Saturday, 29 March 2014

आखिर कब मिलेगा भगत सिंह को शहीद का दर्जा ?

देश की ख़ातिर अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीद भगत सिंह को शहादत के 83 साल बाद भी शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है। भगत सिंह के परपोते यादविन्दर सिंह की तरफ से गृह मंत्रालय में दायर की गई एक आर. टी. आई. के जवाब में इस बात का खुलासा पिछले साल अगस्त में हुआ था। इस खुलासे के 6 महीने बीत जाने के बावजूद भी सरकार ने इस दिसा में कोई कदम नहीं उठाया है।
शहीद भगत सिंह की जीवन पर कई साल से काम कर रहे भगत सिंह के भांजे जगमोहन सिंह का कहना है कि सरकार को शहीद भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने साथ-साथ नौजवानों में उन की विचारधारा पहुंचाने की भी कोशिश करनी चाहिए।
शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को अंग्रेज़ों की तरफ से लाहौर जेल में फांसी दे दी गई थी और तीनों का अंतिम संस्कार फ़िरोज़पुर नज़दीक हुसैनीवाला में किया गया था।जालंधर के देशभगत यादगार हाल में जंगे आज़ादी के शहीदें पर काम करने वाले देश भक्त यादगार हाल ट्रस्ट के ट्रस्टी गुरमीत सिंह का कहना है कि भगत सिंह बारे देश का बच्चा-बच्चा जानता है और इन बहादरों की शहादत के लिए किसी सरकारी प्रमाण की ज़रूरत नहीं है।
शहीद भगत सिंह के परपोते यादविन्दर सिंह भगत सिंह को सरकारी कागज़ों में शहीद का दर्जा दिलाने के लिए यत्न कर रहे हैं परन्तु अफ़सोस की बात है कि न तो पंजाब सरकार और न ही केंद्र सरकार ने जंगे आज़ादी के इस हीरो की शहादत को सरकारी प्रमाण देने के लिए कोई कदम उठाया है। ऐसा शाहद इस लिए हो रहा है क्योंकि भगत सिंह के नाम पर इन राजनीतिज्ञों को वोट नहीं मिलते।

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