सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन ने अपनी आत्मकथा "मणिबेन की डायरी में घनश्याम दास बिरला से अपनी बातचीत का कुछ हिस्सा लिखा है ... घनश्याम दास बिरला ने मणिबेन से कहा था की यदि जवाहर लाल नेहरु महात्मा गाँधी के सम्पर्क में नही आते तो वो इस्लाम स्वीकार कर लेते ..
पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने अपनी किताब "मेरा जीवन वृतांत" में पेज नम्बर 456 पर लिखा है "पता नही क्यों नेहरु को हिन्दू धर्म के प्रति एक पूर्वाग्रह था"
नेहरु ने हिन्दुओ को दोगला नागरिक बनाने के लिए हिन्दू कोड बिल लाने की बड़ी कोशिस की थी .. लेकिन सरदार पटेल ने नेहरु को चेतावनी देते हुए कहा था की यदि मेरे जीते जी आपने हिन्दू कोड बिल के बारे में सोचा तो मै कांग्रेस से इस्थिपा दे दूंगा और इस बिल के खिलाफ सड़को पर हिन्दुओ को लेकर उतर जाऊँगा ... फिर पटेल की धमकी से गद्दार नेहरु डर गया था ... और उसने सरकार पटेल जी के देहांत के बाद हिन्दू कोड बिल संसद में पास किया था ... इस बिल पर चर्चा के दौरान आचार्य जेबी कृपलानी ने नेहरु को कौमवादी और मुस्लिम परस्त कहा था .. उन्होंने कहा था की आप हिन्दुओ को धोखा देने के लिए ही जनेऊ पहनते हो .. वरना आपमें हिन्दुओ वाली कोई बात नही है यदि आप सच में धर्म निरपेक्ष होते तो हिन्दू कोड बिल के बजाय सभी धर्मो के लिए कामन कोड बिल लाते
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