिल , जिसका विरोध देश के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा सहित कई अन्य हिन्दू संघटनों ने किया जिसके कारण केंद्र की कांग्रेस सरकार डर कर इस विवादस्पद बिल को संसद मे नहीं लाया तब हिन्दू धर्म गुरु शंकरचार्य जी बिलकुल मौन थे ? कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी , दिग्विजय सिंह जैसे कुछ तथाकथित सेकुलर नेताओ ने एक " खास समुदाय " को खुश करने के लिए " हिन्दू आतंकवाद " की बाते की थी तब शंकरचार्य जी मौन रहे इसका विरोध क्यो नहीं किया ? केंद्र की UPA सरकार ने " गौ मांस " को बढ़ावा देने के लिए कई स्लाटर हाउस को मंजूरी दी और गौ मांस को बढ़ावा देने लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी गई तब शंकरचार्य जी मौन थे जबकि हिन्दू धर्म मे गौ माता का सबसे पूज्यनीय स्थान है , गौ माता मे 33 करोड़ देवी देवताओ का वास माना जाता है फिर भी हिन्दू धर्म रक्षक शंकरचार्य जी का मौन समझ से परे था ।
मित्रो शंकरचार्य जी मेरे भी पूज्यनीय है लेकिन पिछली कुछ कड़वी बाते मुझे हजम नहीं हुआ था इसलिए अपनी मन की बाते आप लोगो को बता रहा हु यदि किसी भाई व बहनो की भावना आहत हुआ हो तो क्षमा प्रार्थी हु । 

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