ये न्यूयार्क मेँ आयोजित एक डाग परेड का चित्र हैँ जहाँ
एक कुत्ते को ईसाइयोँ के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप की
ड्रेस मेँ सजाया गया है। अब सोचिये अगर यही किसी
और ने किया होता तो ये भारत के पादरी और सिकुलर
तथा वामपथीँ अबतक मिट्टी मेँ लोटने लगे हो होते।
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एक कुत्ते को ईसाइयोँ के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप की
ड्रेस मेँ सजाया गया है। अब सोचिये अगर यही किसी
और ने किया होता तो ये भारत के पादरी और सिकुलर
तथा वामपथीँ अबतक मिट्टी मेँ लोटने लगे हो होते।
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एक संत की कथा में एक बालिका खड़ी हो गई।
उसके चेहरे पर आक्रोश साफ दिखाई दे रहा था।
उसके साथ आए उसके परिजनों ने उसको बिठाने की कोशिश की, लेकिन बालिका नहीं मानी।
उसके चेहरे पर आक्रोश साफ दिखाई दे रहा था।
उसके साथ आए उसके परिजनों ने उसको बिठाने की कोशिश की, लेकिन बालिका नहीं मानी।
संत ने पूछा...... बोलो बालिका क्या बात है?
बालिका ने कहा, महाराज घर में लड़के को हर प्रकार की आजादी होती है। वह कुछ भी करे, कहीं भी जाए उस पर कोई खास टोका टाकी नहीं होती।
इसके विपरीत लड़कियों को बात बात पर टोका जाता है। यह मत करो, यहाँ मत जाओ, घर जल्दी आ जाओ। आदि आदि।
संत ने उसकी बात सुनी और मुस्कुराने लगे।
उसके बाद उन्होंने कहा, बालिका तुमने कभी लोहे की दुकान के बाहर पड़े लोहे के गार्डर देखे हैं?
ये गार्डर सर्दी, गर्मी, बरसात, रात दिन इसी प्रकार पड़े रहतें हैं।
इसके बावजूद इनकी कीमत पर कोई अन्तर नहीं पड़ता। लड़कों की फितरत कुछ इसी प्रकार की है समाज में।
बालिका ने कहा, महाराज घर में लड़के को हर प्रकार की आजादी होती है। वह कुछ भी करे, कहीं भी जाए उस पर कोई खास टोका टाकी नहीं होती।
इसके विपरीत लड़कियों को बात बात पर टोका जाता है। यह मत करो, यहाँ मत जाओ, घर जल्दी आ जाओ। आदि आदि।
संत ने उसकी बात सुनी और मुस्कुराने लगे।
उसके बाद उन्होंने कहा, बालिका तुमने कभी लोहे की दुकान के बाहर पड़े लोहे के गार्डर देखे हैं?
ये गार्डर सर्दी, गर्मी, बरसात, रात दिन इसी प्रकार पड़े रहतें हैं।
इसके बावजूद इनकी कीमत पर कोई अन्तर नहीं पड़ता। लड़कों की फितरत कुछ इसी प्रकार की है समाज में।
अब तुम चलो एक जोहरी की दुकान में। एक बड़ी तिजोरी, उसमे एक छोटी तिजोरी। उसके अन्दर कोई छोटा सा चोर खाना। उसमे से छोटी सी डिब्बी निकालेगा। डिब्बी में रेशम बिछा होगा। उस पर होगा हीरा।
क्योंकि वह जानता है कि अगर हीरे में जरा भी खरोंच आ गई तो उसकी कोई कीमत नहीं रहेगी।
समाज में लड़कियों की अहमियत कुछ इसी प्रकार की है। हीरे की तरह।
जरा सी खरोंच से उसका और उसके परिवार के पास कुछ नहीं रहता। बस यही अन्तर है लडकियों और लड़कों में।
इस से साफ है कि परिवार लड़कियों की परवाह अधिक करता है।
बालिका को समझ में आ गया क्यों बच्चियों की फिक्र ज्यादा होती है...
समाज में लड़कियों की अहमियत कुछ इसी प्रकार की है। हीरे की तरह।
जरा सी खरोंच से उसका और उसके परिवार के पास कुछ नहीं रहता। बस यही अन्तर है लडकियों और लड़कों में।
इस से साफ है कि परिवार लड़कियों की परवाह अधिक करता है।
बालिका को समझ में आ गया क्यों बच्चियों की फिक्र ज्यादा होती है...
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ठंड में खाने के बाद गुड़ जरूर खाएंगे, जब जान जाएंगे ये लाजवाब फायदे!
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गुड़ का सेवन अधिकांश लोग ठंड में ही करते हैं वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में काम करता है।आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला, खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से बीमारियों में राहत मिलती है।
- गुड़ में सुक्रोज 59.7 प्रतिशत, ग्लूकोज 21.8 प्रतिशत, खनिज तरल 26प्रतिशत तथा जल अंश 8.86 प्रतिशत मौजूद होते हैं।इसके अलावा गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और ताम्र तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। इसलिए चाहे हर मौसम में आप गुड़ खाना न पसन्द करें लेकिन ठंड में गुड़ जरूर खाएं।
- यह सेलेनियम के साथ एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। गुड़ में मध्यम मात्रा में कैल्शियम, फॉस्फोरस व जस्ता पाया जाता है यही कारण है कि इसका रोजाना सेवन करने वालों का इम्युनिटी पॉवर बढ़ता है। गुड़ में मैग्नेशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए ये बॉडी को रिचार्ज करता है साथ ही इसे खाने से थकान भी दूर होती है।
- गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा परेशान नहीं करता है। रोजाना गुड़ का सेवन हाइब्लडप्रेशर को कंट्रोल करता है। जिन लोगों को खून की कमी हो उन्हें रोज थोड़ी मात्रा में गुड़ जरूर खाना चाहिए। इससे शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
- गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालता है व सर्दियों में, यह शरीर के तापमान को विनियमित करने में मदद करता है। यह लड़कियों के मासिक धर्म को नियमित करने यह मददगार होता है।
- अगर आप गैस या एसिडिटी से परेशान हैं तो खाने के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं ऐसा करने से ये दोनों ही समस्याएं नहीं होती हैं। गुड़, सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।
- ठंड में कई लोगों को कान के दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे में कान में सरसो का तेल डालने से व गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
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नीचे बैठा हुआ युवा जो पहली नजर में एक कुकर्मी लगता है यही अब जामा मस्जिद का पेशे इमाम बनने जा रहा है
बुखारी का ये बेटा जो औरतो का रसिया है अब मुसलमानों को धार्मिक रास्ते पर चलने का उपदेश देगा
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