Thursday, 19 June 2014

इराक में मोसुल शहर में सिर्फ 1500 ISIS आतंकी इराक की दो डिविज़न फ़ौज पे भारी पड गए . फ़ौज भाग खड़ी हुई और जो बची उसने समर्पण कर दिया . आतंकियों ने उन्ही से उनकी कब्र खुदवाई और 1700 फौजियों को सारी दुनिया के सामने भून दिया ......... मध्यकालीन मुस्लिम आक्रान्ताओं के कत्ले आम क्या इस से ज़्यादा वीभत्स रहे होंगे ?
इराक की घटना से सबक लेने की ज़रुरत है ......... सेना में सुन्नी सैनिक ज़्यादा थे , कमांड शिया जनरल के हाथ में थी . सैनिक ISIS आतंकवादियों से सहानुभूति रखते थे . उन्होंने अपने ही कमांडर को धोखा दिया , उसपे हमला किया और घायल कर दिया . इसके बाद मैदान छोड़ भाग खड़े हुए . फ़ौज की वर्दी में भागने में ख़तरा था सो वर्दी छोड़ के भागे . जिनके पास पहनने के लिए सिविल कपडे नहीं थे वो नंगे बदन ही भाग खड़े हुए. कुछ तो अंडरवियर में भागे . जो बचे वो घिर गए और उन्होंने समर्पण कर दिया . 1700 को विद्रोहियों ने बेरहमी से मारा . शहर पे कब्जा कर लिया . बैंक लूट लिए . सुना है अकेले मोसुल के banks से ही उन्हें 400 Million dollar मिल गए हैं . आज उनके पास बेशुमार पैसा और इराकी सेना के हथियार है और वो बाकि बचे इराक की और बढ़ रहे हैं . कहने को सेना उनसे लड़ तो रही है पर वही सेना जो अन्दर से उनकी समर्थक है और कभी भी अपने ही खिलाफ धोखा बगावत कर मैदान छोड़ भाग सकती है , जैसा उन्होंने मोसुल और तिकरित में किया . 
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ईराक के सबसे बड़ी दो रिफाइनरी पे ISIS की गिरोह[ सुन्नी जेहादियों] ने कब्जा करलिया है और तो और अब किसी को नया तेल चाहिए तो पुराना बिल [ जो चुकाने का बाकी है वो ] इन ISIS की गिरोह [ सुन्नी जेहादियों ] को देना पडेगा ! सऊदी अरब के बाद इराक ही वो देश है जहां तेल का उत्पादन दुनिया में सबसे ज्यादा होता है. और सारी दुनिया में परेशानी की वजह भी वही कच्चा तेल है. क्योंकि अगर जेहादियों ने इराक के तमाम तेल पर अपना कब्जा जमा लिया तो पूरी दुनिया मंहगाई की चपेट में चली जाएगी.इस गृह युद्ध के कारण कई तेल के कुए बंध पड़े है इस लिए आंतरराष्ट्रीय स्तर पे तेल की अछत होने लगेगी। इस अराजकता के कारण वहा पर कामदार भी नहीं मिल रहे। इस संकट के कारन हमारे देश में पेट्रोल और डीजल महंगा होगा इसमें कोई संदेह नहीं।
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(1)सभी यह बता रहे हैं की ईराक में हजारों भारतीय फंसे पड़े हैं. कोई यह नहीं बता रहा की उनमें अल्पसंख्यक कितने हैं? SC, ST, OBC और GENERAL कितने हैं?
(2)मुसलमान मुसलमान को मार रहा है.…!
यहाँ अल्लाह को प्रॉब्लम होने वाली है!
जहनुम किसको भेजे?और हूरें किसको दे?

(3)कोई भी टेररिस्ट पैदा नही होता
सिस्टम उसे ये करने पर मजबूर कर देता है।
'और उस सिस्टम का नाम है ...इस्लाम।
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अधिकतर मुस्लिम देशों में भुखमरी छाई रहती है और वहां खाने के भी लाले पड़े हुए हैं बाकी मूलभूत सुविधाओं की बात तो खैर जाने ही दो..अब अगर आबादी की चर्चा करें तो पिछले 1400 सालों से तलवार, बम और आतंक के जरिए इस्लाम को फ़ैलाने तथा"      " की तरह बच्चा पैदा करने के बावजूद""भी दुनिया में मुस्लिम की संख्या मात्र 150 करोड़ के आसपास ही है (दुनिया की कुल आबादी 720 करोड़ है).बाकी दुनिया मे इनकी हालत जगजाहिर है
- यूरोपियन देशो जैसे फ्रांस बिट्रेन जर्मनी इटली आदि मे बुर्के उतर चुके है ...मस्जिदो मे मीनारे और लाउडस्पीकर हटाये जा चुके है ..इसके अलावा वहा मुसलमानो के दूसरे रीति रिवाजो पर सख्त पांबदी है ..!
- चीन मे रोजा रमजान और दूसरे इस्लामी कार्यकलापो पर बंदिश है ..
- जापान और बर्मा मे तो मुसलमानो को घुसने ही नही दिया जाता...
- अमेरिका और यूरोप मे तो आये दिन मुस्लमानो की जबरदस्त खातिरदारी होती रहती है ..!
वही दुनिया भर की जेलो मे तस्करी,लूट नकली नोट छापना, दंगे फसाद और वहा के अन्य देश विरोधी मामलो मे मुसलमान कैदियो की संख्या भारी तादाद् मे मौजूद है जबकि हिन्दू लोग भी हिंदुस्तान के बाहर सारी दुनिया में बसे हुए हैं तथा, वे सभी ऊँचे तथा सम्मानित पदों पर कार्यरत हैं जिनकी गिनती ही नहीं की गयी है !
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चेचन्या में खून खराबा,
जिनजियांग में दंगे,
म्यांमार में फसाद, 
कश्मीर में दहशतगर्दी,
नाइजीरिया में हत्याएं और गैर मुस्लिम लड़कियों का बलात मतान्तरण,
गाजा में जंग,
पश्चिम एशिया और अफ्रीका में हिंसा और गृहयुद्ध का अंतहीन दौर
और पूरी दुनिया में गोली, बंदूक, बम और धमाके !
इन सभी मामलों में एक चीज अनिवार्य रूप से पाई जाती है और वो है - ''आसमानी किताब वाला अमन और भाईचारे का मजहब'' !
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