Sunday 22 June 2014

पश्चिमी देश पिघला रहे आर्क्टिक की बर्फ
मित्रो आपने सूना होगा आर्कटिक की बर्फ पिघल रही है और इसका सारा दोष ग्लोबल वार्मिंग के मत्थे मढ दिया जाता है!!
असल में क्या आपको पता है आर्टिक के बीचे व अंटार्कटिक में भी बर्फ की ठोस परत/समुद्र के नीचे विशाल तेल भण्डार है ..एवं नेचुरल gas के भी बड़े बड़े भूगर्भीय स्रोत है !!
इनको पाने के लिए बर्फ हटाई जा रही है ...उसकी लिए भीमकाय मशीन गर्मी पैदा करके बर्फ पिघला रही है ..इससे आने वाले दस सालो में पृथ्वी पर बुरा असर होगा
मित्रो अगले कुछ सालो में तेल समाप्त हो जाएगा या कम हो जाएगा आपको बताया जाता है ..असल में वो कम नहीं हो रहा न ख़तम उसको जलाया जा रहा है ..पिछले दस सालो से तेल कुओ में आग लगने की घटना कैसे बढ़ गई ?? अमेरिका ने इराक पर हमला किया तो तेल कुओ में आग क्यूँ लगाईं ??
कुछ लोग कहेंगे कि आग तो ईराकियो ने खुद लगाईं थी ताकि तेल अमेरिका के हाथ न लगे ..पर अमेरिका पर तो कोई फर्क पडा नहीं ???और आग लगानी ही थी तो सब में लगा देते ?? 2-4 में क्यूँ लगाईं ...
क्यूंकि इन तेल कुओ को जो खाड़ी देशो के पास है उन्हें पश्चिमी देश समाप्त करना चाहते है...कारण यह है कि जिस देश के पास तेल होगा ..दुनिया में उसकी चलेगी ..वो देश अमीर होगा ..तेल कंपनिया अमीर होंगी ... दूसरे बडे तेल भण्डार आर्कटिक के गर्भ में छिपे पड़े है और रूस/अमेरिका समेत तमाम आर्कटिक के पास वाले देश इन्हें कब्जाना चाहते है ...
साथ ही अरब के तेल भंडारों को समाप्त कर दिया जाय ...तो सोने पर सुहागा ..दुनिया इन देशो पर तेल के लिए निर्भर हो जाएगी ..मित्रो ये उसी दिमाग से काम कर रहे है जिस दिमाग ने भारत समेत दुनिया के तमाम देशो को गुलाम बनाया!!
अब कोई पूछेगा ... कि भाई आर्कटिक में बर्फ कैसे कम हो रही है ??तो क्या बहाना मारे...मार दिया ग्लोबल वार्मिंग का बहाना
जबकि ग्लोबल वार्मिंग है तो हिमालय ही बर्फ/ग्लेशियर भी अगले दस सालो में आर्क्टिक की तरह पिघल जाने चाहिए ..पर वो तो पिघल नहीं रहे!!
अब आप समझ सकते है कि अभी हाल ही में मुजफ्फरनगर के उस मोहित नाम के लड़के के compressed एयर इंजन को मीडिया ने क्यूँ नहीं दिखाया ? जो बिना तेल के सिर्फ दवाब वाली हवा से चलता है ??? क्यूँ ?? क्यूंकि ये तेल कंपनियों के लिए अच्छा नहीं होगा ...फिर दुनिया पर पश्चिमी देश राज कैसे करेंगे ??

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