Wednesday, 10 December 2014

sanskar

दुनिया के इतहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा ना ही सोचा होगा, जिसमे 10 लाख की फ़ौज का सामना महज 42 लोगों के साथ हुआ था और जीत किसकी होती है उन 42 सूरमो की l
यह युद्ध 'चमकौर युद्ध' (Battle of Chamkaur) के नाम से भी जाना जाता है जो की मुग़ल योद्धा वज़ीर खान की अगवाई में 10 लाख की फ़ौज का सामना सिर्फ 42 सिखों के सामने हुआ जो की गुरु गोबिंद सिंह जी की अगवाई में त्यार हुए थे l
नतीजा यह निकलता है की उन 42 शूरवीर की जीत होती है जो की मुग़ल हुकूमत की नीव जो की बाबर ने रखी थी l उसे जड़ से उखाड़ दिया और भारत को आज़ाद भारत का दर्ज़ा दिया l
औरंगज़ेब ने भी उस वक़्त गुरु गोबिंद सिंह जी के आगे घुटने टेके और मुग़ल राज का अंत हुआ हिन्दुस्तान से l
तभी औरंगेब ने एक प्रश्न किया गुरु गोबिंद सिंह जी के सामने, की यह कैसी फ़ौज तयार की आपने जिसने 10 लाख की फ़ौज को उखाड़ फेका !
गुरु गोबिंद सिंह जी ने जवाब दिया.. चिड़ियों से मैं बाज लडाऊ ..
गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ ..
सवा लाख से एक लडाऊ तभी गोबिंद सिंह नाम कहउँ !
गुरु गोबिंद सिंह जी ने जो कहा वो किया, जिन्हे आज हर कोई शीश झुकता है l यह है हमारे भारत की अनमोल विरासत जिसे हमने कभी पढ़ा ही नहीं l
अगर आपको यकीन नहीं होता तो एक बार जरूर गूगल में लिखे 'बैटल ऑफ़ चमकौर' और सच आपको पता लगेगा l आपको अगर थोड़ा सा भी अच्छा लगा और आपको भारतीय होने का गर्व है तो जरूर इसे आगे जरूर शेयर करे जिससे की हमारे भारत के गौरवशाली इतहास के बारे में दुनिया को पता लगे l

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महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक तथ्य
1.महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।
2.जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर अाए| तब माँ का जवाब मिला ” उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ” बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘ किताब में आप ये बात पढ़ सकते है |

3.महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो था और कवच का वजन 80
किलो कवच , भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाये तो 207 किलो
4.आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के
संग्रहालय में सुरक्षित हैं |
5.अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान
के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी |
6.हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |
7.राणाप्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना जो आज हल्दी घाटी में सुरक्षित है |
8.महाराणा ने जब महलो का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगो ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारे बनायीं इसी समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गड़लिया लोहार कहा जाता है नमन है ऐसे लोगो को |
9.हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पायी गयी।
आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला |
10.महाराणा प्रताप अस्त्र शस्त्र की शिक्षा जैमल मेड़तिया ने दी थी जो 8000 राजपूतो को लेकर 60000 से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे |
11.राणा प्रताप के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |
12.मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो राणाप्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा जी बिना भेद भाव के उन के साथ रहते थे आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत है तो दूसरी तरफ भील |
13.राणा का घोडा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद
वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर
गया। जहा वो घायल हुआ वहीं आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है
जहाँ मरा वहाँ मंदिर है |
14.राणा का घोडा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके मुँह के आगे हाथी की सूंड
लगाई जाती थी यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे |
15.मरने से पहले महाराणा ने खोया हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत
लिया था *सोने चांदी और महलो को छोड़ वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे |
16.महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान
वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में |
17.मेवाड़ राजघराने के वारिस को एकलिंग जी भगवान का दीवान
माना जाता है |
18 . छत्रपति शिवाजी भी मूल रूप से मेवाड़ से ताल्लुक रखते थे वीर शिवाजी के
परदादा उदयपुर महाराणा के छोटे भाई थे |
19.अकबर को अफगान के शेख रहमुर खान ने कहा था अगर तुम राणा प्रताप और
जयमल मेड़तिया को अपने साथ मिला लो तो तुम्हे विश्व विजेता बनने से कोई
नहीं रोक सकता पर इन दोनों वीरो ने जीते जी कभी हार नहीं मानी |
20.नेपाल का राज परिवार भी चित्तौड़ से निकला है दोनों में भाई और खून का रिश्ता है |
21.मेवाड़ राजघराना आज भी दुनिया का सबसे प्राचीन राजघराना है।
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हिंदी भाषा की रोचक बातें !!!!!
- 208 हिन्दी स्कूल अमेरिका मे और 117 हिन्दी स्कूल कनाडा में हैं ।
- 34 विश्वविद्यालय मौरीशस में हैं ।
- लगभग 74 हिन्दी शिक्षण संस्थायें औस्ट्रेलिया मे हैं ।
- वर्तमान में हिन्दी साउथ एशिया (भारत, पाकिस्तान, नेपाल व भूटान), साउथ अफ्रीका, मॉरीशस, यूएसए, कनाडा, फिजी, युगांडा, गुएना, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, न्यूजीलेंड, सिंगापुर जैसे देशों में भी व्यापक स्तर पर बोली जा रही है।
-हिन्दी भाषा 'इंडो यूरोपियन' परिवार से संबंध रखती है।
- इस भाषा के उद्गम का महाद्वीप 'एशिया' व देश 'भारत' है।
- भारत देश में हिन्दी भाषा को अधिकृत रुप से उपयोग किया जाता है।
- 366,000,000 लोगों के लिए यह भाषा 'मातृभाषा' है वहीं इस भाषा को कुल 487,000,000 लोग उपयोग करते हैं।
- हिन्दी की ढेरों बोलियाँ है जिसमें निमाड़ी, बुंदेलखंडी, खड़ीबोली आदि शामिल है।
आओ हम सब अपनी हिन्दी का मान बढायें । इस हिन्दी रूपी सूत्र में बंध कर एक हो जायें और अपनी हिन्दी को विश्व मंच पर सम्मान दिलायें ।
आज सिर्फ हम कह रहे हैं, पर हम प्रयास करेंगे तो एक दिन पूरी दुनिया कहेगी.. जो बात हिन्दी में है, वो किसी और में नहीं ।








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