वीर झाला का बलिदान...
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झाला राणा प्रताप के साथ ही युद्ध मे शामिल था और वह भी बडा ही वीर योद्धा था, दिखने में भी थोडा वह राणा प्रताप के जैसा ही लगता था | झाला ने हल्दीघाटी में देखा की राजपूत सेना मुगल फोजों से कमजोर पड रही है और मुगल सेनिक राणा प्रताप पर आक्रमण करने के लिये आतुर है |
तब झाला ने तुरंत निर्णय लिया कि राणा को अपनी जान बचाने के लिये किसी सुरक्षित स्थान पर जाना ही होगा | झाला ने तुरंत शाही निशान आदि लेने के लिये महाराणा से अनुमति मांगी और उनसे अर्ज किया की वे अपनी जान बचायें | राणा प्रताप चेतक पर सवार दूर निकल गये, और मुगल सेना झाला को राणा प्रताप समझ कर उस पर टूट पडी, इस तरह से झाला ने अपना बलिदान देते हुए भी अपने राजा महाराणा प्रताप की जान बचाई और अमर शहीद कहलाया |
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झाला राणा प्रताप के साथ ही युद्ध मे शामिल था और वह भी बडा ही वीर योद्धा था, दिखने में भी थोडा वह राणा प्रताप के जैसा ही लगता था | झाला ने हल्दीघाटी में देखा की राजपूत सेना मुगल फोजों से कमजोर पड रही है और मुगल सेनिक राणा प्रताप पर आक्रमण करने के लिये आतुर है |
तब झाला ने तुरंत निर्णय लिया कि राणा को अपनी जान बचाने के लिये किसी सुरक्षित स्थान पर जाना ही होगा | झाला ने तुरंत शाही निशान आदि लेने के लिये महाराणा से अनुमति मांगी और उनसे अर्ज किया की वे अपनी जान बचायें | राणा प्रताप चेतक पर सवार दूर निकल गये, और मुगल सेना झाला को राणा प्रताप समझ कर उस पर टूट पडी, इस तरह से झाला ने अपना बलिदान देते हुए भी अपने राजा महाराणा प्रताप की जान बचाई और अमर शहीद कहलाया |
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