Monday, 15 December 2014

 चैनेल एबीपी न्यूज़ पर बहस का मुद्दा था "आईएसआईएस के जाल में युवा क्यों"
कई मौलवी और इस्लामिक स्कालर इसमें शामिल थे ... कई मौलवियों ने कहा की चूँकि भारत में मुस्लिम बहुत गरीब है .. उनके लिए सरकारे रोजगार के मौके नही सृजित करती ..उनके साथ समाज में बराबरी का व्यहार नही होता इसलिए भारत के मुस्लिम युवाओ आतंकी आसानी से बहला फुसला लेते है
अगर कोई सच्चा पत्रकार एकंरिग करता तो उस मौलवी के मुंह पर  बोलता  मौलाना  ईराक में कैसी गरीबी है ईराक में तो  १००% मुस्लिम ही है न ? इजिप्त में कैसी गरीबी है ? इजिप्त में भी १००% मुस्लिम है ... लेबनान का क्या हाल बना दिया तुम दोगलो ने ? उसकी राजधानी बेरुत को कभी गोल्ड कैपिटल ऑफ़ तक वर्ल्ड कहा जाता था ... आज बेरुत खंडहर बन चूका है .. सीरिया में एक भी हिन्दू नही है .और न ही सीरिया में गरीबी है .. फिर सीरिया क्यों बर्बाद हो गया ?? यमन, अफगानिस्तान जैसे देश जो कभी काफी सम्पन्न थे आज खंडहर क्यों बन गये ? क्या इसके पीछे भी गरीबी और हिन्दुओ का हाथ है ?? क्या बिन लादेन, जवाहिरी, बगदादी दाउद, मुहम्मद अत्ता , खालिद शेख मुहम्मद जैसे खूंखार आतंकी गरीबी से तंग आकर आतंकी बने ??
आज मुस्लिम आतंकी बन रहे है तो देवबंद जैसे आतंक के अड्डो पर अक्कर होने वाले जमातो में मौलानाओ द्वारा दिए जा रहे तकरीरो के कारण ... आज अगर भारत के मुस्लिम आतंकी बनते है तो जाकिर नाइक जैसे तथाकथित इस्लामिक विद्वान के तकरीरो के कारण क्योकि जाकिर नाइक कहता है की सुसाइड बम्बर बनकर गैर मुस्लिमो का कत्लेआम जायज है ...
लेकिन एकंर खामोश था ... शायद दूर से शाजी जमां उसे हड्डी दिखा रहा था की देख बेटा जैसे मै कहूँ वैसे डिबेट संचालित कर तभी रात को ये हड्डी और फलाना महिला एंकर के साथ मौजमस्ती करने का मौका दूंगा .. क्योकि एबीपी न्यूज़ के चकले पर सिर्फ हिन्दू विरोधी माहौल ही बनाया जाता है ...
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मीडिया सवाल पूछ रहा है कि" क्या हम ऐसे आतन्कवादी हमलो से निपटने को तैयार हैं ?"
जवाब हैं कतई नहीं क्योंकि
ये वही देश हैं जहां nia जैसी सुरक्षा एजेंसी को बंगाल में बर्धमान विस्फोट की जांच करने से मुस्लिमों की भीड़ रोक देती है ...
ये वही देश हैं जहां आंतकियो की मौत पर कोई माइनो रोती हैं ,तो कोई नेता आतन्कवादी को अपने राज्य की बेटी बना लेता है...
ये वही देश हैं जहां कोई केजरीवाल शहीदों को अपमानित कर बाटला हाउस एंकाउटर को झूठ बता देता है , तो कोई आम आदमी पार्टी अफजल गुरु, कसाब जैसे आतन्कवादियो के साथ नक्सलियों माओवादियो की पैरवी करती हैं...
ये वही देश हैं जहां औवेसी, बुखारी, आजम, बदरुद्दीन अजमल जैसे सांप पाले जाते हैं जो जब तब भारत की सम्प्रभुता को चुनौती देते हैं...
ये वही देश हैं जहां रवीश,बरखा,NDTV. ABP जैसे सेकुलर भांड घुसपैठियो, अलगाववादियो के पक्ष में डिबेट करते हैं..
देखा जाए तो ये देश तो आतन्कवादियो, घुसपैठियो के लिए ऐशगाह बन चुका है..
असली सख्ती तो विकसित देशों में दिखाई जाती हैं ....आप देख लीजिए
जापान में इस्लाम के प्रसार पर रोक है, चीन मे रोजा रमजान और दूसरे इस्लामी कार्यकलापो पर बंदिश है ..ये सब वहां आराम से हुआ क्योंकि वहां कोई सेकुलर गिरोह इसे" साम्प्रदायिक"..."नफरत फैलाने वाला" बोलकर अडचन लगाने वाला नहीं है...
यूरोपियन देशो जैसे फ्रांस बिट्रेन जर्मनी इटली आदि ने बुर्के उतरवा दिए है ...वहां मस्जिदो मे मीनारे और लाउडस्पीकर हटाये जा चुके है ..इसके अलावा वहा मुसलमानो के दूसरे रीति रिवाजो पर सख्त पांबदी है ...ये सब वहां आराम से हुआ क्योंकि वहां कोई सेकुलर गिरोह इसे 'साम्प्रदायिक "..." नफरत फैलाने वाला" बोलकर अडचन लगाने वाला नहीं है...
आजअमेरिका,फ्रांस,जर्मनी,जापान,बर्मा, रुस, इजराइल,आस्ट्रेलिया समेत तमाम विकसित देशों ने अपने देशों की सुरक्षा में कदम उठाते हुए इस्लाम और मुस्लिमो पर कई सख्त प्रतिबंध लगाए हैं, और ये सब वहां आराम से हुआ क्योंकि वहां कोई सेकुलर गिरोह इसे "साम्प्रदायिक"..." नफरत फैलाने वाला" बोलकर अडचन लगाने वाला नहीं है...
लेकिन हमारे देश में सख्ती तो छोडिए... योगी आदित्यनाथ या कोई राष्ट्रवादी नेता सबूतों और घटनाओं के आधार पर बयान भी दे दे ....तो सड़क से लेकर संसद तक सारी पार्टियां, सारा मीडिया, सारा बुद्धिजीवी वर्ग सब मिलकर उसे "साम्प्रदायिक"..." देश तोड़ने वाला"...." नफरत फैलाने वाला" और न जाने क्या क्या करार देते हैं... और हल्ला मचाकर सच्चाई को दबाने की कोशिश करते है...

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