पीएम मोदी करते हैं 18 घंटे काम, मंत्रियों की हुई नींद हराम, कैबिनेट का होगा विस्तार
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प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं बल्कि अपने मंत्रियों और मातहतों से भी जबर्दस्त ढंग से काम ले रहे हैं. वह दिन भर में 18 घंटे काम करते हैं और उनकी दिनचर्या सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है. यह खबर एक आर्थिक समाचार पत्र ने दी है.
पत्र के मुताबिक पीएम मोदी ने केवल खुद बहुत ज्यादा काम करते हैं बल्कि अपने सहयोगियों से भी यही उम्मीद करते हैं. इससे सरकार की चुस्ती बढ़ तो गई है लेकिन मंत्रियों के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगी हैं. उनके 44 मंत्रियों के लिए यह कठिन है. अभी सरकार बने तीन हफ्ते भी नहीं हुए हैं कि मंत्रियों ने अपेन मित्रों को कहना शुरू कर दिया है कि पीएम काम लेने के मामले में काफी सख्त हैं. कई मंत्री तो उनींदे से दिख रहे हैं और काम के दबाव तथा तनाव से कइयों की सेहत खराब होने लग गई है.
पीएम मोदी के यहां सुबह-सुबह काम शुरू हो जाता है. कुछ मंत्री ऐसे हैं जिन्हें दोपहर में झपकी लेने की आदत थी लेकिन वह सब अब खत्म हो गया है. अब तो उन्हें देर रात तक जागना पड़ता है. बीजेपी के मंत्रियों की समस्या है कि पिछले कई वर्षों तक वे सत्ता से बाहर थे और उनके काम करने की आदत खत्म हो गई थी. अब वे दिन-रात काम कर रहे हैं जिसका असर साफ दिख रहा है.
पत्र ने लोक शक्ति पार्टी के सर्वेसर्वा रामविलास पासवान का हवाला देते हुए लिखा है कि हाल में जब कुछ पत्रकार उनसे मिलने गए थे तो उनकी आंखें लाल हो रही थीं, जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली की गर्मी से ऐसा हुआ है. लेकिन उनके एक सहयोगी ने बताया कि मंत्री जी पहले दोपहर से काम शुरू करते थे लेकिन अब उन्हें पीएम के साथ कदम ताल करना पड़ता है जिसका असर दिख रहा है. एक और मंत्री हैं जो दोपहर का भोजन करने के बाद ही काम शुरू करते थे लेकिन अब सुबह-सुबह काम पर लग जाते हैं. उन्हें अब अपने सेहत की चिंता सता रही है.
यही हाल नितिन गडकरी का है. वह भी दोपहर से दिनचर्या शुरू करते थे लेकिन अब वह एकदम सुबह उठकर लग जाते हैं. पीएम मोदी की पहली कॉल उन्हें ही जाती है. गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद से उन पर दोगुनी जिम्मेदारी आ पड़ी है. कई मंत्री ऐसे हैं जिनके पास दो-दो मंत्रालय हैं और वे काम के बोझ के तले दब गए हैं.
पत्र ने भरोसेमंद सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बजट सत्र के पहले ही कैबिनेट का विस्तार होगा. इसका उद्देश्य काम के भार से दबे मंत्रियों का बोझ हल्का करना है. कुछ मंत्रियों से अतिरिक्त मंत्रालय ले लिए जाएंगे.
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प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं बल्कि अपने मंत्रियों और मातहतों से भी जबर्दस्त ढंग से काम ले रहे हैं. वह दिन भर में 18 घंटे काम करते हैं और उनकी दिनचर्या सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है. यह खबर एक आर्थिक समाचार पत्र ने दी है.
पत्र के मुताबिक पीएम मोदी ने केवल खुद बहुत ज्यादा काम करते हैं बल्कि अपने सहयोगियों से भी यही उम्मीद करते हैं. इससे सरकार की चुस्ती बढ़ तो गई है लेकिन मंत्रियों के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगी हैं. उनके 44 मंत्रियों के लिए यह कठिन है. अभी सरकार बने तीन हफ्ते भी नहीं हुए हैं कि मंत्रियों ने अपेन मित्रों को कहना शुरू कर दिया है कि पीएम काम लेने के मामले में काफी सख्त हैं. कई मंत्री तो उनींदे से दिख रहे हैं और काम के दबाव तथा तनाव से कइयों की सेहत खराब होने लग गई है.
पीएम मोदी के यहां सुबह-सुबह काम शुरू हो जाता है. कुछ मंत्री ऐसे हैं जिन्हें दोपहर में झपकी लेने की आदत थी लेकिन वह सब अब खत्म हो गया है. अब तो उन्हें देर रात तक जागना पड़ता है. बीजेपी के मंत्रियों की समस्या है कि पिछले कई वर्षों तक वे सत्ता से बाहर थे और उनके काम करने की आदत खत्म हो गई थी. अब वे दिन-रात काम कर रहे हैं जिसका असर साफ दिख रहा है.
पत्र ने लोक शक्ति पार्टी के सर्वेसर्वा रामविलास पासवान का हवाला देते हुए लिखा है कि हाल में जब कुछ पत्रकार उनसे मिलने गए थे तो उनकी आंखें लाल हो रही थीं, जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली की गर्मी से ऐसा हुआ है. लेकिन उनके एक सहयोगी ने बताया कि मंत्री जी पहले दोपहर से काम शुरू करते थे लेकिन अब उन्हें पीएम के साथ कदम ताल करना पड़ता है जिसका असर दिख रहा है. एक और मंत्री हैं जो दोपहर का भोजन करने के बाद ही काम शुरू करते थे लेकिन अब सुबह-सुबह काम पर लग जाते हैं. उन्हें अब अपने सेहत की चिंता सता रही है.
यही हाल नितिन गडकरी का है. वह भी दोपहर से दिनचर्या शुरू करते थे लेकिन अब वह एकदम सुबह उठकर लग जाते हैं. पीएम मोदी की पहली कॉल उन्हें ही जाती है. गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद से उन पर दोगुनी जिम्मेदारी आ पड़ी है. कई मंत्री ऐसे हैं जिनके पास दो-दो मंत्रालय हैं और वे काम के बोझ के तले दब गए हैं.
पत्र ने भरोसेमंद सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बजट सत्र के पहले ही कैबिनेट का विस्तार होगा. इसका उद्देश्य काम के भार से दबे मंत्रियों का बोझ हल्का करना है. कुछ मंत्रियों से अतिरिक्त मंत्रालय ले लिए जाएंगे.
नरेंद्र मोदी सरकार में तीन मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर पीएमओ ने अड़ंगा लगा दिया है. पीएमओ ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा राज्य मंत्री वीके सिंह और किरन रिजेजु के प्राइवेट सचिवों की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी है.पीएमओ ने आलोक सिंह को राजनाथ सिंह का निजी सचिव रखे जाने पर अड़ंगा लगा दिया है. आलोक इससे पहले यूपीए सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के निजी सचिव थे. बताया जा रहा है कि पीएमओ आलोक की खासतौर पर पिछली पोस्टिंग से खुश नहीं था. माना यह भी जा रहा है कि पीएमओ उन सभी मंत्रियों के साथ उसी तरह का रुख अख्तियार कर सकता है जिनके निजी सचिव पिछली सरकार में मंत्रियों के निजी सचिव रहे हैं.
पीएमओ ने पूर्वोत्तर मामलों के राज्य मंत्री वीके सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजुजु के निजी सचिवों की नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला लिया है कि पुरानी सरकार (यूपीए) में मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नई सरकार में नहीं रखे जाएंगे. हालांकि इस बारे में सरकार की तरफ से कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है.
मोदी सरकार में कम से कम 7 से 8 मंत्री ऐसे हैं जिन्हें ऐसे अफसरों को अपने निजी सचिव के तौर पर रखा है.
पीएमओ ने पूर्वोत्तर मामलों के राज्य मंत्री वीके सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजुजु के निजी सचिवों की नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला लिया है कि पुरानी सरकार (यूपीए) में मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नई सरकार में नहीं रखे जाएंगे. हालांकि इस बारे में सरकार की तरफ से कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है.
मोदी सरकार में कम से कम 7 से 8 मंत्री ऐसे हैं जिन्हें ऐसे अफसरों को अपने निजी सचिव के तौर पर रखा है.
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