Monday, 9 June 2014

हरियाणा के मेवात में हालात 1990 के जम्मू और कश्मीर से बिलकुल भी जुदा नहीं है



Sanjay Dwivedy
हरियाणा के मेवात में हालात 1990 के जम्मू और कश्मीर से बिलकुल भी जुदा नहीं है ,इस जिले में मुस्लिम आबादी ज्यादा है एवं सारे गैर-कानूनी धंधों का केंद्र बन चूका है ये जिला .हरियाणा प्रशासन मुस्लिम वोट-बैंक राजनीति के कारण चेतना-शून्य है |
पिछले सप्ताह एक मामूली से विवाद पे एक हिन्दू युवक की हत्या कर दी गयी ,पुलिस ने कार्यवाही नहीं की ,उसके बाद मुस्लिम पक्ष ने दुबारा से उकसाया तो हिंसा भड़क गयी और दोनों पक्षों से 2-2 लोग मारे गये ,ये सब होता रहा लेकिन हरियाणा सरकार'सत्ता के नशे' डूबी रही और मुस्लिम पक्ष पे कोई कार्यवाही न करते हुए दुसरे पक्ष को धमकाया ऐसा आरोप वहां की लोकल जनता का है ,पिछली कुछ बलात्कार एवं लूटपाट की घटनाओं में भी मुस्लिमों के खिलाफ पुख्ता सबूत होने के वावजूद उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई ,सरकार मुस्लिमपरस्ती में मस्त है
मेवात में गौ-हत्या चरम पे है ,पुलिस का अघोषित सहयोग प्राप्त है ,हालिया हिंसा में AK-47 जैसे हथियारों का उपयोग किया गया लेकिन सरकार तो मानों 'भांग' के नशे में मदहोश है ,हो सकता है कल को आके बीजेपी पे दंगे कराने का आरोप भी लगा दें ,हरियाणा सरकार एवं भारतीय गृह मंत्रालय को ऐसे मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए अन्यथा एक और 'मुज़फ्फरनगर हिंसा' हरियाणा में भी जन्म ले सकती है , मेवात के लोकल सूत्रों की मानों तो यहाँ के मुस्लिम इलाकों में कई संदिग्श व्यक्तियों का आना जाना लगा रहा है ,शिकायत के वावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जाती ,हरियाणा के हिन्दुओं के पास अब 'महापंचायत' बुलाके इनके खिलाफ एकजुट होके प्रतिकार करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है |
भगवान न करें यहाँ कोई सांप्रदायिक दंगा हो लेकिन हरयाणा सरकार और गृह मंत्रालय का यही रवैया रहा तो हो कुछ भी संभव है ,एनसीआर में आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है मेवात क्षेत्र लेकिन गृह मंत्रालय की चुप्पी सवाल अवश्य उठाती है |

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