हम केवल अपनी सुरक्षा के लिए नहीं लड़ रहे | केवल अपनी उन्नति के लिए नहीं लड़ रहे | हम तो अगर अपनी उन्नति और सुरक्षा की बलि देकर अगर दुनिया का कल्याण होता है तो वो भी देने को तैयार है | शिवजी ने दुनिया को बचाने के लिए विष पी लिया था | आज दुनिया को बचाने के लिए सम्पूर्ण हिन्दू समाज फिर से अमृतसंजीवनी लेकर खड़ा हो इसकी आवश्यकता है | हम इस संकल्प के योग्य अपने आप को बनायेंगे और मिलकर चलेंगे तो केवल हमारा ही नहीं सारी दुनिया के भले लोगो का कल्याण होगा और सारी दुनिया के दुष्ट लोगो को अपना मुंह छिपाने के लिए अँधेरे कोने की तलास करनी पड़ेगी | ये हमको करना है और ये पूरा होने तक अपने स्वार्थ का विचार नहीं करना | मेरा क्या होगा इससे डरना नहीं | ,=====mohan bhagwat
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