भद्रकाली मंदिर कैसे बना जामा मस्जिद
अहमदाबाद का असली नाम कर्णावती था जिसका नाम दानव सुल्तान अहमद शाह ने बदल दिया था। अहमदाबाद का मतलब है अहमद का शहर
अहमदाबाद का असली नाम कर्णावती था जिसका नाम दानव सुल्तान अहमद शाह ने बदल दिया था। अहमदाबाद का मतलब है अहमद का शहर
सुल्तान अहमद शाह एक कट्टर मुस्लमान था जिसने अल्लाह के नाम पे कसम खायी हुई थी की वो काफिरों(हिन्दुओ) का खात्मा कर देगा ।
अहमद शाह ने मूर्तियों को तोड़ने के लिए और आसपास के क्षेत्र में हर हिंदू मंदिरों से धन लूटने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया था ।
सुल्तान अहमद शाह ने खुद सिद्धराज की रूद्रमहाल्या के शिव मंदिर को तोड़ने के लिए सिद्धपुर गया था ।ऊस मंदिर के टुकडो को नयी बनायीं हुई मस्जिद में उपयोग किया गया
अहमद शाह ने मूर्तियों को तोड़ने के लिए और आसपास के क्षेत्र में हर हिंदू मंदिरों से धन लूटने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया था ।
सुल्तान अहमद शाह ने खुद सिद्धराज की रूद्रमहाल्या के शिव मंदिर को तोड़ने के लिए सिद्धपुर गया था ।ऊस मंदिर के टुकडो को नयी बनायीं हुई मस्जिद में उपयोग किया गया
कर्णावती स्तिथ प्राचीन भद्रकाली मंदिर को भी नष्ट करके वह जामा मस्जिद बना दी गयी । देवी की मूर्तियों को कुचल दिया गया और तुकडे दरवाजे के नीचे दबा दिए गए । तांत्रिक आकृतियों को हटा दिया गया और सारे बहुमूल्य हीरे निकाल कर लूट लिए गए । देवी के सिंहासन को ग्रेव स्टोन के रूप में इस्तेमाल किया गया ।और उस दिन के बाद से कर्णावती के भद्रकाली मंदिर अहमदाबाद की जामा मस्जिद में बदल गया था ।
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शिवाजी महाराज ने अपने जीवनकाल मे लगभग 300 किले बनाए ... लेकिन उनमे से एक पर भी अपना नाम नहीं लिखा ..उन किलों की राज्य की जनता की सुरक्षा के लिए समर्पित
कर दिया ... और ज्यादातर किलों का नाम वह के स्थानीय देवी देवताओं के नाम पर रखा ... जिससे की वहाँ के लोगों की धार्मिक भावनाएं उन किलों से जुड़ी रहें ....ये थी सच्ची राष्ट्र सेवा
लेकिन हाय रे गाँधी परिवार !!!
इस परिवार के नाम से अबतक 1853योजनाएँ बन चुकी हैं !!कांग्रेसियों से इन योजनाओं का नाम गाँधी परिवार पर इसलिए रखा क्योंकि उससे भारत के लोगों की भावनाएं जुड़ी रहें .... और वर्षों तक भारत इसी लुटेरे खानदान का गुलाम बना रहे !!!
अब आप ही बताइये की सच्ची राष्ट्रभक्ति कौन सी है ?
कर दिया ... और ज्यादातर किलों का नाम वह के स्थानीय देवी देवताओं के नाम पर रखा ... जिससे की वहाँ के लोगों की धार्मिक भावनाएं उन किलों से जुड़ी रहें ....ये थी सच्ची राष्ट्र सेवा
लेकिन हाय रे गाँधी परिवार !!!
इस परिवार के नाम से अबतक 1853योजनाएँ बन चुकी हैं !!कांग्रेसियों से इन योजनाओं का नाम गाँधी परिवार पर इसलिए रखा क्योंकि उससे भारत के लोगों की भावनाएं जुड़ी रहें .... और वर्षों तक भारत इसी लुटेरे खानदान का गुलाम बना रहे !!!
अब आप ही बताइये की सच्ची राष्ट्रभक्ति कौन सी है ?
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सीरिया, ISIS आतंकवादियों ने 800 वर्ष पुरानी मस्जिद शहीद कर दी....
रेडियो ईरान...
सीरिया में तकफ़ीरी ISIS आतंकवादियों ने हलब शहर में एक ऐतिहासिक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया है।
प्राप्त समाचारों के मुताबिक़, रविवार को तकफ़ीरी आतंकवादियों ने हलब शहर में ऐतिहासिक मस्जिद को धमाके से उड़ा दिया।
नेश्नल टीवी के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 800 वर्ष पुरानी अल-सुल्तानिया मस्जिद को शहीद कर दिया।
सीरिया में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि आतंकवादियों ने मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए बड़ी मात्रा में विस्फ़ोटक पदार्थों का प्रयोग किया, जिससे होने वाला धमाका इतना ज़ोरदार था कि उसकी आवाज़ दूर दूर तक सुनी गई।
दूसरी ओर हलब में तकफ़ीरी आतंकवादियों और सीरियाई सैनिकों के बीच भीषण झड़पों की सूचना है।
किसी समय सीरिया की आर्थिक राजधानी समझा जाने वाला हलब शहर अब खंडहर में बदल चुका है।
आतंकवादियों ने इस शहर के लगभग आधे भाग पर क़ब्ज़ा कर रखा है। सीरियाई सैनिक तकफ़ीरी आतंकवादियों को इन इलाक़ों से खदेड़ने के लिए व्यापक कार्यवाही कर रहे हैं।
रेडियो ईरान...
सीरिया में तकफ़ीरी ISIS आतंकवादियों ने हलब शहर में एक ऐतिहासिक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया है।
प्राप्त समाचारों के मुताबिक़, रविवार को तकफ़ीरी आतंकवादियों ने हलब शहर में ऐतिहासिक मस्जिद को धमाके से उड़ा दिया।
नेश्नल टीवी के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 800 वर्ष पुरानी अल-सुल्तानिया मस्जिद को शहीद कर दिया।
सीरिया में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि आतंकवादियों ने मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए बड़ी मात्रा में विस्फ़ोटक पदार्थों का प्रयोग किया, जिससे होने वाला धमाका इतना ज़ोरदार था कि उसकी आवाज़ दूर दूर तक सुनी गई।
दूसरी ओर हलब में तकफ़ीरी आतंकवादियों और सीरियाई सैनिकों के बीच भीषण झड़पों की सूचना है।
किसी समय सीरिया की आर्थिक राजधानी समझा जाने वाला हलब शहर अब खंडहर में बदल चुका है।
आतंकवादियों ने इस शहर के लगभग आधे भाग पर क़ब्ज़ा कर रखा है। सीरियाई सैनिक तकफ़ीरी आतंकवादियों को इन इलाक़ों से खदेड़ने के लिए व्यापक कार्यवाही कर रहे हैं।
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सिर्फ गीता-गीता चिल्लाने से कुछ नहीं होगा... धूर्तता, चालबाजी और "पुश मार्केटिंग" सीखना हो तो "वेटिकन" से सीखो...
सिर्फ "खतरा है" बताने से कुछ नहीं होगा, "दोतरफा" गंभीर खतरा है, ये तो कई साल से पता है हमें... इसलिए बैठकें, मंथन, चिंतन, भोजन आदि कम करके जरा चर्च की तरफ देखो, कैसे दीमक की तरह आदिवासी इलाकों में घुसे बैठे हैं... सात-आठ राज्यों और केन्द्र में भाजपा की सरकारें क्या सिर्फ "मुंहदिखाई" के लिए हैं??
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