कटटरपंथी धर्मांध ईसाई गुंडों ने विशुद्ध साम्प्रदायिक जहर के नशे में चूर हो के नागपुर में दैनिक भास्कर अख़बार के कार्यालय पर हमला बोलकर, सारे कर्मचारियों को बुरी तरह मारापीटा और कार्यालय के सारे फर्नीचर और कम्प्यूटरों को तहस नहस कर दिया.
मित्रों ये घटना घटे दो दिन हो चुके हैं लेकिन इस घोर दंगाई साम्प्रदायिक ईसाई गुंडई के खिलाफ NDTV, ABP और "आजतक" सरीखे न्यूजचैनलों पर कोई रविशकुमार, कोई गंजा अभय दुबे, कोई विजय विद्रोही, कोई अंजना ओम कश्यप, कोई पाप प्रसून बाजपेयी रंडी रोना रोता नहीं नज़र आया है —
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मित्रों ये घटना घटे दो दिन हो चुके हैं लेकिन इस घोर दंगाई साम्प्रदायिक ईसाई गुंडई के खिलाफ NDTV, ABP और "आजतक" सरीखे न्यूजचैनलों पर कोई रविशकुमार, कोई गंजा अभय दुबे, कोई विजय विद्रोही, कोई अंजना ओम कश्यप, कोई पाप प्रसून बाजपेयी रंडी रोना रोता नहीं नज़र आया है —
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डेंगू का उपचार:
आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्व
र, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l
यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्व
र, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l
यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l
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बालों की तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाए केरेले का रस __________________________ __________________________ __________________________ __________________________ __________________________ __________________
करेला ना केवल खाने के काम आता है बल्कि आप उससे कई सारी खुद की समस्याएं भी सुलझा सकती हैं। करेले के रस को बालों में लगाने से वह चमकदार बनते हैं, उनका टूटना कम हो जाता है, रूसी गायब होती है और ऐसी ही कई तमाम समस्याएं हल हो जाती हैं। आज कल बाजार में मिलने वाले कठोर शैंपू बालों का पोषण छीन लेते हैं तथा उन्हें कमजोर बना देते हैं, पर करेले का रस लगाने से बाल पर कोई उल्टा असर नहीं पड़ता बल्किल वे और ज्यादा अच्छे हो जाते हैं।
करेले के रस को कई अन्य घरेलू सामग्रियों के साथ प्रयोग करनी होती है। जब भी करेले का रस बालों में लगाएं तो उसे कम से कम 1 घंटे के लिये बालों में ही रहने दें। अच्छा रिजल्ट पाने के लिये इसे हफ्ते में कई बार इस्तमाल करें। तो चलिये जानते हैं करेले के रस से कैसे पाएं बालों में मजबूती।
शाइन लाने के लिये ताजे करेले के रस में दही मिलाइये और बालों में लगाइये। इससे आपके बालों में अच्छी शाइन आएगी।
दो मुंहे बालों के लिये कच्चे कलेले के रस को सिर में डाल कर हल्के हाथों से कंघी करें। ऐसा हफते में दो बार करें।
रूसी भगाने के लिये यदि आप करेले और जीरे को पीस कर पेस्ट बना कर बलों में लगाएं तो आप महीने भर में रूसी से छुटकारा पा सकेंगी।
खुजलीदार खोपड़ी के लिये करेले के रस के साथ या तो एवाकाडो मिलाइये या फिर केले का टुकड़ा। इसे हेयर पैक बना कर खुजलीदार खोपड़ी पर लगाइये।
रूखे बालों के लिये अगर बाल उलझ गए हैं तो उन पर 1 कप करेले का रस सिर पर करीबन 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद सिर धो लें। इससे बाल बिल्कुल मुलायम बन जाएंगे।
सफेद बालों के लिये अगर बाल असमय ही सफेद हो रहे हैं तो करेले का गाढा रस निकालें और उसे बालों पर लगाएं। ऐसा पूरे 10 दिनों तक करें और लाभ पाएं।
तेलिये बालों के लिये अगर आप अपने आहार में कम तेल खाएंगी तो आपके बाल कभी ऑयली नहीं बनेंगे। अलावा करेले का रस निकाल कर उसे सेब के सिरके के साथ मिक्स करें और बालों कि जड़ों में लगाएं।
बाल झड़ने के लिये हेयर फॉल को सही करने के लिये करेले के रस में 1 चम्मच चीनी मिलाइये और इस पेस्ट को बालों पर लगाइये। इससे प्राकृतिक रूप से बाल झड़ना बंद हो जाएंगे।
करेला ना केवल खाने के काम आता है बल्कि आप उससे कई सारी खुद की समस्याएं भी सुलझा सकती हैं। करेले के रस को बालों में लगाने से वह चमकदार बनते हैं, उनका टूटना कम हो जाता है, रूसी गायब होती है और ऐसी ही कई तमाम समस्याएं हल हो जाती हैं। आज कल बाजार में मिलने वाले कठोर शैंपू बालों का पोषण छीन लेते हैं तथा उन्हें कमजोर बना देते हैं, पर करेले का रस लगाने से बाल पर कोई उल्टा असर नहीं पड़ता बल्किल वे और ज्यादा अच्छे हो जाते हैं।
करेले के रस को कई अन्य घरेलू सामग्रियों के साथ प्रयोग करनी होती है। जब भी करेले का रस बालों में लगाएं तो उसे कम से कम 1 घंटे के लिये बालों में ही रहने दें। अच्छा रिजल्ट पाने के लिये इसे हफ्ते में कई बार इस्तमाल करें। तो चलिये जानते हैं करेले के रस से कैसे पाएं बालों में मजबूती।
शाइन लाने के लिये ताजे करेले के रस में दही मिलाइये और बालों में लगाइये। इससे आपके बालों में अच्छी शाइन आएगी।
दो मुंहे बालों के लिये कच्चे कलेले के रस को सिर में डाल कर हल्के हाथों से कंघी करें। ऐसा हफते में दो बार करें।
रूसी भगाने के लिये यदि आप करेले और जीरे को पीस कर पेस्ट बना कर बलों में लगाएं तो आप महीने भर में रूसी से छुटकारा पा सकेंगी।
खुजलीदार खोपड़ी के लिये करेले के रस के साथ या तो एवाकाडो मिलाइये या फिर केले का टुकड़ा। इसे हेयर पैक बना कर खुजलीदार खोपड़ी पर लगाइये।
रूखे बालों के लिये अगर बाल उलझ गए हैं तो उन पर 1 कप करेले का रस सिर पर करीबन 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद सिर धो लें। इससे बाल बिल्कुल मुलायम बन जाएंगे।
सफेद बालों के लिये अगर बाल असमय ही सफेद हो रहे हैं तो करेले का गाढा रस निकालें और उसे बालों पर लगाएं। ऐसा पूरे 10 दिनों तक करें और लाभ पाएं।
तेलिये बालों के लिये अगर आप अपने आहार में कम तेल खाएंगी तो आपके बाल कभी ऑयली नहीं बनेंगे। अलावा करेले का रस निकाल कर उसे सेब के सिरके के साथ मिक्स करें और बालों कि जड़ों में लगाएं।
बाल झड़ने के लिये हेयर फॉल को सही करने के लिये करेले के रस में 1 चम्मच चीनी मिलाइये और इस पेस्ट को बालों पर लगाइये। इससे प्राकृतिक रूप से बाल झड़ना बंद हो जाएंगे।
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पेट की गैस को ठीक करने के उपाय:
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-मानसिक तनाव, अशांति, भय, चिंता, क्रोध के कारण पाचन अंगों के आवश्यक पाचक रसों का स्राव कम हो जाता है, जिससे अज्रीर्ण(Indigestion) की तकलीफ हो जाती है और अज्रीर्ण का विकृत रूप गैस कि बिमारी पैदा कर देता है।
-भोजन में मूंग, चना, मटर, अरहर, आलू, सेम, चावल, तथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियां, खिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटी, दूध, तोरई, कद्दू, पालक, टिंडा, शलजम, अदरक, आवंला, नींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
-भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं!
-भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं।
-तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें! भोजन सादा, सात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें।
-दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें।
-प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है।
-शराब, चाय, कॉफी, तम्बाकू, गुटखा, जैसे व्यसन से बचें।
-प्राक्रतिक वेगों को रोके रखने कि आदत को छोड़ें जैसे मूत्र या मल।
-दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें|
-एक चम्मच अजवाइन के साथ चुटकी भर काला नमक भोजन के बाद चबाकर खाने से पेट कि गैस शीर्घ ही निकल जाती है|
-अदरक और नींबू का रस एक एक चम्मच कि मात्रा में लेकर थोड़ा सा नमक मिलकर भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से गैस कि सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं , और भोजन भो हजम हो जाता है!
-भोजन करते समय बीच बीच में लहसुन, हिंग, थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती|
-हरड, सोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती!
-नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है!
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-मानसिक तनाव, अशांति, भय, चिंता, क्रोध के कारण पाचन अंगों के आवश्यक पाचक रसों का स्राव कम हो जाता है, जिससे अज्रीर्ण(Indigestion) की तकलीफ हो जाती है और अज्रीर्ण का विकृत रूप गैस कि बिमारी पैदा कर देता है।
-भोजन में मूंग, चना, मटर, अरहर, आलू, सेम, चावल, तथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियां, खिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटी, दूध, तोरई, कद्दू, पालक, टिंडा, शलजम, अदरक, आवंला, नींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
-भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं!
-भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं।
-तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें! भोजन सादा, सात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें।
-दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें।
-प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है।
-शराब, चाय, कॉफी, तम्बाकू, गुटखा, जैसे व्यसन से बचें।
-प्राक्रतिक वेगों को रोके रखने कि आदत को छोड़ें जैसे मूत्र या मल।
-दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें|
-एक चम्मच अजवाइन के साथ चुटकी भर काला नमक भोजन के बाद चबाकर खाने से पेट कि गैस शीर्घ ही निकल जाती है|
-अदरक और नींबू का रस एक एक चम्मच कि मात्रा में लेकर थोड़ा सा नमक मिलकर भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से गैस कि सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं , और भोजन भो हजम हो जाता है!
-भोजन करते समय बीच बीच में लहसुन, हिंग, थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती|
-हरड, सोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती!
-नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है!
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कोलेस्ट्रोल कम ऐसे करें
कोलेस्ट्रोल, एक ऐसी समस्या है जो अब आम बनती जा रही है। कोलेस्ट्रोल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार।, कोलेस्ट्रोल को कम करने के कुछ घरेलू उपचार यहाँ दिए जा रहे हैं-
- कच्ची लहसुन रोज सुबह खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।
- रोज 50 ग्राम कच्चा ग्वारपाठा खाली पेट खाने से खून में कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है।
- अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।
- सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें यह भी उपचार है।
- लहसुन, प्याज, इसके रस उपयोगी हैं।
- नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
- शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
- इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
- दूध पीते हैं तो उसमे जरा सी दालचीनी) डाल दो, कोलेस्ट्रोल कण्ट्रोल होगा।
- रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगो दें। प्रात: हिलाकर पानी पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।
कोलेस्ट्रोल, एक ऐसी समस्या है जो अब आम बनती जा रही है। कोलेस्ट्रोल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार।, कोलेस्ट्रोल को कम करने के कुछ घरेलू उपचार यहाँ दिए जा रहे हैं-
- कच्ची लहसुन रोज सुबह खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।
- रोज 50 ग्राम कच्चा ग्वारपाठा खाली पेट खाने से खून में कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है।
- अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।
- सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें यह भी उपचार है।
- लहसुन, प्याज, इसके रस उपयोगी हैं।
- नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
- शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
- इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
- दूध पीते हैं तो उसमे जरा सी दालचीनी) डाल दो, कोलेस्ट्रोल कण्ट्रोल होगा।
- रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगो दें। प्रात: हिलाकर पानी पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।
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हार्ट अटैक: ना घबराये ……!!!
सहज सुलभ उपाय ….
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल
का पत्ता….
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों,
बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक
का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास
पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई
रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे
स्थान पर रख दें, दवा तैयार।
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद
प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात
लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ
हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने
की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार
प्रयोग अवश्य करें।
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत
क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व
2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए,
बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली,
अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई
का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब
का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश,
गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें । ……
तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप क्यों बनाया.....?
सहज सुलभ उपाय ….
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल
का पत्ता….
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों,
बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक
का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास
पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई
रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे
स्थान पर रख दें, दवा तैयार।
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद
प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात
लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ
हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने
की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार
प्रयोग अवश्य करें।
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत
क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व
2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए,
बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली,
अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई
का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब
का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश,
गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें । ……
तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप क्यों बनाया.....?
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नींद ज्यादा आती क्यों है ?
समय पे भोजन न करने से और असमय घूमने से अधिक नींद आती है। ऐसे लोगो का ज्ञानइन्द्रियो और कर्मेन्द्रियों पर संतुलन न होने के कारन अधिक नींद आती है है।
उपचार :
१) सोंठ, बच, छोटी पीपल और सेंधा नमक सभी १०-१० ग्राम लेकर पीसना है और इस मिश्रण को रोज सूंघना है। इससे आप की नींद आने की बीमारी दूर हो जाएगी।
२) दूसरा इलाज ये है की १० ग्राम सौंफ को ५०० मिली पानी में उबालना है। तब तक उबले जब तक एक चौथाई हिस्सा बच जाये। फिर इस मिश्रण में थोड़ा सा नमक milaakar सुबह शाम इसका सेवन करे। जरुरत पड़ने पर ये नुस्खा फिर से अजमाए। इसके उपयोग से नींद आने की बीमारी तो दूर हो ही जाती है तथा आलस भी दूर हो जाता है।
समय पे भोजन न करने से और असमय घूमने से अधिक नींद आती है। ऐसे लोगो का ज्ञानइन्द्रियो और कर्मेन्द्रियों पर संतुलन न होने के कारन अधिक नींद आती है है।
उपचार :
१) सोंठ, बच, छोटी पीपल और सेंधा नमक सभी १०-१० ग्राम लेकर पीसना है और इस मिश्रण को रोज सूंघना है। इससे आप की नींद आने की बीमारी दूर हो जाएगी।
२) दूसरा इलाज ये है की १० ग्राम सौंफ को ५०० मिली पानी में उबालना है। तब तक उबले जब तक एक चौथाई हिस्सा बच जाये। फिर इस मिश्रण में थोड़ा सा नमक milaakar सुबह शाम इसका सेवन करे। जरुरत पड़ने पर ये नुस्खा फिर से अजमाए। इसके उपयोग से नींद आने की बीमारी तो दूर हो ही जाती है तथा आलस भी दूर हो जाता है।
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दूध से सौंदर्य को निखारने के घरेलु नुस्खे
***
कच्चे दूध को गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा पर निखार आता है।
गुलाब के 2 फूलों को पीसकर आधा ग्लास कच्चे दूध में 30 मिनट तक भिगोएं, फिर इस लेप
को आहिस्ता-आहिस्ता त्वचा पर मलें, सूखने पर ठंडे पानी से धुल दें, त्वचा गुलाबी और नर्म
हो जाएगी।
दूध में थोडा सा नमक मिलाकर चेहरे पर सुबह-शाम लगाने से मुहांसे दूर होते हैं।
आधा चम्मच काला तिल और आधा चम्मच सरसों को बारीक पीसकर दूध में मिलाकर
मुहांसे पर लगाने से मुहांसे समाप्त हो जाते हैं।
नीबूं का रस, आलू का रस, आटे का चोकर दूध में मिलाकर उबटन बनाकर मुंहासे के समय
लगाएं, मुहांसे समाप्त हो जाएंगे।
होंठ अगर काले हो गए हों तो दूध
को होठों पर लगाने से कालापन दूर होता है।
अगर आपके होंठ फट गए हैं तो रात को सोने से पहले एक बूंद गुलाबजल और एक बूंद नींबू
का रस दूध की मलाई में मिलाकर लगा लें, इससे
राहत मिलती है।
बादाम, बेसन, गाजर का रस दूध में मिलाकर उबटन की तरह लगाने से त्वचा में निखार आता है।
दूध को पूरे शरीर में रगडने से त्वचा मुलायम होती और निखार आता है।
नाखूनों को सुंदर बनाने के लिए कुछ देर तक दूध में भिगोकर रखें।
बरतन साफ करने से हाथ
खुरदुरा हो जाता है, इन पर दूध में नींबू का रस मिलाकर लगाने से हाथ की त्वचा मुलायम हो जाती है।
बादाम और लौंग को बराबर भाग में लेकर पावडर बना लें, आधा चम्मच दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाएं, थोडी देर बाद धुल लें, इससे चेहरे पर निखार आता है।
दूध की मलाई और हल्दी पावडर मिलाकर चेहरे पर मलें, दो हफ्ते बाद चेहरे पर निखार आ जाएगा।
काजू को रातभर दूध में भिगोकर सुबह उसे महीन पीसकर उसमें मुलतानी मिट्टी और नींबू का रस मिलाकर तैलीय और शुष्क
दोनों प्रकार की त्वचा पर
लगाया जा सकता है
2 चम्मच दूध की मलाई में एक चम्मच शहद मिलाकर अपनी त्वचा पर लगाएं, इससे त्वचा की खुश्की समाप्त होगी।
दूध की मलाई में थोडा सा पानी मिलाकर चेहरे का फेशियल किया जा सकता है
***
कच्चे दूध को गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा पर निखार आता है।
गुलाब के 2 फूलों को पीसकर आधा ग्लास कच्चे दूध में 30 मिनट तक भिगोएं, फिर इस लेप
को आहिस्ता-आहिस्ता त्वचा पर मलें, सूखने पर ठंडे पानी से धुल दें, त्वचा गुलाबी और नर्म
हो जाएगी।
दूध में थोडा सा नमक मिलाकर चेहरे पर सुबह-शाम लगाने से मुहांसे दूर होते हैं।
आधा चम्मच काला तिल और आधा चम्मच सरसों को बारीक पीसकर दूध में मिलाकर
मुहांसे पर लगाने से मुहांसे समाप्त हो जाते हैं।
नीबूं का रस, आलू का रस, आटे का चोकर दूध में मिलाकर उबटन बनाकर मुंहासे के समय
लगाएं, मुहांसे समाप्त हो जाएंगे।
होंठ अगर काले हो गए हों तो दूध
को होठों पर लगाने से कालापन दूर होता है।
अगर आपके होंठ फट गए हैं तो रात को सोने से पहले एक बूंद गुलाबजल और एक बूंद नींबू
का रस दूध की मलाई में मिलाकर लगा लें, इससे
राहत मिलती है।
बादाम, बेसन, गाजर का रस दूध में मिलाकर उबटन की तरह लगाने से त्वचा में निखार आता है।
दूध को पूरे शरीर में रगडने से त्वचा मुलायम होती और निखार आता है।
नाखूनों को सुंदर बनाने के लिए कुछ देर तक दूध में भिगोकर रखें।
बरतन साफ करने से हाथ
खुरदुरा हो जाता है, इन पर दूध में नींबू का रस मिलाकर लगाने से हाथ की त्वचा मुलायम हो जाती है।
बादाम और लौंग को बराबर भाग में लेकर पावडर बना लें, आधा चम्मच दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाएं, थोडी देर बाद धुल लें, इससे चेहरे पर निखार आता है।
दूध की मलाई और हल्दी पावडर मिलाकर चेहरे पर मलें, दो हफ्ते बाद चेहरे पर निखार आ जाएगा।
काजू को रातभर दूध में भिगोकर सुबह उसे महीन पीसकर उसमें मुलतानी मिट्टी और नींबू का रस मिलाकर तैलीय और शुष्क
दोनों प्रकार की त्वचा पर
लगाया जा सकता है
2 चम्मच दूध की मलाई में एक चम्मच शहद मिलाकर अपनी त्वचा पर लगाएं, इससे त्वचा की खुश्की समाप्त होगी।
दूध की मलाई में थोडा सा पानी मिलाकर चेहरे का फेशियल किया जा सकता है
==================================================
कम खाइए , फिट रहिए
संतुलित आहार लेना हर इंसान के लिए उतना ही आवश्यक है जितना जीन के लिए सांस का लेना जरूरी है परंतु कैलोरीज को खर्च करना भी उतना ही आवश्यक है । शरीर को प्रतिदिन कितनी कैलोरीज की आवश्यकता है , यह हर इंसान के बेसल मेटाबोलिक रेट पर निर्भर करता है । यदि आप अपने आपको मेंटेन करना चाहते है तो कुछ बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें :-
रेशेदार भोजन आपका पेट कम करने में सहायक होता है , इसलिए अपने भोजन में इसको शामिल करें जैसे सलाद , कुछ फल और सूप आदि ।
दिन में तीन बड़े आहार और दो छोटे आहार अपने भोजन का हिस्सा बनायें । आहार लेते समय भोजन की मात्रा पर विशेष ध्यान दें । थोड़े समय के अंतर पर थोड़ी मात्रा में लिया आहार आपकी भूख को शांत रखने में सहायक होगा ।
गरिष्ट भोजन खाते समय उसकी मात्रा की सीमा को पहले से तय कर ले क्योंकि अधिक तला और मीठा भोजन आपके शरीर में जैम जाएगा ।
यदी पहले से निशित हो की पार्टी में जाना है तो घर से सलाद , फल या सूप का सेवन अवश्य करके जाए जिससे पार्टी पर आप अपने पर नियंत्रण रख सकें ।
दिन में 10 से 12 गिलास जल पिए ।
तनावपूर्ण वातावरण में भोजन करने से कतराएं । स्वयं भी भोजन के समय तनावमुक्त रहने की कोशिश करें ।
परिवार के साथ इकट्ठे बैठकर ही भोजन करें ।
फास्ट फुड अधिक कैलोरी देते है , इसलिए इसे अपने भोजन में शामिल न करें ।
अपने आपको खुश रखे और आसपास का वातावरण भी हल्का बनाए रखे जिससे तनाव नहीं बढेगा ।
शरीर की चुस्ती और स्फूर्ती के लिए प्रतिदिन सुबह , शाम घूमें और हल्का व्यायाम अवश्य करें ।
पुरुषों को अधिक कैलोरीज की आवश्यकता होती है और स्त्रियों को उनसे कम , इसलिए महिलाओं को पुरूषों का खाने में मुकाबला नहीं करना चाहिए ।
अपने प्रतिदिन के भोजन में अंकुरित सलाद को स्थान दे ।
भोजन में तब्दीली बनाए रखे नहीं तो आप जल्दी ही अपने भोजन से बोर हो जायंगे ।
बासी भोजन न खाएं । कोशिश करें की थोड़ा खाना पकाएं जो एक या दो बार में ख़त्म हो जाये क्योंकी बासी भोजन अपना महत्त्व और पौष्टिकता खो देते है ।
जब परिवार के साथ इकट्ठे बैठकर भोजन किया जाता है तो बातों – बातों में आवश्यकता से अधिक खा लिया जाता है इसलिए अधिक खाने पर नियंत्रण रखे ।
टी . वी . देखते समय स्नैक्स के रूप में लोग कुछ खाते रहते है और टी . वी . देखने की मस्ती में पता ही नहीं चलता की kab नमकीन या वेफर्स का पैकेट ख़तम हो जाता है इसलिए टी . वी . देखते वक्त ऐसे खाने पीने की आदत मत डालिए ।
संतुलित आहार लेना हर इंसान के लिए उतना ही आवश्यक है जितना जीन के लिए सांस का लेना जरूरी है परंतु कैलोरीज को खर्च करना भी उतना ही आवश्यक है । शरीर को प्रतिदिन कितनी कैलोरीज की आवश्यकता है , यह हर इंसान के बेसल मेटाबोलिक रेट पर निर्भर करता है । यदि आप अपने आपको मेंटेन करना चाहते है तो कुछ बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें :-
रेशेदार भोजन आपका पेट कम करने में सहायक होता है , इसलिए अपने भोजन में इसको शामिल करें जैसे सलाद , कुछ फल और सूप आदि ।
दिन में तीन बड़े आहार और दो छोटे आहार अपने भोजन का हिस्सा बनायें । आहार लेते समय भोजन की मात्रा पर विशेष ध्यान दें । थोड़े समय के अंतर पर थोड़ी मात्रा में लिया आहार आपकी भूख को शांत रखने में सहायक होगा ।
गरिष्ट भोजन खाते समय उसकी मात्रा की सीमा को पहले से तय कर ले क्योंकि अधिक तला और मीठा भोजन आपके शरीर में जैम जाएगा ।
यदी पहले से निशित हो की पार्टी में जाना है तो घर से सलाद , फल या सूप का सेवन अवश्य करके जाए जिससे पार्टी पर आप अपने पर नियंत्रण रख सकें ।
दिन में 10 से 12 गिलास जल पिए ।
तनावपूर्ण वातावरण में भोजन करने से कतराएं । स्वयं भी भोजन के समय तनावमुक्त रहने की कोशिश करें ।
परिवार के साथ इकट्ठे बैठकर ही भोजन करें ।
फास्ट फुड अधिक कैलोरी देते है , इसलिए इसे अपने भोजन में शामिल न करें ।
अपने आपको खुश रखे और आसपास का वातावरण भी हल्का बनाए रखे जिससे तनाव नहीं बढेगा ।
शरीर की चुस्ती और स्फूर्ती के लिए प्रतिदिन सुबह , शाम घूमें और हल्का व्यायाम अवश्य करें ।
पुरुषों को अधिक कैलोरीज की आवश्यकता होती है और स्त्रियों को उनसे कम , इसलिए महिलाओं को पुरूषों का खाने में मुकाबला नहीं करना चाहिए ।
अपने प्रतिदिन के भोजन में अंकुरित सलाद को स्थान दे ।
भोजन में तब्दीली बनाए रखे नहीं तो आप जल्दी ही अपने भोजन से बोर हो जायंगे ।
बासी भोजन न खाएं । कोशिश करें की थोड़ा खाना पकाएं जो एक या दो बार में ख़त्म हो जाये क्योंकी बासी भोजन अपना महत्त्व और पौष्टिकता खो देते है ।
जब परिवार के साथ इकट्ठे बैठकर भोजन किया जाता है तो बातों – बातों में आवश्यकता से अधिक खा लिया जाता है इसलिए अधिक खाने पर नियंत्रण रखे ।
टी . वी . देखते समय स्नैक्स के रूप में लोग कुछ खाते रहते है और टी . वी . देखने की मस्ती में पता ही नहीं चलता की kab नमकीन या वेफर्स का पैकेट ख़तम हो जाता है इसलिए टी . वी . देखते वक्त ऐसे खाने पीने की आदत मत डालिए ।
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■ " चूना अमृत है " ..■
〰〰〰〰〰〰〰
चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर
बीमारी ठीक कर
देते है ।
जैसे किसी को पीलिया हो जाये माने
जॉन्डिस
उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ;
गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में
मिलाकर पिलाने से बहुत
जल्दी पीलिया ठीक कर देता है ।
और ये ही चूना नपुंसकता की सबसे
अच्छी दवा है -
■ अगर किसी के शुक्राणु
नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ
चूना पिलाया जाये तो
साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे;
और
जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते
उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना ।
■ बिद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत
अच्छा है जो लम्बाई बढाता है -
■ गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में
मिला के खाना चाहिए,
दही नही है तो दाल में मिला के खाओ,
दाल नही है तो पानी में मिला के पियो -
इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण
शक्ति भी बहुत अच्छा होता है ।
■ जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है
मतिमंद बच्चे
उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना
■ जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में
काम करते है, देर में सोचते है हर चीज
उनकी स्लो है उन सभी बच्चे
को चूना खिलाने से अच्छे
हो जायेंगे ।
■ बहनों को अपने मासिक धर्म के समय
अगर कुछ भी तकलीफ
होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है
चूना ।
हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र
पचास वर्ष हो गयी और उनका मासिक
धर्म बंध हुआ उनकी सबसे
अच्छी दवा है चूना;
गेहूँ के दाने के बराबर चूना हर दिन
खाना दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में
घोल के पीना ।
जब कोई माँ गर्भावस्था में है
तो चूना रोज खाना चाहिए
क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे
ज्यादा केल्शियम की जरुरत होती है और
चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है ।
■ गर्भवती माँ को चूना खिलाना चाहिए
अनार के रस में - अनार का रस एक कप और
चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज
पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये
तो चार फायदे होंगे -
■ पहला फायदा :-
माँ को बच्चे के जनम के समय कोई तकलीफ
नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगा,
■ दूसरा :-
बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट
और तंदुरुस्त
होगा ,
■ तीसरा फ़ायदा :-
बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार
नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया ,
■ चौथा सबसे बड़ा लाभ :-
बच्चा बहुत होशियार होता है बहुत
Intelligent और Brilliant होता है
उसका IQ बहुत अच्छा होता है ।
चूना घुटने का दर्द ठीक करता है , ■ कमर
का दर्द ठीक करता है ,
■ कंधे का दर्द ठीक करता है,
■ एक खतरनाक बीमारी है Spondylitis
वो चुने से ठीक होता है ।
कई बार हमारे रीढ़की हड्डी में जो मनके
होते है उसमे दुरी बढ़ जाती है Gap आ
जाता है - ये चूना ही ठीक करता है
उसको; रीड़ की हड्डी की सब
बीमारिया चूने से ठीक होता है ।
अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई
हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे
ज्यादा चूने में है ।
चूना खाइए सुबह को खाली पेट ।
■ मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है
तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है ,
■ मुंह में अगर छाले हो गए है
तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक
हो जाता है ।
■ शरीर में जब खून कम हो जाये
तो चूना जरुर लेना चाहिए ,
■ एनीमिया है खून की कमी है उसकी सबसे
अच्छी दवा है ये चूना ,
चूना पीते रहो गन्ने के रस में , या संतरे के
रस में नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस
में - अनार के रस में चूना पिए खून बहुत
बढता है ,
बहुत जल्दी खून बनता है -
एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के
बराबर चूना सुबह
खाली पेट ।
भारत के जो लोग चूने से पान खाते है, बहुत
होशियार लोग
है पर तम्बाकू नही खाना, तम्बाकू ज़हर है
और चूना अमृत है ..
तो चूना खाइए तम्बाकू मत खाइए और
पान खाइए चूने का उसमे कत्था मत
लगाइए, कत्था केन्सर करता है,
● पान में सुपारी मत डालिए ● सोंट
डालिए उसमे ,
● इलाइची डालिए ,
● लौंग डालिए.
● केशर डालिए ;
ये सब डालिए पान में चूना लगा के पर
तम्बाकू नही , सुपारी नही और
कत्था नही ।
■ घुटने में घिसाव आ गया और डॉक्टर कहे
के घुटना बदल दो तो भी जरुरत
नही चूना खाते रहिये
और
हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा खाइए घुटने
बहुत अच्छे काम
करेंगे ।
राजीव भाई कहते है चूना खाइए पर
चूना लगाइए मत किसको भी
..ये चूना लगाने के लिए नही है खाने के
लिए है ;
आजकल हमारे देश में चूना लगाने वाले बहुत
है पर ये भगवान ने खाने के लिए दिया है
〰〰〰〰〰〰〰
चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर
बीमारी ठीक कर
देते है ।
जैसे किसी को पीलिया हो जाये माने
जॉन्डिस
उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ;
गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में
मिलाकर पिलाने से बहुत
जल्दी पीलिया ठीक कर देता है ।
और ये ही चूना नपुंसकता की सबसे
अच्छी दवा है -
■ अगर किसी के शुक्राणु
नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ
चूना पिलाया जाये तो
साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे;
और
जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते
उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना ।
■ बिद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत
अच्छा है जो लम्बाई बढाता है -
■ गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में
मिला के खाना चाहिए,
दही नही है तो दाल में मिला के खाओ,
दाल नही है तो पानी में मिला के पियो -
इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण
शक्ति भी बहुत अच्छा होता है ।
■ जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है
मतिमंद बच्चे
उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना
■ जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में
काम करते है, देर में सोचते है हर चीज
उनकी स्लो है उन सभी बच्चे
को चूना खिलाने से अच्छे
हो जायेंगे ।
■ बहनों को अपने मासिक धर्म के समय
अगर कुछ भी तकलीफ
होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है
चूना ।
हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र
पचास वर्ष हो गयी और उनका मासिक
धर्म बंध हुआ उनकी सबसे
अच्छी दवा है चूना;
गेहूँ के दाने के बराबर चूना हर दिन
खाना दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में
घोल के पीना ।
जब कोई माँ गर्भावस्था में है
तो चूना रोज खाना चाहिए
क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे
ज्यादा केल्शियम की जरुरत होती है और
चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है ।
■ गर्भवती माँ को चूना खिलाना चाहिए
अनार के रस में - अनार का रस एक कप और
चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज
पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये
तो चार फायदे होंगे -
■ पहला फायदा :-
माँ को बच्चे के जनम के समय कोई तकलीफ
नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगा,
■ दूसरा :-
बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट
और तंदुरुस्त
होगा ,
■ तीसरा फ़ायदा :-
बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार
नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया ,
■ चौथा सबसे बड़ा लाभ :-
बच्चा बहुत होशियार होता है बहुत
Intelligent और Brilliant होता है
उसका IQ बहुत अच्छा होता है ।
चूना घुटने का दर्द ठीक करता है , ■ कमर
का दर्द ठीक करता है ,
■ कंधे का दर्द ठीक करता है,
■ एक खतरनाक बीमारी है Spondylitis
वो चुने से ठीक होता है ।
कई बार हमारे रीढ़की हड्डी में जो मनके
होते है उसमे दुरी बढ़ जाती है Gap आ
जाता है - ये चूना ही ठीक करता है
उसको; रीड़ की हड्डी की सब
बीमारिया चूने से ठीक होता है ।
अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई
हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे
ज्यादा चूने में है ।
चूना खाइए सुबह को खाली पेट ।
■ मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है
तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है ,
■ मुंह में अगर छाले हो गए है
तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक
हो जाता है ।
■ शरीर में जब खून कम हो जाये
तो चूना जरुर लेना चाहिए ,
■ एनीमिया है खून की कमी है उसकी सबसे
अच्छी दवा है ये चूना ,
चूना पीते रहो गन्ने के रस में , या संतरे के
रस में नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस
में - अनार के रस में चूना पिए खून बहुत
बढता है ,
बहुत जल्दी खून बनता है -
एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के
बराबर चूना सुबह
खाली पेट ।
भारत के जो लोग चूने से पान खाते है, बहुत
होशियार लोग
है पर तम्बाकू नही खाना, तम्बाकू ज़हर है
और चूना अमृत है ..
तो चूना खाइए तम्बाकू मत खाइए और
पान खाइए चूने का उसमे कत्था मत
लगाइए, कत्था केन्सर करता है,
● पान में सुपारी मत डालिए ● सोंट
डालिए उसमे ,
● इलाइची डालिए ,
● लौंग डालिए.
● केशर डालिए ;
ये सब डालिए पान में चूना लगा के पर
तम्बाकू नही , सुपारी नही और
कत्था नही ।
■ घुटने में घिसाव आ गया और डॉक्टर कहे
के घुटना बदल दो तो भी जरुरत
नही चूना खाते रहिये
और
हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा खाइए घुटने
बहुत अच्छे काम
करेंगे ।
राजीव भाई कहते है चूना खाइए पर
चूना लगाइए मत किसको भी
..ये चूना लगाने के लिए नही है खाने के
लिए है ;
आजकल हमारे देश में चूना लगाने वाले बहुत
है पर ये भगवान ने खाने के लिए दिया है
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पीलिया का घरेलू उपचार
एक नग खाने का बंगला पान (खाने में चरपरा, तीखा लगता है) लेकर इस पान को चूना और कत्था लगाएं । अब इस पान में अंक (अकौंना, मदार जामुनी फूल वाला) का दूध 3-4 बूँद डालकर प्रात: खा लें | इससे पीलिया शर्तिया ठीक हो सकता है । यदि आंख की सफेद पुतली, ऊपरी आधी-चौड़ाई सतह ही पीली हुई हो तो 3 दिन यह पान खाने पर पीलिया एकदम ठीक हो जाता है । पूरी सफेद पुतली होने पर ठीक होने के लिये 5 दिन लग जाते है ।
आक पत्ते का दूध प्राप्त करने की विधि - 1. सूर्योदय से पूर्व आक का पत्ता तोड़ कर दूध निकाल लेना चाहिये । 2. आक का दूध चिकना होता है । और आंखों के लिये अत्यंत हानिकारक होता है ।
सावधानी - अत: पत्ते से दूध निकालते समय हाथ किसी प्रकार से आंखों में नहीं लगना चाहिये अन्यथा आंख पर गलती से भी आक का दूध लग जाने से आंख खराब हो सकती है । बच्चों से कभी आक का पत्ता, फूल तोड़ने को नहीं कहना चाहिये । 3. आक के पत्ते के पीछे सफेद रेशे रहते है । इन्हें पोंछकर साफ कर लेना चाहिये न पोंछने पर उल्टी हो सकती है । बरसात एवं बादल के समय पत्तों पर पीछे पीले-लाल रंग के कीड़े रहते हैं उन्हें हटा देना चाहिए ।
गन्ने का रस पीलिया रोग में बड़ा लाभ-प्रद है यह पीलिया की जड़ काट देता है
एक नग खाने का बंगला पान (खाने में चरपरा, तीखा लगता है) लेकर इस पान को चूना और कत्था लगाएं । अब इस पान में अंक (अकौंना, मदार जामुनी फूल वाला) का दूध 3-4 बूँद डालकर प्रात: खा लें | इससे पीलिया शर्तिया ठीक हो सकता है । यदि आंख की सफेद पुतली, ऊपरी आधी-चौड़ाई सतह ही पीली हुई हो तो 3 दिन यह पान खाने पर पीलिया एकदम ठीक हो जाता है । पूरी सफेद पुतली होने पर ठीक होने के लिये 5 दिन लग जाते है ।
आक पत्ते का दूध प्राप्त करने की विधि - 1. सूर्योदय से पूर्व आक का पत्ता तोड़ कर दूध निकाल लेना चाहिये । 2. आक का दूध चिकना होता है । और आंखों के लिये अत्यंत हानिकारक होता है ।
सावधानी - अत: पत्ते से दूध निकालते समय हाथ किसी प्रकार से आंखों में नहीं लगना चाहिये अन्यथा आंख पर गलती से भी आक का दूध लग जाने से आंख खराब हो सकती है । बच्चों से कभी आक का पत्ता, फूल तोड़ने को नहीं कहना चाहिये । 3. आक के पत्ते के पीछे सफेद रेशे रहते है । इन्हें पोंछकर साफ कर लेना चाहिये न पोंछने पर उल्टी हो सकती है । बरसात एवं बादल के समय पत्तों पर पीछे पीले-लाल रंग के कीड़े रहते हैं उन्हें हटा देना चाहिए ।
गन्ने का रस पीलिया रोग में बड़ा लाभ-प्रद है यह पीलिया की जड़ काट देता है
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