Wednesday, 12 November 2014

बुर्क़े वाली महिला को बाहर निकाला ...


फ्रांस की समाजवादी पार्टी ने चेहरा नहीं ढ़कने की अनुमति देने वाले अपने कानून को और कठोर करने का फैसला लिया है, इससे जुड़े एक घटनाक्रम में बुर्क़ा पहने एक मुस्लिम महिला को जबर्दस्ती एक बड़े ओपेरा हाउस से बाहर निकाल दिया गया. 'ला ट्रिविया' नाम के ग्रुप ने एक ऐसी महिला के सामने परफॉर्म करने से मना कर दिया जो बुर्क़े में वहां मौजूद थी ..महिला खाड़ी देश से जुड़ी है और अमीर परिवार से ताल्लुक रखती है. ओपेरा के डायरेक्टर ने गार्ड्स को निर्देश दिया कि वो महिला से या तो उसका नकाब उतारने को कहें या बाहर जाने को कहें.

ओपेरा के डायरेक्टर जेन फिलिप ने कहा, "दूसरे एक्ट के दौरान एक सिंगर का ध्यान पहली कतार में बैठी इस महिला की ओर गया. कुछ कलाकारों ने कहा कि वो नहीं गाना चाहते हैं."  साल 2011 से एक कानून के आने के बाद से फ्रांस में मुस्लिमों को बुर्क़ा पहनना मना है.पेरिस के आस-पास की महिलाओं को इसके लिए कई बार जुर्माना भरना पड़ा है.http://owl.li/D4S2e
कानूनी तौर पर महिला को इसके लिए जुर्माना भी भरना पड़ेगा. देश की संस्कृति मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि वो नए नियम बनाएंगे जिससे बुर्क़े पर बैन को सार्वजनिक जगहों पर कड़े रूप से लागू किया जा सके. बुर्क़े पर बैन लगाने वाला फ्रांस पहला यूरोपियन देश है. देश में 5 मिलियन मुस्लिम रहते हैं.
TP Shukla

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खबर के अंदर की खबर ......
बर्धमान विस्फोट का एक और संदिग्ध NIA ने किया गिरफ्तार..

बर्धमान विस्फोट मामले में एनआईए ने जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश :जेएमबी: आतंकवादी समूह का मुख्य सदस्य बताए जाने वाले अमजद शेख को गिरफ्तार किया।एनआईए ने शेख की गिरफ्तारी की सूचना देने के लिए पांच लाख रूपये नकद इनाम की घोषणा की थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर दस लाख कर दिया। विस्फोटों के तुरंत बाद एनआईए ने कोलकाता स्थित उसके आवास पर छापेमारी की और रसायनों की खरीद से संबंधित रसीद बरामद की जिनका इस्तेमाल आईईडी में किया गया था।

जांच में पता चला कि शेख भारत में जेएमबी के शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा है और दो अक्तूबर को हुए विस्फोट के बाद आठ अक्तूबर को उसने नयी दिल्ली में शरण ले ली और वहां से उत्तरप्रदेश के बस्ती चला गया जहां एक पुलिसकर्मी ने उसे कुछ दिनों तक शरण दी थी ।

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’अल-क़ायदा’ भारत को नए सीरिया और इराक में बदल देना चाहता है...
भारत की ख़ुफ़िया एजेन्सियों को इस बारे में विश्वस्त जानकारी मिली है। ख़ुफ़िया एजेन्सियों ने ’अल-क़ायदा’ और ’इण्डियन मुजाहिद्दीन’ के सदस्यों के बीच इस सिलसिले में इण्टरनेट पर हो रही बातचीत पकड़ी है और उसके बाद हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की है। इसके बाद ही ख़ुफ़िया एजेन्सियों ने यह  कि इन दोनों आतंकवादी संगठनों ने भारत में जिहाद चलाने का निर्णय ले लिया है।
 ये आतंकवादी संगठन भारत में विदेशी नागरिकों और यहूदियों का अपहरण करके उन्हें बन्धक बनाने की योजना बना रहे हैं ताकि अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी जाँचकर्ताओं पर हमले के आरोप में गिरफ़्तार और बाद में 86 साल की सज़ा देकर जेल में ठूँस दिए गए पाकिस्तानी न्यूरोसाइण्टिस्ट आफ़ी सिद्दीक़ी को छुड़ाया जा सके। नेपाल में भी इसी तरह की आतंकी गतिविधियाँ चलाने की योजना है। म्याँमार में मुजाहिद्दीन अपना अड्डा बनाना चाहते हैं ताकि स्थानीय बौद्धों से मुसलमानों पर किए गए हमलों का बदला लिया जा सके। भारत की ख़ुफ़िया एजेन्सी के पास इसके सैकड़ों सबूत हैं कि भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के आतंकवादियों ने इस सिलसिले में मुलाक़ातें की हैं और वे एक अण्डरग्राउण्ड नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के आतंकवादियों ने ये मुलाक़ातें ’अल-क़ायदा’ द्वारा यह घोषणा करने के बाद कीं कि दक्षिणी एशिया को भी मुस्लिम ख़िलाफ़त में शामिल किया जाएगा। जैसाकि आतंकवादी नम्बर-1 आयमान अज़ जवाहिरी ने बताया इसके लिए भारत में ’अल-क़ायदा’ की शाखा शुरू की गई है, जिसे यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वह दक्षिणी एशिया के देशों में जिहाद का झण्डा फहराए।  पाकिस्तान के इस्लामी रूढ़िवादी तत्त्वों की तरफ़ से भारत पर अक्सर आतंकवादी हमले होते रहे हैं। भारत ने इन हमलों का सामना किया और इस समस्या को हल कर लिया। भारत ने उत्तर और उत्तर-पश्चिम में अपनी सीमाओं को मजबूत बनाया है। 
 इस बात की बड़ी सम्भावना है कि सीरिया और इराक में हिंसा की जो लहर आज चल रही है, इन आतंकियों के घर वापिस लौटने के बाद भारत में भी फैल जाएगी। रूस की विज्ञान अकादमी के विश्व अर्थव्यवस्था और अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध संस्थान के अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा केन्द्र के विशेषज्ञ प्योतर तपिचकानफ़ ने कहा :भारतीय गुप्तचरों और सेना को अच्छी तरह से तैयार किया जा रहा है। उन्हें आधुनिकतम और नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है। इसलिए भारत में कट्टरपन्थी इस्लामी संगठन कोई ’ख़िलाफ़त’ नहीं बना सकेंगे।लेकिन फिर भी भारतीय ख़ुफ़िया एजेन्सियाँ इस तरह की सूचनाएँ पाकर चिन्तित हैं।
 ’इण्डियन मुजाहिद्दीन’ और वैश्विक आतंकवाद के बीच रिश्ता मजबूत होता जा रहा है, इसका एक प्रमाण पिछले सप्ताहान्त को भारत-पाक सीमा पर बनी बाघा चौकी पर हुए आतंकी धमाके से मिलता है। इसके अलावा भारतीय नौसेना को जब एक आतंकी हमले की तैयारी की ख़बर मिली तो नौसेना की कमान ने कोलकाता से दो युद्धपोतों को वापिस बुला लिया।
स्त्रोत : रेडियो रूस








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