Wednesday, 19 November 2014

इस्लामिक टेरररिज़म से बुरी तरह प्रभावित देशों की लिस्ट में भारत छठे नंबर पर

कौन्तेय सिन्हा, लंदन

साल 2013 में भारत आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की लिस्ट में छठे पायदान पर था। भारत से ऊपर जो पांच देश हैं, वे पूरी तरह से आतंकवाद की चपेट में आ गए हैं और जंग के मैदान में तब्दील हो चुके हैं।

ग्लोबल टेररिज़म इंडेक्स 2014 रिपोर्ट के मुताबिक 2012 के मुकाबले 2013 में आतंकवाद से होने वाली मौतें 61 फीसदी बढ़ी हैं। 2013 में दुनिया भर में करीब 10 हजार आतंकी हमले हुए, जो 2012 के मुकाबले 44 फीसदी ज्यादा थे। मगर भारत में आतंकी हमलों में यह बढ़ोतरी 70 प्रतिशत थी। साल 2012 में देश में 238 आतंकी हमले हुए थे, जबकि 2013 में इनकी संख्या बढ़कर 404 हो गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में काफी आतंकी गतिविधियां चल रही हैं, खासकर पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर। भारत में 43 विभिन्न आतंकी संगठन सक्रिय बताए गए हैं, जिन्हें 3 श्रेणियों में बांटा गया है- इस्लामिस्ट, अलगाववादी और कम्यूनिस्ट संगठन।

2013 में आतंकवाद के 80 फीसदी से ज्यादा मामले सिर्फ पांच देशों में सामने आए। ये देश हैं- इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नाइजीरिया और सीरिया। सबसे ज्यादा(10 अंक) से सबसे कम(0) हमलों और नुकसान के पैमाने पर देखें तो इराक आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। रेटिंग के हिसाब से इराक का स्कोर 10 है और भारत का 7.86.

रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया है कि भारत में बेशक आतंकवादी हमले बढ़े, लेकिन जान-माल का नुकसान कम हुआ। साल 2013 में करीब 70 फीसदी हमलों में किसी को नुकसान नहीं हुआ। रिपोर्ट में कम्यूनिस्ट आतंकी संगठनों को सबसे ज्यादा लोगों को मारने वाले संगठन बताया गया है। 2013 में इनके हमलों में 193 मौतें हुईं थीं।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'माओवादियों के निशाने पर पुलिस ज्यादा रहती है। गोलीबारी से माओवादियों ने 85 लोगों की हत्या की और धमाकों से 43 की। जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से चल रहे विवाद को इस्लामिक टेरररिज़म की मुख्य वजह बताया गया है। साल 2013 में 3 आतंकी संगठन भारत में आतंक से हुई 15 फीसदी मौतों के लिए जिम्मेदार थे। इसमें हिज्बुल मुजाहिदीन भी शामिल है, जो साल 2013 में फिदायीन हमले करने वाला इकलौता संगठन है।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस्लामिस्ट ग्रुप पुलिस को गोला-बारूद और जनता को बमों से निशाना बनाते हैं। ज्यादातर हमले हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर में हुए। पूरी दुनिया की बात करें तो अल-कायदा, बोको हरम, आईएसआईएस और तालिबान को 66 फीसदी मौतों के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
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 - केन्या के मोम्बासा शहर में दो मस्जिदों में तलाशी अभियान के दौरान पुलिस की कार्रवाई में एक व्यक्ति मारा गया और लगभग 250 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इन मस्जिदों का इस्तेमाल आतंकवादियों की भर्ती करने और हथियार छुपाने की सूचना मिलने के बाद यह अभियान चलाया गया था। उन्होंने बताया कि मुस्सा और सकिना मस्जिदों में 251 युवक डेरा डाले हुए थे और वे आतंकवादी ट्रेनिंग ले रहे थे।
पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान मुस्सा मस्जिद में छुपे एक व्यक्ति ने पुलिस पर ग्रेनेड फेंकने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। मोम्बासा के पुलिस प्रमुख जेफरी मेयक ने पत्रकारों को बताया कि दो मस्जिदों से आठ ग्रेनेड, एक बंदूक, छह गोलियां आदि बरामद की गई है। पुलिस ने मोबाइल और लैपटॉप के साथ साहित्य और कुछ वीडियो भी जब्त की हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
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बुद्ध से पहले कोई बुद्धिस्ट नहीं था ।जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था ।मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था ।महावीर से पहले कोई जैनी नहीं था लेकिन !कृष्ण से पहले , राम से पहले , हरिशचन्द्र से पहले, वशिष्ट से पहले, गौतम,कपिल, कणाद, भरद्वाज, विश्वामित्र, अत्री, द्रोण आदि से भी पहले सब सनातनवैदिक धर्मी थे ।क्योंकि धर्म किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा आरम्भ नहीं होता । वो तो ईश्वर के द्वारा मानव मात्र को समान रूप से  दिया गया है।

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