Saturday, 21 June 2014

सदी का भीषण रक्तपात, मानवता कराह रही है इराक में।
 इराक में हजारो शियाओ का क़त्ल हो रहा है- मोमिन और अल्लाह की बात करने वाला व हिन्दुओं को 15 मिनट में खत्म करने वाला ओवैसी चुप है।ओमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को मुसलमानों का हित नहीं दिखाई दे रहा है। कश्मीर के अलगाववादी नेताओ का पता नहीं कहाँ छुपे है।
इराक के शिया मुस्लिमो की चीखे नहीं सुनाई दे रही है।मोदी जी के विरुद्ध फतवा जारी करने वाले इमामों को अब मृत शिया मुसलमानों की विधवाओ के प्रलाप नहीं सुनाई दे रहे है। कहाँ छुपा है खुद को मुसलमानों का पहरेदार कहने वाला आजम खान। 
जिस शबाना को मोदी जी के PM बनने पर देश की छवि का डर सता रहा था।शबाना आजमी जैसो फिल्म के नचनियो की टोली अब मुस्लिमो की छवि को कैसे सुधारेगी।इस कत्लेआम पर क्यों नहीं बोल रही है।अब हस्ताक्षर अभियान क्यों नहीं चला रही है। मोदी जी को मुस्लिमो का दुश्मन बताने वाले सेकुलर नेता अब नहीं बोलेंगे।अब तो शिया-सुन्नी के वोटो का गणित लगायेगे।वोटो के दलाल और मानवता के दुश्मन है ये मक्कार...

हिन्दू मुस्लिम भाई भाई का नारा देने वालो ... पहले शिया सुन्नी भाई भाई का नारा दो......

सऊदी अरब में शिया, अहमदिया, खोजा, इस्माइली, दाउदी वोरा, आदि को मुस्लिम नही माना जाता....

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