Tuesday 3 June 2014

आतंकवाद का मददगार अमेरिका - 
अमेरिका एक अत्यंत कुटिल,चालाक व स्वार्थी देश है जो अपने हितों के लिए कुछ भी कर सकता है। Pulitzer पुरुस्कार से सम्मानित पत्रकार Mark Mazzetti की पुस्तक The Way of the Knife से कुछ तथ्य सामने आयें हैं जिनसे पता चलता है कि मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने का राग अलापने वाला अमेरिका सिर्फ अपने विरूद्ध आतंकवाद का खात्मा करना चाहता है बाकी देशों के विरूद्ध आतंकवाद से उसे कोई मतलब नहीं है।
पुस्तक से पता चलता है कि पाकिस्तान से मिले हुए अमेरिका ने पाकिस्तान की सहमति पर सिर्फ अफगानिस्तान सीमा पर ड्रोन हमले किये जबकि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारत के विरुद्ध चलने वाले आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविरों के ऊपर कोई हमला नहीं किया। इसी से अमेरिका के दोगलेपन का पता चलता है।
पुस्तक में एक खुलासा यह भी है कि Central Intelligence Agency (CIA) ने operation cyclone के अंतर्गत पकिस्तान में इस्लामी प्रशिक्षण विद्यालय स्थापित करने के लिए चार अरब डॉलर खर्च किये थे। इसके तहत युवा कट्टरपंथियों को CIA के वर्जिनीया स्थित जासूसी प्रशिक्षण शिविर भेजा जाता था जहाँ उन्हें अल-क़ायदा के भावी सदस्य के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता था।
यह अमेरिका वही देश है जिसने महाशक्ति बनने के लालच में और Russia को तोड़ने के लिए सऊदी अरब के एक बहुत अमीर व्यक्ति ओसामा बिन लादेन को कट्टरपंथी के रूप में तैयार करवाया, जो आगे चलकर विश्व का सबसे खतरनाक आतंकवादी बना। फिर बाद में अपने हितों के लिए लादेन को मारा
इसी अमेरिका ने तेल के स्त्रोतों को हड़पने के लिए इराक़ पर जैविक हथियार होने का फ़र्जी आरोप लगाया और उस पर हमला किया
World Bank और International Monetary Fund (IMF) के प्रमुख इसी अमेरिका के आदेश पर बनते हैं या अमेरिका के ही नागरिक होतें हैं जो बाद में अमेरिका के हित में सारी आर्थिक नीतियां बनाते हैं।
साम-दाम-दण्ड-भेद हर चीज का इस्तेमाल करके विश्व महाशक्ति बना रहना चाहता है यह अमेरिका
इसीलिए ये अमेरिका यह भी नहीं चाहता की नरेन्द्र मोदी जैसा निर्भीक और शसक्त व्यक्ति भारत का प्रधानमंत्री बनें और भारत को विश्व महाशक्ति बनाये।

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